देवी/देवता की पूजा करने के शास्त्रों अनुसार कुछ अहम नियम, जिनका पालन करना होता है अनिवार्य।

यूँ तो हर धर्म में अपने ईश्वर की आराधना करने के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, लेकिन विशेष तौर से हिन्दू धर्म की अगर बात करें तो इसमें भी अपने देवी-देवता की पूजा करने और अपने भगवान को प्रसन्न करने के कुछ विशेष नियम-कायदों का उल्लेख किया गया है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से घर में संपन्नता बनी रहती है। ऐसे में आइये जानते हैं वो कुछ ख़ास नियमों के बारे में जिनका पालन करके आप पा सकते हैं शुभाशुभ फल। तो आइये जानते हैं हिन्दू धर्म में पूजा पाठ से जुड़े विशेष नियमों के बारे में विस्तार से:- 

हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ को क्यों ख़ास महत्व दिया जाता है 

हिन्दुओं में विशेष रूप से सुबह और शाम दोनों वक़्त की जाने वाली पूजा को महत्वपूर्ण माना जाता है। पूजा पाठ करना इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि प्रतिदिन ईश्वर की आराधना और पूजा अर्चना करने से मन की शांति तो मिलती ही है साथ ही साथ एक प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा भी मनुष्य के अंदर बनी रहती है। रोजाना नियम पूर्वक पूजा करने से घर से नाकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और वातावरण में सकारात्मकता आती है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रोजाना नियमबद्ध रूप से पूजा पाठ करके आपको विशेष लाभ मिल सकता है। 

क्या हिन्दू धर्म के सबसे बड़े दानवीरों के बारे में जानते हैं आप?

पूजा के दौरान इन नियमों का पालन जरूर करें 

  • पूजा के विभिन्न नियमों में सबसे पहला नियम ये बताया गया है,  कि ईश्वर की पूजा के दौरान जलाये गए धूप-दीप को कभी भी खुद से नहीं बुझाना चाहिए। 
  • हमेशा पूजा करने से पहले दीया और अगरबत्ती जरूर जलाएं और अंत में प्रसाद चढ़ाएं। 
  • यदि आप सभी देवी देवताओं की संयुक्त पूजा करते हैं तो विशेष रूप से सूर्यदेव की 7, विष्णु जी की चार और गणेश जी की तीन बार परिक्रमा जरूर करें। 
  • पूजन के दौरान यदि घी के दीये जलाएं जाए तो उसे बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। 
  • नियमित रूप से प्रतिदिन पांच देवों की पूजा पाठ को ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है। पांच देव में शिव जी, गणेश जी, विष्णु जी, दुर्गा माता और सूर्य देव को शामिल किया जाता है। 
  • एक सुखी और सफल जीवन के लिए नियमित रूप से पांच देवों की पूजा अर्चना जरूर करनी चाहिए। 
  • पूजा के दौरान हमेशा इस बात का ख़ास ध्यान रखें की कभी भी शिव जी और गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते ना चढ़ाएं। 
  • यदि आप पूजा के लिए फूल का प्रयोग करते हैं तो ध्यान रखें की उसे स्नान करने के बाद ही तोड़ें। पूजा के लिए बिना नहाये तोड़े गए फूलों को अशुभ माना जाता है। 
  • पूजा के दौरान हमेशा छोटी ऊँगली का प्रयोग करते हुए भगवान् को सिंदूर, चंदन, गुलाल और हल्दी अर्पित करना विशेष फलदायी माना जाता है। 
  • नियमित पूजा के दौरान कभी भी भगवान् को बेलपत्र, कमल और गंगाजल के अलावा कोई भी बासी चीज नहीं चढ़ाना चाहिए। 

बहरहाल पूजा पाठ के दौरान उपरोक्त नियमों का पालन जरूर करें। ऐसा कर आप शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।

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