25 मार्च को क्यों शपथ ग्रहण करेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ? वजह जानकर नहीं होगा यकीन

बीते 10 मार्च को हाल ही में हुए पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों का नतीजा आया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने पाँच में से चार राज्यों में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। पाँच राज्यों की इस जीत में 2024 की नींव रखने के लिए सबसे खास उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों को माना जा रहा था। भाजपा सरकार ने सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पाँच साल के सफल कार्यकाल के बाद 37 साल पुराना मिथक तोड़कर देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की सत्ता में वापसी की है। सूत्रों के हवाले से अनुमान लगाया जा रहा है योगी आदित्यनाथ जी का शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च यानी कल शाम 4 बजे लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। 

पहले लखनऊ में होने वाले इस समारोह की तारीख 21 मार्च तय की गयी थी, लेकिन कुछ कारणों के चलते तारीख में बदलाव करके इसे 25 मार्च के लिए तय किया गया है। जानकारों की माने तो 25 तारीख को कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है, परंतु फिर भी सत्ता के लिहाज़ से शपथ ग्रहण जैसे इतने खास मौके पर यूपी जैसे बड़े राज्य के लिए इस दिन को निर्धारित किया गया है। आज की हमारी इस विशेष पेशकश में हम आपको बताएँगे कि आखिर क्यों योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के सीएम पद कि शपथ के लिए इस दिन का चुनाव किया गया है।

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हम सभी जानते हैं की उत्तर प्रदेश में चुनाव समाप्त हो चुके हैं और नतीजों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण के लिए 25 मार्च का दिन चुना गया है। इसलिए आइए समझते हैं क्या ख़ास है इस मुहूर्त में:-

हाल ही में 15 मार्च को सूर्य ने मीन राशि में गोचर किया था और इसलिए सूर्य अभी मीन राशि में विराजमान हैं। सूर्य का यह गोचर आम जनमानस के बीच खरमास के नाम से जाना जाता है। जब भी सूर्य अपने मित्र ग्रह बृहस्पति की राशि में होते है तो ऐसे समय में मांगलिक कार्य लगभग वर्जित माने जाते हैं और इस अवधि को ही खरमास कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं खरमास में मुख्यतः विवाह-शादी, गृहप्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक होती है, लेकिन युद्ध और जनता से संबंधित राजसिक कार्यों में ये बाधक नहीं होता है। इसलिए शपथ ग्रहण में इसकी वजह से कोई नुकसान नहीं होगा। 

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इसके अलावा 19 फरवरी से शुभ ग्रह गुरु भी अभी अस्त अवस्था में थे, लेकिन एक महीने बाद यानी 20 मार्च को गुरु अपनी अस्त अवस्था छोड़ वापिस से उदय हो गए हैं जो कि एक शुभ संकेत है नए कार्य शुरू करने के लिए साथ ही सूर्य भी उतरायण हो चुके हैं। 

इसके अलावा 25 मार्च को ही माँ भगवती की सबसे शुभ अष्टमी तिथि है जो कि शत्रुओं पर विजय का प्रमाण है। 25 मार्च शीतला अष्टमी का दिन है और चूंकि योगी जी स्वयं में एक संन्यासी व्यक्ति हैं इसलिए इस मुहूर्त में निश्चित ही उन्हें मां भगवती का आशीर्वाद मिलेगा।

25 मार्च के दिन पर सुस्थिर योग का भी निर्माण हो रहा है। ऐसे में इस दिन सीएम पद की शपथ लेने से योगी जी कार्यकाल व्यवधान रहित रहेगा। सुस्थिर योग योगी जी की सरकार को स्थिरता प्रदान करने वाला रहेगा।

इसके अलावा अगर योगी जी की व्यक्तिगत कुंडली पर नजर डाली जाए तो योगी जी का केतु प्रबल है और शत्रुहंता योग भी है। केतु योगी जी के लिए राज योग कारक है। 25 मार्च को केतु का नक्षत्र मूल पूरे दिन रहेगा। इसलिए योगी जी के लिए यह व्यक्तिगत रूप से भी शुभ दिन है। निश्चित ही इस दिन राहु काल का भी ख्याल रखा जाएगा और संभवतः 4 बजे शाम से पहले शपथ ग्रहण समारोह पूरा हो जाएगा।

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