“भारत त्योहारों का देश है।”
ये एक कथन प्रत्येक साल सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हकीकत में बदलता दिखाई देने लगता है। सर्दियाँ शुरू होते ही विविधताओं से भरा हमारा देश भारत जश्न में डूब जाता है क्योंकि त्योहारों की एक लंबी लिस्ट इस मौसम में हमारा इंतज़ार कर रही होती है। बाजार में रौनक, चमक-धमक, ख़रीदारी, मिठाइयाँ, कपड़े, मेला और जश्न; भारत कुछ इसी तरह सर्दियों में पूरी दुनिया को नजर आता है और इन सब की शुरुआत होती है एक बड़े महत्वपूर्ण पर्व से यानी कि धनतेरस से। इस पर्व के बाद से ही लगभग 05 दिनों की दीपावली का पूरे देश में शुभारंभ हो जाता है।
ऐसे में आज हम आपको इस लेख में धनतेरस से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। इस लेख के जरिए आपको धनतेरस का महत्व, इस दिन बनने वाले विशेष योग, तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त आदि की जानकारी तो प्राप्त होगी ही। साथ ही हम आपको इस लेख में धनतेरस के दिन आपकी राशि के अनुसार किन चीजों को खरीदना आपके लिए शुभ रहेगा, इस बात की भी जानकारी देने वाले हैं। इसी कड़ी में आइये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि साल 2021 में धनतेरस कब है।
जीवन में चल रही है समस्या! समाधान जानने के लिए प्रश्न पूछे
साल 2021 में कब है धनतेरस?
प्रत्येक वर्ष धनतेरस का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। इस साल यानी कि साल 2021 में धनतेरस का पर्व 02 नवम्बर को मंगलवार के दिन मनाया जाने वाला है।
धनतेरस मुहूर्त : शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात्रि के 08 बजकर 11 मिनट तक
अवधि : 01 घंटे 52 मिनट
प्रदोष काल : शाम के 05 बजकर 35 मिनट से रात्रि के 08 बजकर 11 मिनट तक
वृषभ काल : शाम के 06 बजकर 18 मिनट से रात्रि के 08 बजकर 14 मिनट तक
आइये अब हम आपको इस धनतेरस बनने वाले उन विशेष योग की जानकारी दे देते हैं जिसमें धनतेरस के दिन ख़रीदारी करने से आपको लाभ हो होगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष है यह धनतेरस
इस वर्ष यानी कि साल 2021 में धनतेरस के दिन दो विशेष योगों का निर्माण हो रहा है जो इस पर्व की शुभता में और भी इजाफा कर रहे हैं। ये दो योग हैं, त्रिपुष्कर योग और लाभ अमृत योग।
त्रिपुष्कर योग : इस विशेष योग को ‘त्रिपुष्कर योग’ कहा जाता है। त्रिपुष्कर योग द्वादश तिथि और मंगलवार के संयोग से बनता है। साल 2021 का धनतेरस मंगलवार के दिन ही पड़ रहा है लेकिन मंगलवार के दिन द्वादश तिथि का समापन 11 बजकर 30 मिनट तक होगा। यही वजह है कि 02 नवंबर के दिन सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक ‘त्रिपुष्कर योग’ का निर्माण हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस योग में ख़रीदारी करने से संपत्ति में तीन गुना वृद्धि तो होती है, इसके साथ-साथ जातकों का भाग्योदय भी होता है।
लाभ अमृत योग : इस दिन ‘लाभ अमृत योग’ का भी निर्माण हो रहा है जोकि सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर के डेढ़ बजे तक रहेगा। लाभ अमृत योग में भी ख़रीदारी करना बेहद शुभ माना गया है।
ऐसे में आप धनतेरस के दिन इन दो योगों की अवधि के मध्य ख़रीदारी कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चलिए अब आपको यह बता देते हैं कि धनतेरस का महत्व क्या है।
करियर को लेकर हैं परेशान! तो अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
धनतेरस का महत्व
सनातन धर्म में धनतेरस को एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस पर्व की कड़ी समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है। मान्यताओं के अनुसार जब अमृत की प्राप्ति को लेकर देवताओं और असुरों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तब इस समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लिए उपन्न हुए थे। भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैध भी कहा जाता है और इस दिन विशेष तौर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है। ऐसे में धनतेरस के पर्व को पूरी आस्था और नियमपूर्वक मनाने वाले भक्तों को भगवान धन्वंतरि न सिर्फ धन, ऐश्वर्य, सुख व समृद्धि प्रदान करते हैं बल्कि भक्तों को आरोग्यता का वरदान भी देते हैं। चूंकि इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ उत्पन्न हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन बर्तन की ख़रीदारी करने से धन में 13 गुना की वृद्धि होती है। हालांकि इस दिन सोना, चांदी व अन्य सामानों को भी खरीदने की परंपरा भी है। भगवान धन्वंतरि के साथ इस दिन भगवान कुबेर, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का भी विधान है।
इसके अलावा धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यम को दीपदान करने की भी परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान यम को दीपदान करने से भक्तों की अकाल मृत्यु नहीं होती। पद्म पुराण में वर्णित एक श्लोक के अनुसार~
कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति।।
अर्थात :
कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान यम को दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है।
हालांकि देश के कई हिस्सों में दीपदान नरक चतुर्दशी के दिन भी किया जाता है। ऐसे में देखा जाए तो धनतेरस का पावन पर्व न सिर्फ भक्तों को धन के साथ आरोग्यता प्रदान करता है बल्कि अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्त करता है। यही वजह है कि धनतेरस का सनातन धर्म में काफी महत्व है। आइये अब आपको धनतेरस की पूजा विधि की जानकारी दे देते हैं।
धनतेरस पूजा विधि
सबसे पहले धनतेरस के दिन शाम को स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में उत्तर की दिशा में भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर के साथ-साथ माँ लक्ष्मी व भगवान गणेश की प्रतिमा भी स्थापित करें। इसके बाद भगवान के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करें। उन्हें तिलक कर पुष्प और फल अर्पित करें। आप इस दिन भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफ़ेद रंग की मिठाई अर्पित करें। वहीं भगवान कुबेर को पीला रंग प्रिय है। ऐसे में आप उन्हें पीले रंग की मिठाई अर्पित करें। भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए उनका ध्यान करते हुए ‘ऊं ह्रीं कुबेराय नमः’ का जाप करें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि का स्मरण करते हुए धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
धनतेरस के दिन दीपदान करने की भी परंपरा है। ऐसे में आइये अब आपको दीपदान की भी विधि बता देते हैं।
आपकी कुंडली में है कोई दोष? जानने के लिए अभी खरीदें एस्ट्रोसेज बृहत् कुंडली
इस विधि से करें धनतेरस के दिन दीपदान
धनतेरस के दिन यम देवता को दीपदान करना बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बता दें कि यह कार्य हमेशा प्रदोष काल में करना चाहिए। इस दिन सबसे पहले प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक बड़ा सा दीपक बना लें। इसके बाद दो रुई की बत्तियों को एक दूसरे पर इस प्रकार रखें कि वह दीपक चतुर्मुखी प्रतीत हो यानी कि दोनों ही रुई की बत्तियों के चारों सिरे बाहर की ओर दिखें। फिर इस दीपक में तिल का तेल भरने के बाद कुछ काले तिल भी इसमें डाल दें। दीपक का रोली, पुष्प व अक्षत से पूजन करें और इसे प्रज्ज्वलित कर लें। इसके बाद अपने घर के मुख्य दरवाजे के बाहर गेहूं या खील की छोटी सी ढेरी बना लें। इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ देखते हुए उस ढेर पर इस दीपक को स्थापित कर दें। दक्षिण दिशा की ओर मुड़ जाएँ और भगवान यम का स्मरण करते हुए ‘ॐ यमदेवाय नमः’ के मंत्र का जाप करें और यम देवता को प्रणाम करें।
आइये अब आपको साथ ही यह भी बता देते हैं कि आपकी राशि के अनुसार इस धनतेरस के दिन क्या खरीदना आपके लिए शुभ रहेगा।
रोग प्रतिरोधक कैलकुलेटर से जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
धनतेरस के दिन राशि अनुसार खरीदें ये चीजें
मेष : मेष राशि के जातकों का स्वामी ग्रह मंगल है। इस धनतेरस आपको पीतल या फिर इससे बनी कोई वस्तु की ख़रीदारी करनी चाहिए। इससे आपको स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा। साथ ही किसी भी प्रकार के धन हानि से भी आप सुरक्षित रह सकेंगे।
वृष : वृष राशि के जातकों का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस धनतेरस वृष राशि के जातकों के लिए बिजली का कोई उपकरण या वाहन खरीदना शुभ साबित हो सकता है। आप इस पावन पर्व में अलमारी भी खरीद सकते हैं। इससे आपके जीवन में चल रही पारिवारिक समस्याएँ खत्म होगी और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द में वृद्धि होगी।
मिथुन : मिथुन राशि के जातकों का स्वामी ग्रह बुध है। इस धनतेरस आपको कांसे से बना कोई पात्र या कोई वस्तु खरीदनी चाहिए। इससे आपके संतान के जीवन में चल रही समस्याओं का अंत होगा और वह प्रगति की राह पर अग्रसर होगी।
कर्क : कर्क राशि के जातकों का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। कर्क राशि के जातकों को धनतेरस में पीतल या फिर सोने से बनी कोई वस्तु खरीदनी चाहिए। इससे उनके जीवन में धन लाभ के योग बनेंगे और साथ ही रुके हुए कार्यों में तेजी आएगी।
सिंह : सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि के जातकों को धनतेरस के पावन पर्व पर कोई तांबा का पात्र खरीदकर उसमें जल भरकर अपने घर लाना चाहिए। इस कार्य से सिंह राशि के जातकों को न सिर्फ़स्वास्थ्य लाभ मिलेगा बल्कि उनकी संपत्ति में भी वृद्धि होगी।
कन्या : कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस धनतेरस कन्या राशि के जातकों को बिजली का कोई उपकरण खरीदकर अपने घर लाना चाहिए। इससे आपके जीवन में चल रही आर्थिक तंगी का समाधान होगा।
तुला : तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। इस राशि के जातकों को इस वर्ष धनतेरस के मौके पर कांसे की कोई वस्तु खरीदने की सलाह दी जाती है। इससे तुला राशि के जातकों को पेशेवर और व्यावसायिक जीवन में तरक्की मिलेगी। साथ ही आर्थिक तौर पर भी आप मजबूत होंगे।
वृश्चिक : वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। वृश्चिक राशि के जातकों को इस धनतेरस चांदी खरीदने की सलाह दी जाती है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और साथ ही धन संबंधी समस्याओं से भी आपको छुटकारा मिल सकता है।
धनु : धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। इस धनतेरस धनु राशि के जातकों को तांबे से बने किसी वस्तु को खरीदने की सलाह दी जाती है। इससे समाज में उनके नाम, सम्मान और यश में वृद्धि होगी।
मकर : मकर राशि के जातकों का स्वामी ग्रह शनि है। मकर राशि के जातकों के लिए इस वर्ष धनतेरस पर कांसे की कोई वस्तु खरीदना उत्तम सिद्ध हो सकता है। इससे उनके जीवन में चल रही पारिवारिक समस्याओं का अंत होगा और परिवार में सुख, शांति व समृद्धि आएगी।
कुंभ : कुंभ राशि के जातकों का स्वामी ग्रह शनि है। कुंभ राशि के जातकों को इस वर्ष धनतेरस पर चांदी का कोई पात्र खरीद कर उसमें जल भरकर घर लाने की सलाह दी जाती है। इससे न सिर्फ उन्हें मानसिक शांति मिलेगी बल्कि धन लाभ होने के भी योग बनेंगे।
मीन : मीन राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। इस राशि के जातकों को इस धनतेरस तांबे से बनी कोई वस्तु खरीदने की सलाह दी जाती है। इससे उन्हें उनके करियर में तरक्की मिलेगी। साथ ही साथ दाम्पत्य जीवन में चल रही कोई भी समस्या या बाधा का नाश होगा।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे में आप इस लेख को अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ जरूर साझा करें। धन्यवाद!