स्वतंत्रता दिवस विशेष: आज़ादी से पहले अंग्रेजी हुक़ूमत से बचकर इस मंदिर में जा छुपे थे चंद्रशेखर आज़ाद

15 अगस्त 1947, ये वो तारीख थी जब हमारे देश भारत को अंग्रेजी हुक़ूमत की ग़ुलामी से आज़ादी मिली थी और इस साल देश आज, गुरूवार 15 अगस्त को अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस जोर-शोर के साथ मना रहा है। जैसा सभी जानते हैं कि यही वो दिन था जिस दिन भारत के सेनानियों ने देश को अंग्रेजों की ग़ुलामी से करीब 200 सालों बाद आज़ादी दिलाई थी। ऐसे में हर वर्ष ये पर्व देश का हर एक नागरिक एक साथ मनाता है और ये पर्व भी हर एक भारतवासी के लिए बेहद ख़ास महत्व रखता है। इस पर्व पर देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले से देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए देश को संबोधित करते हैं। इसके साथ-साथ 15 अगस्त को देशभर के हर राज्यों के स्कूलों से लेकर दफ्तरों में भी तिरंगा फहराए जाने का कार्यक्रम होता है जिसे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन झंडा फहराने का समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत वर्ष में आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भी इस पर्व पर याद किया जाता है। 

इस मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम के कई सेनानियों ने की थी महादेव की पूजा

हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 15 अगस्त के दिन सावन-पूर्णिमा पड़ रही है और इसी दिन स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन भी मनाया जाएगा। इसलिए भी इस वर्ष आज़ादी का ये जश्न और भी ख़ास हो जाता है, जिसे हर कोई बेहद हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आज़ादी से पहले अज्ञातवास के दौरान महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद न केवल यहां आए थे बल्कि बताया तो ये भी जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के कई सेनानियों ने आज़ादी के लिए यहां आकर महादेव की पूजा अर्चना भी की थी।

‘भरका वाले महादेव मंदिर’ ने दी थी चन्द्रशेखर आज़ाद को शरण 

बता दें कि यह अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सालौन पंचायत के भरका गांव में स्थित है, जो मुख्यरूप से महादेव का मंदिर है। ये मंदिर ‘भरका वाले महादेव मंदिर’ के नाम से विश्व भर में विख्यात है। बताया जाता है कि आज़ादी की लड़ाई के दौरान कई महान क्रांतिकारी यहाँ आए थे, जिनमें से चन्द्रशेखर आज़ाद का नाम सबसे पहले आता है। मान्यताओं अनुसार चन्द्रशेखर आज़ाद ने अंग्रेजों से बचने के लिए अपना अज्ञातवास भी ‘भरका वाले महादेव’ की शरण में ही कई समय तक रहकर व्यतीत किया था और उस दौरान चंद्रशेखर आज़ाद हर दिन महादेव की पूजा-आराधना करने के लिए यहां आते थे।

‘भरका वाले महादेव’ की शरण में रहना पड़ा था चंद्रशेखर आजाद को 

इस बात का उल्लेख कई किताबों में मिल जाएगा कि सालों तक अंग्रेजों से आज़ादी की लड़ाई के दौरान महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने अपने जीवन के कई साल ‘भरका वाले महादेव’ की शरण में व्यतीत किये थे। बताया तो ये भी जाता है कि उस समय शहीद आज़ाद के मन में महादेव के प्रति-श्रद्धा भाव इस कदर साफ़ देखते ही बनता था कि इस कारण वो रोज इस मंदिर में आते और प्रतिदिन महादेव की पूजा-अर्चना करते थे। 

शिवलिंग पर गिरने वाला पानी आज भी है रहस्य

जानकारी के लिए बता दें कि भरका वाले महादेव का ये प्राचीन मंदिर भी कोई साधारण  बल्कि इस मंदिर में भी आपको कई अनोखे व रहस्यमय तथ्य देखने को मिल जाएगा। इस मंदिर में शिव जी की एक पवित्र पिंडी बनी हुई है, जिसके ऊपर लगातार पानी गिरता रहता है। सालों से इस तरह पिंडी पर गिर रहा ये पानी खासा चर्चा का विषय है क्योंकि ये पानी आखिर आ कहा से रहा है और इसका स्रोत क्या है, इसका जवाब आज तक कोई नहीं दे पाया है। इतना ही नहीं भीषण गर्मी के भी सालों से ऐसा कभी नहीं हुआ जब इस पानी की ये धार टूटी हो। इस मंदिर के इन्ही कई विषयों के चलते यहां पर सावन महीने में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि यहां पूजा पाठ करने से हर भक्त के रुके काम महादेव पूरा कर देते है, इसलिए भी हर साल यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रहती है।

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