फरवरी में मकर राशि में ग्रहों का महासंयोग, जानें देश-दुनिया पर इसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को विशेष स्थान दिया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रहों के गोचर का प्रभाव न केवल प्राणी मात्र पर पड़ता है बल्कि समस्त देश और दुनिया पर भी इसका प्रभाव किसी न किसी रूप में दिखाई देता है।

यह ग्रह हमारे जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित अवश्य करते हैं क्योंकि हर ग्रह का अपना गुण और स्वभाव होता है और गोचर के दौरान एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के साथ ही उनके गुण और स्वभाव में कुछ बदलाव भी आते हैं और उसी के अनुकूल और प्रतिकूल परिणाम यह जातकों पर दिखाते हैं।

चूँकि फरवरी का महीना शुरू हो रहा है और प्रत्येक महीने की तरह इस महीने में भी कुछ ग्रहों का गोचर होगा, जिनमें मुख्य रुप से मंगल और शुक्र का गोचर सम्मिलित है लेकिन इन दोनों ग्रहों के गोचर के साथ अन्य ग्रहों के कुछ विशेष संयोग भी बनने वाले हैं, जिसकी तरफ पूरी दुनिया के ज्योतिषियों का ध्यान गया हुआ है। तो आज हम आपको बताएंगे, ग्रहों का ऐसा महासंयोग, जो फरवरी के महीने में मकर राशि में बनेगा और प्रत्येक प्राणी के जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करेगा। 

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क्या है फरवरी में ग्रहों का महासंयोग?

फरवरी के महीने में यूं तो पांच गोचर होने वाले हैं लेकिन इस विशेष संयोग को समझने के लिए आपको मुख्यतः कुछ विशेष ग्रहों के गोचर पर ध्यान देना होगा। ये मुख्य ग्रह हैं : मंगल और शुक्र। सूर्य देव महीने की शुरुआत में तो मकर राशि में होंगे लेकिन 13 फरवरी को प्रातःकाल 3:12 पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में चले जाएंगे।

शनि महाराज पहले से ही मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में मंगल महाराज 26 फरवरी को दोपहर 2:46 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे जो कि मंगल की उच्च राशि है और इसके अगले दिन अर्थात 27 फरवरी को शुक्र आज सुबह 9:53 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और जब इनका प्रवेश मकर राशि में होगा तो चंद्रदेव और बुध देव भी इसी राशि में पहले से ही विराजमान होंगे।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि मंगल और शुक्र के गोचर के साथ ही फरवरी में पांच ग्रहों का पंचग्रही योग मकर राशि में बनने जा रहा है। आइये अब देखते हैं कि इस खास संयोग का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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क्या पड़ेगा देश-देश दुनिया पर पंचग्रही योग का प्रभाव?

मकर राशि में बनने वाला ग्रहों का यह महासंयोग फरवरी 2022 में अपना काफी प्रभाव दिखाएगा और इसका यह प्रभाव केवल फरवरी में ही दृष्टिगोचर नहीं होगा अपितु आने वाले समय में भी दिखाई देगा।

कालचक्र की कुंडली से देखें तो मकर राशि कर्म भाव अर्थात दशम भाव की राशि है। यह कर्म प्रधानता को दिखाती है। ऐसी स्थिति में शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि में मंगल का उच्च होना और साथ में शुक्र, बुध और चंद्रमा का शनि के साथ स्थित होना, सेना और समाज के पिछड़े वर्ग की मजबूती की ओर स्पष्ट इशारा करती है। यानी कि यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में समाज के पिछड़े और कमजोर वर्ग तथा देश की सेना को लेकर कुछ मजबूत कदम उठाए जाएंगे जिससे इनकी स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। देश में मजदूरों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और उनकी सुख सुविधाओं को लेकर कुछ नए कदम उठाए जाएंगे। सेना को मजबूती दी जाएगी और सामरिक क्षेत्र में भी देश की प्रभुता बढ़ेगी। 

यदि स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली का अध्ययन करें तो वह वृषभ लग्न की कुंडली है जिसके नवम भाव अर्थात भाग्य भाव में यह पंच ग्रही योग निर्मित हो रहा है और यदि स्वतंत्र भारत की राशि देखें तो कर्क राशि से यह सप्तम भाव में बन रहा है। ऐसी स्थिति में यह पंच ग्रही योग देश का मान सम्मान बढ़ाने वाला साबित होगा और दुनिया में भारत की विशेष पहचान बनेगी। देश के युवा और देश के मजदूर वर्ग के लोग काफी अच्छी स्थिति में आएंगे और उनके काम का लोहा माना जाएगा। यह देशवासियों के साहस और पराक्रम में भी वृद्धि करेंगे तथा भाग्य को मजबूत बनाएंगे जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि मजबूत होगी। भारत अपने विरोधी देशों पर भारी पड़ता हुआ नजर आएगा और विश्व मंच पर अपनी अलग पहचान बनाने में सर्वोपरि दिखेगा।

चुनाव एवं राजनीति 

अभी हाल ही में देश में विधानसभा चुनावों की कुछ विशेष राज्यों में घोषणा हुई है। यदि उसमें देखें तो राजनीतिक दृश्यमान के अनुसार मध्य वर्ग, निम्न मध्य वर्ग और पिछड़ी जाति का महत्व काफी अधिक बढ़ जाएगा और सभी राजनीतिक दल इनका लाभ उठा कर सत्ता हासिल करना चाहेंगे। इसके अतिरिक्त सवर्णों के वर्चस्व में भी वृद्धि की पूर्ण संभावना बनेगी। अर्थात यह कहा जा सकता है कि पिछड़ी जातियों और सवर्णों के आधार पर ही ये चुनाव लड़े जाएंगे।

शुक्र और चंद्र दोनों ही महिला प्रधान ग्रह है इसलिए इस चुनावों में महिलाओं की प्रतिद्वंदिता और सहभागिता विशेष रूप से सराहनीय रहने वाली है।

बड़े परिदृश्य में देखें तो भारत राजनीतिक मोर्चे पर अपने समकक्ष देशों से काफी ऊपर खड़ा नजर आएगा, इसलिए विदेशी देशों में भारत की धाक जम जाएगी। हालांकि कुछ देश भारत से मदद मांगते हुए भी नजर आएंगे।

अर्थव्यवस्था : इस विशेष संयोग का देश और दुनिया पर प्रभाव पड़ना तय है। इस पंचग्रही योग के प्रभाव से जहां भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई देगा और कुछ करों को लेकर बजट में विशेष छूट का प्रावधान किया जा सकता है। खासकर मध्यमवर्ग और नौकरी पेशा लोगों के लिए कुछ विशेष पैकेज या कर संशोधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस बार का बजट काफी विस्तार वादी हो सकता है। रेलवे और सेना पर तथा गरीब तबके के लोगों की योजनाओं पर विशेष रूप से बजट का फोकस रहेगा। दुनिया के परिप्रेक्ष्य में देखें तो पड़ोसी देशों से कई देश त्रस्त रहेंगे और उनके मध्य संघर्ष के योग बनेंगे जिससे अर्थव्यवस्था में कमी देखी जाएगी। भारत के कुछ विदेशी देशों से नए अनुबंध हो सकते हैं, जो व्यापार के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हो सकते हैं।

स्वास्थ्य व्यवस्था : वर्तमान समय में फैल रहे कोरोना के नए संक्रमण ओमीक्रॉन को लेकर जिस प्रकार से निराशा का माहौल है, उस पर इस पंच ग्रही योग के बाद कुछ हद तक विराम लगने की संभावना होगी और काफी स्थिति सँभलने की ओर चल पड़ेगी लेकिन फिर भी पूर्ण रूप से स्थिति में सुधार आने में समय लगेगा क्योंकि यह पंचग्रही योग जहां एक तरफ इस स्थिति को संभालने की कोशिश करेगा तो वहीं दूसरी तरफ ग्रहों के विपरीत स्वभाव की वजह से इसे सुधरने में थोड़ा समय लग सकता है।  

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मौसम : मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि है। इसमें शनि महाराज वात प्रकृति के ग्रह हैं।  तो मंगल महाराज अग्नि प्रकृति के जबकि शुक्र वात-कफ और चंद्रमा कफ प्रकृति के हैं। ऐसी स्थिति में शीतलहर का प्रकोप अचानक से बढ़ेगा और फिर मंगल के प्रभाव से कम होना शुरू हो जाएगा। अचानक से वर्षा के योग भी बनेंगे। मौसम में काफी बदलाव अनुभव में आएगा और श्वसन सम्बन्धी रोग बढ़ेंगे। 

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किन राशियों को मिलेगी सौगात और किन राशि वालों को रहना होगा सावधान 

इस ग्रह गोचर का अनेक राशियों पर बड़ा अच्छा प्रभाव पड़ेगा। खासतौर से मेष राशि, वृषभ राशि और मीन राशि के लोगों के लिए यह पंच ग्रही योग बहुत लाभदायक रहेगा। आपको आर्थिक और करियर संबंधी समस्याओं में कमी आएगी तथा आपको उत्तम प्रगति के योग बनेंगे आर्थिक लाभ होगा और आपकी योजनाएं परवान चढ़ेंगी। आपकी मनचाही मुराद पूरी होगी जिससे आप काफी खुश नजर आएंगे। यह समय आपके लिए अनुकूल जाएगा।

इनके विपरीत, धनु राशि, कुंभ राशि और मिथुन राशि के लोगों को थोड़ा संभल कर रहना होगा क्योंकि स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ आर्थिक हानि की संभावना भी बन सकती है और किसी प्रकार की सर्जरी होने या दुर्घटना होने की संभावना भी बन सकती है इसलिए थोड़ा सा ध्यान रखने की आवश्यकता होगी।

क्या पड़ेगा मकर राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव?

जिन जातकों का जन्म मकर राशि के अंतर्गत हुआ है, उनके लिए यह पंच ग्रही योग विशेष रूप से फलदायक रहेगा क्योंकि ये उन्ही की राशि में आकार ले रहा है। एक तरफ तो उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि होगी लेकिन दूसरी तरफ स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना है। आपको अपने भोजन और खानपान की आदतों पर ध्यान देना पड़ेगा, अन्यथा आप किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं लेकिन आर्थिक तौर पर यह पंच ग्रही योग आपके लिए लाभदायक रहेगा।

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