इस ग्रह की वजह से होती है फेफड़े और सांस संबंधी बीमारी, करें ये उपाय

देश की स्थिति बहुत बुरी है। कोरोना की दूसरी लहर ने देश को तोड़ कर रख दिया है। रोज कई सौ लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस इंसान के सांस लेने वाले तंत्र पर हमला करता है और इंसान के फेफड़ों को संक्रमित कर देता है। ऐसे में इस वायरस का खतरा उन लोगों को कहीं ज्यादा है जो फेफड़े या सांस संबंधी बीमारी से पहले ही ग्रसित हैं।

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ज्योतिष शास्त्र का हमेशा से मानना है कि आपके साथ घटने वाली हर घटना ग्रहों की स्थिति व गोचर पर निर्भर करती है। ऐसे में सांस व फेफड़े संबंधी बीमारी भी ग्रहों के कमजोर होने से हो सकती है। आज हम आपको इस लेख में उसी एक ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं जो सांस और फेफड़े संबन्धित बीमारियों का कारक है और साथ ही हम आपको इस लेख में इस ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय भी बताएँगे।

चंद्रमा ग्रह

चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ ग्रह माना गया है। सभी नौ ग्रहों में चंद्रमा सबसे तेज गोचर करता है। इसकी गोचर की अवधि लगभग ढाई दिन की ही होती है। किसी इंसान के जन्म के समय चंद्रमा उसकी कुंडली में जिस राशि में स्थित रहता है, उस जातक की वही चन्द्र राशि मानी जाती है। चंद्रमा देवता माता, मानसिक स्थिति, मन, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति, धन-संपत्ति, रक्त, बायीं आँख, छाती आदि के स्वामी माने जाते हैं।

ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो ऐसे जातक को सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, भय, घबराहट, दमा, रक्त से संबंधित विकार, मिर्गी के दौरे, पागलपन अथवा बेहोशी आदि की समस्या होती है। ये चंद्रमा ही है जिसकी वजह से किसी जातक को सांस और फेफड़े की समस्या परेशान करती है। चंद्रमा कमजोर हो तो ऐसे जातक को सर्दी, जुकाम और वायरल संक्रमण आदि रोग भी परेशान करता है।

ऐसे में आइये जानते हैं कि चंद्रमा को किन उपायों को आज़माकर मजबूत किया जा सकता है।

चंद्रमा शांति के उपाय

पहला उपाय : सोमवार का दिन चंद्रमा को समर्पित माना जाता है। ऐसे में  सोमवार के दिन सूर्यास्त के बाद आप एक चांदी के बर्तन में दूध, गंगाजल, चावल, बताशा और चीनी मिलाकर चंद्रमा देवता को अर्घ्य दें। इससे चंद्रमा देवता बड़े प्रसन्न होते हैं।

दूसरा उपाय : चूंकि भगवान शिव ने ही चंद्रमा देवता को क्षय रोग से बचाया था इस वजह से भगवान शिव की आराधना करने पर चंद्रमा देवता भी प्रसन्न होते हैं। आप सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध में तिल मिलकर भगवान शिव का अभिषेक करें। चंद्रमा की आप पर विशेष कृपा होगी।

तीसरा उपाय : चंद्रमा ग्रह ही किसी भी जातक के उसके माँ के साथ संबंधों का कारक होता है। ऐसे में जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर हो उन्हें रोज सुबह अपनी माँ के चरणों को छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। चंद्रमा देवता इस कार्य से शांत होते हैं। माता से लड़ाई करने या माता को प्रताड़ित करने जैसे कुकर्म करने वाले जातकों पर चंद्रमा देवता बेहद कुपित होते हैं।

चौथा उपाय : सोमवार या पूर्णिमा के दिन दूध, दही, सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद चन्दन, चीनी, चावल इत्यादि का दान जरूरतमंदों को करें। आप इस दिन जरूरतमंदों के बीच दूध और चावल से बनी खीर भी बाँट सकते हैं। इससे चंद्रमा देवता अति प्रसन्न होते हैं। आपको बता दें कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक महीने में दो पूर्णिमा पड़ती है।

पांचवा उपाय : चंद्रमा देवता को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को सफ़ेद वस्त्र धारण करें। इसके साथ ही हाथ की कनिष्ठा उंगली यानी कि सबसे छोटी उंगली में चांदी के साथ मोती धारण करें। लेकिन आपको यह सलाह दी जाती है कि रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से इसकी सलाह जरूर ले लें अन्यथा रत्न बुरे परिणाम भी देते हैं। इसके अलावा दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी चंद्रमा देवता अति प्रसन्न होते हैं।

ये भी पढ़ें : सोमनाथ मंदिर : जब महादेव ने चंद्रमा की प्राणों की रक्षा कर उन्हें श्राप मुक्त किया था।

छठा उपाय : चंद्र देव की कृपा दृष्टि पाने के लिए आपको चंद्रमा के बीज मंत्र का 11 हजार बार जाप करना चाहिए। चंद्रमा का बीज मंत्र  है 

“ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः!”

हालांकि देश, काल व पात्र के सिद्धांत के अनुसार कलयुग में इस मंत्र को (11000X4) 44000 बार जपने की सलाह दी गई है। इसके अलावा आप “ॐ सों सोमाय नमः!” मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। सोमवार के दिन व्रत रखने से भी चंद्रमा देवता प्रसन्न होते हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे में आप इस लेख को अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ जरूर साझा करें। आपका दिन शुभ हो!

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