13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। माता के भक्तों को इस पर्व का विशेष तौर से इंतज़ार रहता है। यह पर्व न सिर्फ माता के भक्तों को सौभाग्य और शुभ फल देता है बल्कि अगर इस दौरान कुछ विशेष उपाय किए जाएँ तो ग्रह शांति के लिए भी यह समय बेहद उत्तम साबित हो सकता है।
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चूंकि अक्सर समाज के अधिकतर लोग आपको शनि ग्रह से परेशान दिखेंगे। किसी की कुंडली में शनि की ढैया चल रही होती है तो किसी की साढ़े साती चल रही होती है। वहीं कोई कुंडली में शनि देवता के कमजोर होने से परेशान नजर आता है। भगवान सूर्य के पुत्र भगवान शनि को सबसे क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है। यहाँ तक कि भगवान शनि अपने पिता से भी बैर रखते हैं। वैसे तो भगवान शनि तीनों लोकों के स्वामी हैं और उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। मान्यता है कि मनुष्य के कर्मों के अनुसार भगवान शनि उसे फल देते हैं।
ऐसे में आज हम आपको वो उपाय बताएँगे जिसे अगर आपने नवरात्रि के पावन अवसर पर अपना लिया तो शनि देवता आप पर बहुत प्रसन्न होंगे।
नवरात्रि के दिन शनि की शांति के लिए उपाय
- भगवान शनि की शांति के लिए आप नवरात्रि के दौरान माँ काली की पूजा करें। उन्हें अड़हुल का पुष्प अर्पित करें और पूजा के दौरान उनकी प्रतिमा के सामने “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” के मंत्र का जाप करें। माँ काली से शनि शांति की विनती करें। शनि देवता इस उपाय से बहुत जल्द शांत होते हैं।
- शनि शांति के लिए नवरात्रि में पड़ने वाले शनिवार के दिन रामायण के उत्तरकाण्ड का पाठ अवश्य करें। मान्यता है कि इस उपाय से न सिर्फ शनि देवता शांत होते हैं बल्कि राहु और केतु जैसे पापी छाया ग्रह भी शांत होते हैं। इसलिए इस उपाय को आपको जरूर अपनाना चाहिए।
- नवरात्रि में माता के दो रूपों की विशेष तौर पर पूजा करें। नवरात्रि का सातवां दिन माँ कालरात्रि को समर्पित होता है। इस दिन उनकी खास तौर से पूजा होती है। शनि से पीड़ित जातक माँ कालरात्रि की पूजा अवश्य करें और उनसे विनती करें कि आप पर शनि देवता का प्रकोप कम हो। इस उपाय को शनि शांति के लिए अचूक माना जाता है। वहीं आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है। आप माता महागौरी की पूजा-पाठ कर माता से शनि शांति की विनती करें। शनि देवता शांत हो जाएंगे।
- नवरात्रि के दौरान शनिवार के दिन नहाने के पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें। इससे शनि देवता अति प्रसन्न होते हैं।
- सनातन धर्म में दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है। ऐसे में नवरात्रि के पावन अवसर पर शनिवार के दिन दान-दक्षिणा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। आप शनिवार के दिन लोहा, काले उड़द की दाल, काला तिल या काला वस्त्र दान करें। भगवान शनि की आप पर विशेष कृपा होगी।
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- नवरात्रि में पड़ने वाले शनिवार के दिन अच्छे से नहा-सुना कर साफ वस्त्र धारण करें और पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं। इस दिन शनि स्त्रोत का पाठ करने से भी शनि देवता बेहद प्रसन्न होते हैं।
- भगवान शनि को तेल का अभिषेक बहुत प्रिय है। ऐसे में शनिवार के दिन भगवान शनि का सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर अभिषेक करें। भगवान शनि आपके सारे कष्ट हर लेंगे।
- शनिवार के दिन शनि के प्रभाव को कम करने के लिए आप शनि चालीसा या फिर हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। इससे शनि देवता का प्रकोप खत्म हो जाता है।
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