Darsh Amavasya 2021: कल है दर्श अमावस्या, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त की जानकारी

हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya 2021) तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन लोग पूजा-पाठ आदि करते हैं। अमावस्या के दिन चांद पूरी तरह से गायब रहता है। फाल्गुन मास की अमावस्या को दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya 2021) भी कहते हैं और दर्श अमावस्या इस वर्ष 11 अप्रैल 2021 रविवार के दिन पड़ रही है। दर्श अमावस्या के दिन पूजा और व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

दर्श अमवस्या शुभ मुहूर्त (Darsh Amavasya 2021 Shubh Muhurat)

फाल्गुन कृष्ण अमावस्या/दर्श अमावस्या

प्रारम्भ – 06 बजकर 03 मिनट (सुबह)अप्रैल 11

समाप्त – 08 बजकर 00 मिनट (सुबह), अप्रैल 12

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दर्श अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कहा गया है कि, जो कोई भी दर्श अमावस्या के दिन पूजा करता है या व्रत करता है उससे चंद्रदेव अवश्य प्रसन्न होते हैं और उन पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते हैं। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है। 

इसके अलावा अमावस्या का एक महत्वपूर्ण महत्व यह भी है कि, इस दिन पितरों की शांति के लिए किया गया तर्पण सफल होता है। ऐसे में बहुत से लोग अमावस्या तिथि पर अपने पूर्वजों और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है अमावस्या तिथि पर हमारे पितृ और पूर्वज धरती पर आते हैं और प्रसन्न होने पर अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में पितृ दोष से पीड़ित व्यक्तिओं के लिए अमावस्या तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यदि आपको भी अपने जीवन में पितृ दोष के लक्षण नजर आ रहे हैं तो घबराएं नहीं, विद्वान ज्योतिषियों से घर बैठे ही सलाह लें और उसके निवारण का हल जानें।

चंद्र देव की प्रसन्नता और पितरों की शांति दिलाने वाली दर्श अमावस्या की पूजन विधि एकदम सही और सटीक होनी चाहिए। तो आइए जानते हैं दर्श अमावस्या की पूजन विधि क्या है।

हिंदी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दर्श अमावस्या के दिन पूजा उपवास की परंपरा सालों से चली आ रही है। ऐसे में इस दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद अपनी यथाशक्ति अनुसार किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को दान अवश्य करें। इस दिन स्नान के लिए भी इस दिन गंगा स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। हालांकि जरूरी नहीं कि इस दिन हर कोई इंसान गंगा स्नान कर सके ऐसे में चाहे तो किसी भी नदी सरोवर में स्नान कर सकते हैं। 

यदि यह भी मुमकिन नहीं है तो आप घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल डाल दें और उससे स्नान अवश्य करें। स्नान करने के बाद इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। दर्श अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पितरों को भी सच्चे दिल से याद करें और उनकी आत्मा की शन्ति की प्रार्थना करें।

हम आशा करते हैं कि, आपको यह लेख पसंद आया होगा। अब तक एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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