मधुमेह के ज्योतिषीय कारण और उपाय ! कुंडली में ग्रह दशा बदलने से भी हो सकते हैं इस रोग के शिकार।

जब आपके शरीर में मौजूद ब्लड शुगर या ब्लड ग्लूकोज़ की मात्रा काफी बढ़ जाती है तो वो डायबिटीज, जिसे हिंदी में मधुमेह कहते हैं का कारण बन जाती है। इस विकार के पीछे मुख्य कारण है, हार्मोन इंसुलिन बनाने या ठीक से उपयोग करने में हमारे शरीर का अक्षम हो जाना। यह हार्मोन आपके भोजन से ग्लूकोज की गति और वितरण के लिए जिम्मेदार है, और जब यह अपने कार्य को ठीक से पूरा नहीं करता है, तो कहा जाता है कि व्यक्ति उच्च शुगर या डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित है। खून में चीनी की अधिकतम मात्रा समय के साथ आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है, क्योंकि ये शरीर के प्रमुख अंगों को भी प्रभावित करती है। हालाँकि अनियमित जीवनशैली, खान-पान और हमारे जीन भी अक्सर इस बीमारी के होने का मुख्य कारण हैं। इसके अलावा आपकी जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति भी इस विकार के पीछे का एक मुख्य कारण हो सकती है। आज इस लेख के जरिये हम आपको डायबिटीज होने के संभव ज्योतिषीय कारण और उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं।

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डायबिटीज होने के ज्योतिषीय कारण

हमारे गलत खानपान,अनियमित जीवनशैली या जीन की वजह से हमें मधुमेह हो सकता है, लेकिन कभी-कभार हमारी जन्म कुंडली भी इस बीमारी के होने के लिए जिम्मेवार हो सकती है। आइए हम उन संभावित ग्रहों की स्थिति और संकेतों पर चर्चा करें जो आपको एक संभावित मधुमेह का रोगी बना सकते हैं। मधुमेह के ज्योतिषीय कारण इस प्रकार हैं:

  • आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर बृहस्पति आपकी राशि से छठे, आठवें और बारहवें भाव में दुर्बल अवस्था में स्थित होता है, तो ऐसे जातक डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, यदि इस ग्रह की स्थिति पहले, पांचवें और नवम घर में प्रतिगामी रूप में है, तो इससे भी व्यक्ति मधुमेह की समस्या से ग्रसित हो सकता है।
  • आपकी कुंडली में शनि की स्थिति : कर्क राशि अथवा चंद्रमा से शनि का दृष्टि या युति संबंध होने पर भी डायबिटीज होने की संभावना होती है।
  • बृहस्पति के साथ शनि का संबंध : ऐसी स्थिति में, जहाँ बृहस्पति शनि के राशि चक्र में स्थित होता है, और किसी हानिकारक ग्रह की उसपर दृष्टि होती है तो ऐसे में जातक उच्च शुगर /डायबिटीज की समस्या से ग्रसित हो सकता है। इस विकार का एक अन्य कारण जातक की जन्म कुंडली में शनि की दृष्टि  या इन दोनों ग्रहों की युति हो सकता है।
  • आपकी कुंडली में राहु की स्थिति : जब कुंडली में राहु की स्थिति आठवें भाव या त्रिकोण भाव (पहले, पांचवें और नवम) में हो और राहु का आठवें भाव के स्वामी के साथ युति हो तो जातक मधुमेह का शिकार हो सकता है।
  • लग्न और अष्ठम भाव के स्वामी की स्थिति : त्रिक भाव का स्वामी अथवा कोई पाप ग्रह लग्न में स्थित हो तथा लग्नेश, चंद्रमा, गुरु और शुक्र में से कोई दो ग्रह दुःस्थान में स्थित होकर अन्य प्रकार से अशुभ हों तो डायबिटीज की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही अष्टम भाव पर यदि पाप ग्रह का प्रभाव हो तथा चंद्रमा गुरु और शुक्र में से कोई दो ग्रह अशुभ हों तो भी डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है।

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डायबिटीज के ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष मुख्य रूप से प्राचीन हिन्दू शास्त्रों पर आधारित एक विज्ञान है। ये ना केवल जीवन में घटित होने वाली बुरी घटनाओं की भविष्यवाणी करता है बल्कि उसके निवारण और उससे बचने के तरीकों की भी जानकारी देता है। इसी प्रकार, हम आज उनलोगों के लिए ज्योतिषीय उपचार बताने जा रहे हैं जो मधुमेह से पीड़ित हैं या जिनकी कुंडली में ऊपर दिए गए योग हैं।

  • इन मन्त्रों का जाप करें : नियमित रूप से निम्लिखित मन्त्रों के जाप करने से कुंडली में मौजूद दोषों को दूर कर डायबिटीज जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।

   “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः”   

और

  “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः”

  • बृहस्पतिवार को ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं : यथाशक्ति अनुसार बृहस्पतिवार को ब्राह्मणों को भोजन खिलाने से उनका आशीर्वाद मिलता है। जिसके फलस्वरूप आपको मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
  • बृहस्पतिवार का व्रत रखें : उपवास हिंदू धर्म के अनुसार एक आध्यात्मिक कार्य है जो हमारे मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है और यह हमें दिव्य ज्ञान प्राप्त करने में भी मदद करता है। यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित हो और उसकी कुंडली में ऊपर बताये गए योग भी मौजूद हों तो, ऐसे में विधिपूर्वक बृहस्पतिवार का व्रत रखना आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
  • गाय को चारा खिलाएं : हिन्दू धर्म में गाय को माता की उपाधी दी गयी है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदु धर्म को मानने वाले लोग गाय को पूज्य मानते हैं। भूरे रंग की गाय को गुड़ और आटा खिलाने से सकारात्मक शक्ति मिलती है और गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लिहाजा पवित्र गौ माता के आशीर्वाद से डायबिटीज जैसे रोग से लड़ने में मदद मिलती है। ऐसा करने से आप कुंडली में मौजूद हानिकारक योग से भी बच सकते हैं।

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हम आशा करते हैं की हमारा ये लेख आपके लिए लाभदायक साबित होगा। आपके स्वास्थ्य जीवन के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं !

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