ये हैं देश के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर, जहाँ पूजा करने से होती हैं सारी मुरादें पूरी !

सूर्य की उपासना का महापर्व “छठ” 18 नवंबर यानि कल से मनाया जायेगा। चार दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है। छठ पूजा में छठी मइया की पूजा की जाती है, और भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रती अपने संतान और परिवार के आरोग्य और सुख-संपत्ति का आशीर्वाद मांगती हैं। इस महापर्व के विषय में यह कहा जाता है, कि इस दिन सूर्य देव की सच्चे मन से आराधना करने से जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़े पैमाने पर छठ पूजा का त्यौहार मनाते हैं। 

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात

पुराणों के अनुसार सूर्य और चंद्रमा सृष्टि में दो प्रत्यक्ष देवता हैं, जिनकी पूजा करने से व्यक्ति को तत्काल फल मिलता है। यही वजह है, कि देशभर में सूर्य देव के अनेकों मंदिर हैं। तो चलिए जानते हैं, सूर्यदेव के उन प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में, जहाँ छठ पर्व करने पर सूर्य देव जल्दी मनोकामना पूरी करते हैं। 

पश्चिमाभिमुख देव सूर्य मंदिर, औरंगाबाद (बिहार)

यह प्राचीन सूर्य मंदिर बिहार के औरंगाबाद जिले से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर के बारे में यह कहा जाता है, कि त्रेतायुग में स्वयं विश्वकर्मा जी ने इसका निर्माण किया था  यह मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर में हर साल चैत्र और कार्तिक माह में छठ व्रत करने वाले लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। इस सूर्य मंदिर की सबसे खास बात यह है, कि ये एकलौता ऐसा सूर्य मंदिर है, जिसके दरवाज़े का मुख पश्चिम दिशा में है।   

सूर्य मंदिर, रांची (झारखंड)

यह सूर्य मंदिर झारखंड की राजधानी रांची से 39 किलोमीटर दूर बुंडू के पास स्थित है।  इस मंदिर का निर्माण संगमरमर से हुआ है, जिसमें 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर भगवान सूर्य को विराजित किया गया है। हर साल छठ पूजा पर यहां विशेष मेले का आयोजन होता है।  

जीवन में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए प्रश्न पूछें

कोणार्क सूर्य मंदिर, पुरी (उड़ीसा)

उड़ीसा स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर दुनियाभर में मशहूर है। यह मंदिर रथ के आकार में बनाया गया है, जो कि भारत की मध्यकालीन वास्तुकला का अनोखा उदाहरण माना जाता है। इस विशाल और खूबसूरत सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंह देव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। यह मंदिर अपने विशिष्ट आकार और आकर्षक शिल्पकला के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस मंदिर की प्रतिमा पूरी जगन्नाथ मंदिर में रखी गयी है, और अब इस मंदिर में कोई भी प्रतिमा मौजूद नहीं है।

आपकी कुंडली में है कोई दोष? जानने के लिए अभी खरीदें एस्ट्रोसेज बृहत् कुंडली

बेलार्क सूर्य मंदिर, भोजपुर (बिहार)

बिहार के भोजपुर जिले में स्थित बेलार्क सूर्य मंदिर का निर्माण राजा सूबा द्वारा करवाया गया था। बेलाउर गांव के पश्चिमी व् दक्षिणी छोर पर अवस्थित यह वेलाउर सूर्य मंदिर काफी प्राचीन है। राजा सूबा द्वारा बनवाए 52 पोखरों मे से एक पोखर के बीच में यह सूर्य मन्दिर स्थित है। इस मंदिर में हर साल छठ महापर्व के दौरान एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। ऐसा कहा जाता है, कि  इस स्थान पर सच्चे मन से छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

नवीनतम अपडेट, ब्लॉग और ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए ट्विटर पर हम से AstroSageSays से जुड़े।

आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.