चैत्र नवरात्रि: इस वर्ष घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माँ दुर्गा- जानें इसका महत्व और मुहूर्त की जानकारी!

अप्रैल के महीने में चैत्र नवरात्रि का पावन त्यौहार मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल चार नवरात्रियां मनाई जाती है जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होते हैं और एक शारदीय और एक चैत्र नवरात्रि होती है। चैत्र और शारदीय नवरात्र को गुप्त नवरात्रि की तुलना में ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि यह गृहस्थ लोग करते हैं और अक्सर देखा गया है कि गुप्त नवरात्रि करने वाले लोग इसे तंत्र साधना के लिए करते हैं। इस खास ब्लॉग में आज हम बात करेंगे जल्द शुरू होने वाले चैत्र नवरात्रि की।

यहां हम जानेंगे कि इस साल चैत्र नवरात्र कब से प्रारंभ हो रही है, इसका घट स्थापना मुहूर्त क्या रहने वाला है, इस साल मां का आगमन वाहन क्या रहने वाला है और इससे क्या संकेत मिल रहे हैं। साथ ही जानेंगे चैत्र नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले उपायों की जानकारी और ये चैत्र नवरात्रि किन राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगी इसकी जानकारी भी आपके यहां दी जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले जान लेते हैं चैत्र नवरात्रि का यह पर्व कब से मनाया जाएगा।

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चैत्र नवरात्रि 2024 कब से?

हिंदू पंचांग के अनुसार बात करें तो चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि अर्थात 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 18 अप्रैल को हो जाएगा। ऐसे में 9 अप्रैल को ही घट स्थापना मुहूर्त किया जाएगा। बात करें इसके मुहूर्त की तो,

घटस्थापना मुहूर्त (नई दिल्ली) के लिए

घटस्थापना मुहूर्त : 06:01:45 से 10:15:48 तक

अवधि :4 घंटे 14 मिनट

नोट: आप अपने शहर के अनुसार अगर घट स्थापना मुहूर्त की जानकारी जानना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

बेहद ही शुभ योग में प्रारंभ हो रही है चैत्र नवरात्रि

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि इसलिए भी खास खाने जा रही है क्योंकि यह बेहद ही शुभ योग में प्रारंभ हो रही है। दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन रेवती नक्षत्र रहने वाला है। रेवती नक्षत्र इस दिन सुबह 7:32 तक रहेगा और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। इसके अलावा योग की बात करें तो इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह दोनों योग सुबह 7:32 से लेकर अगले दिन 5:06 तक रहने वाले हैं। ऐसे में इस दौरान आप किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य कर सकते हैं। यह विशेष रूप से फलदाई रहने वाला है।

घटस्थापना विधि

  • सबसे पहले बात कर ले घट स्थापना विधि की तो इसके लिए आप एक मिट्टी के चौड़े मुंह वाला बर्तन ले लें और उसमें सप्तनाज रख लें। 
  • इसके ऊपर कलश में जल भर कर रख लें और उसके ऊपरी भाग में कलावा बांध लें। 
  • इसके बाद आम या फिर अशोक के पल्लव को कलश के ऊपर रख दें। 
  • अब नारियल को एक साफ लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पल्लवों के बीच में रख दें। 
  • नारियल में कलावा भी लपेट दें। 
  • घट स्थापना पूरी होने के बाद देवी का आवाहन करें और इसके बाद पूजा प्रारंभ करें।

चैत्र नवरात्रि का महत्व

बात करें महत्व की तो चैत्र नवरात्रि के दौरान मां भगवती के 9 स्वरूपों की पूजा का विधान निर्धारित किया गया है। माना जाता है कि इस दौरान जो कोई भी भक्त मां की विधिवत पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं, ऐसे लोगों को हर एक कष्ट और दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा ऐसे जातकों के घर परिवार में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।

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चैत्र नवरात्रि 2024: क्या रहेगा मां का वाहन?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर आती हैं तो वह एक विशेष वाहन से आती हैं। इस वाहन का कोई ना कोई संकेत होता है और महत्व भी होता है। बात करें चैत्र नवरात्रि में मां के वाहन की तो इस साल मां घोड़े पर सवार हो कर आने वाली हैं। चूंकि चैत्र नवरात्रि मंगलवार से शुरू हो रही है इसीलिए माँ का आगमन वाहन घोड़ा रहने वाला है। 

बात करें इसके संकेत कि तो, जब भी माँ घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो इससे सत्ता में परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इस दौरान साधकों के जीवन में से सभी तरह के कष्ट और परेशानियों से छुट्टी मिलने की भी उच्च संभावना बन रही है।

क्या यह जानते हैं आप? चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के इन स्वरूपों की पूजा की जाती है शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री

नवरात्रि पहला दिन: माँ शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना होती है और साथ ही नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। इस दिन माता के भक्त मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करते हैं। बात करें मां के स्वरूप की तो मां के माथे पर अर्धचंद्र है, दाहिने हाथ में उन्होंने त्रिशूल लिया हुआ है, बाएं हाथ में कमल है और वह नंदी बैल के सवारी करती हैं।

शैल पुत्री शब्द का संस्कृत में अर्थ होता है पर्वत की बेटी पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है की माँ शैलपुत्री पिछले जन्म में भगवान शिव की पत्नी और राजा दक्ष की पुत्री थी हिमालय के राजा का नाम हिमावत था और इसीलिए शैलपुत्री देवी का एक नाम हेमवती भी है और क्योंकि मां की सवारी वृष है ऐसे में उनका एक नाम वृषारुढ़ा भी होता है

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मां शैलपुत्री की पूजा का ज्योतिषीय लाभ 

ज्योतिषीय लाभ की बात करें तो माना जाता है की मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं। ऐसे में अगर माँ के इस स्वरूप की विधिवत रूप से पूजा की जाए तो इससे कुंडली के में मौजूद चंद्रमा को मजबूत किया जा सकता है और चंद्रमा से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त की जा सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि का महत्व

हिन्दू नववर्ष की शुरुआत: इसी दिन से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्रि जीवन में शुद्ध नवीनीकरण और हिंदू पंचांग के अनुसार साल का पहला दिन माना जाता है। 

नारी शक्ति का महोत्सव: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है जो शक्ति या ब्रह्मांड की पूजा का प्रतीक मानी जाती है और हम सभी के जीवन को संभालती है। 

अच्छाई की विजय आसुरी शक्तियों पर: अर्थात नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों के माध्यम से बुरी शक्तियों को समाप्त करने की अनगिनत शक्ति का प्रतीक माना गया है। 

नवरात्रि अनुष्ठान और रीति रिवाज

नवरात्रि के दौरान पहले दिन घट स्थापना की जाती है जिसकी विधि हमने आपके ऊपर बताई है। इसके अलावा इन 9 दिनों में बहुत से लोग उपवास भी करते हैं। नवरात्रि के दौरान डांडिया रास और गरबा नृत्य किए जाते हैं। इसके अलावा नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है कंजक पूजन और नवरात्रि का समापन होता है रामलीला और राम पूजा के साथ।

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नवरात्रि के 9 दिन:  ग्रहों और रंग से संबंध 

नवरात्रि दिन- माँ का स्वरूप ग्रहों से संबंध दिन से संबन्धित रंग 
मां शैलपुत्रीचंद्रमापीला/नारंगी
मां ब्रह्मचारिणीमंगल हरा
मां चंद्रघंटाशुक्र धूपीया
मां कुष्मांडासूर्य लाल
देवी स्कंदमाताबुध रॉयल ब्लू
माता कात्यायनीगुरु सफेद
माता कालरात्रिशनि गुलाबी
महागौरीराहु स्काई ब्लू
सिद्धिदात्रीकेतु केसरी/पीच

नवरात्रि व्रत की सही विधि

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि नवरात्रि के दौरान बहुत से लोग 9 दोनों का उपवास करते हैं। ऐसे में उपवास से संबंधित कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है। जैसे कि इस दौरान कुछ चीज खाने और किए जाने की अनुमति होती है और वहीं कुछ चीजों को खाने की अनुमति नहीं होती है। क्या कुछ है ये चीज़ें आइये जान लेते हैं।

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इन चीजों को खाया जा सकता है

  • फल 
  • सब्जियां 
  • आलू 
  • शकरकंद 
  • लौकी 
  • कद्दू 
  • टमाटर 
  • बाजरा सिंघाड़ा आटा या रागी का आटा 
  • दूध या दूध से बने हुए व्यंजन 
  • पनीर
  • दही 
  • घी 
  • अखरोट और नारियल 
  • साबूदाना 
  • सेंधा नमक

इन चीजों का व्रत में किया जाता है परहेज

  • गेहूं 
  • चावल 
  • मैदा 
  • सूजी 
  • प्याज 
  • लहसुन 
  • बींस 
  • अंडे 
  • सामान्य नमक

चैत्र नवरात्रि के दौरान क्या करें- क्या ना करें

चैत्र नवरात्रि के दौरान अगर आप उपवास रख रहे हैं तो सुबह शाम दोनों समय की पूजा करें। दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। 9 दिन बिस्तर की जगह जमीन पर सोएँ और व्रत कर रहे हैं तो सात्विक भोजन ही खाएं। इस दौरान जितना हो सके दान पुण्य करें और धार्मिक कार्यों में शामिल हों और अपने मन में अच्छे विचार ही लाएँ।

बात करें चैत्र नवरात्रि के दौरान क्या काम नहीं करना चाहिए इसकी तो इस दौरान तामसिक भोजन भूल से भी ना खाएं। नवरात्रों के दौरान दाढ़ी, मूछ, बनवाने से बचें। साथ ही इस दौरान नाखून भी ना काटें। घर में अखंड ज्योति जलाएं तो घर को कभी भी खाली ना छोड़े। अपने मन में किसी तरह का गलत विचार न आने दें। किसी के साथ बुरा ना करें। महिलाओं के साथ गलत व्यवहार ना करें। बच्चों को परेशान ना करें। इसके अलावा अगर आप व्रत रख रहे हैं तो गंदे वस्त्र न पहनें और अपने जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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नवरात्रि में चाहिए मां की प्रसन्नता तो 9 दिन अवश्य करें ये 9 काम

  • माता को लाल रंग के फूल और चुनरी अवश्य अर्पित करें। इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। 
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। 
  • नवरात्रि के नौ दिनों तक गाय को ताज़ी रोटी और गुड़ खिलाएं इससे जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं। 
  • नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को कमल के फूल अर्पित करें। इससे भी आपकी सभी मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूरी होती है। 
  • नवरात्रि के पहले दिन घर के बाहर स्वास्तिक बनाएं। इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है। 
  • नवरात्रि में मां दुर्गा को कौड़ी अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद बना रहता है। 
  • नवरात्रि में अखंड ज्योत अवश्य जलाएं। इससे माँ सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करती हैं। 
  • नवरात्रि में हवन अवश्य करें। अगर आप रोज हवन नहीं भी कर पा रहे हैं तो अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को शुभ मुहूर्त में हवन अवश्य करें। ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर होती है, वास्तु दोष दूर होते हैं, नजर दोष दूर होते हैं और घर में सुख शांति बनी रहती है। 
  • इसके अलावा अष्टमी या फिर नवमी के दिन कन्या पूजन अवश्य करें। ऐसा करने से आपके जीवन में महाशक्ति मां दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा।

चैत्र नवरात्रि के महा उपाय

  • अगर आपके जीवन में राहु केतु से संबंधित कोई दोष है तो नवरात्रि के नौ दिनों तक शिवलिंग पर लौंग अर्पित करें। 
  • अगर आपको कार्य में सफलता प्राप्त करनी है तो आरती के दीपक में कपूर के साथ दो लॉन्ग अवश्य डालें। 
  • अगर आपके शत्रु आपके जीवन पर हावी हो रहे हैं और आप उनसे सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो नवरात्रि के दौरान भगवान हनुमान को लड्डुओं का भोग अर्पित करें। 
  • आपके जीवन में आर्थिक परेशानियां बढ़ गई है और आप उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो एक लाल कपड़े में पांच पीली कौड़ी और पांच लॉन्ग ले लें। इसे अपने धन रखने वाली जगह पर रख दें। इससे दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक संपन्नता बनी रहती है। 
  • अपने काम में सफलता प्राप्त करने के लिए भगवान हनुमान जी की आरती तेल के दीपक से करें और इसमें दो लौंग डाल दें। 
  • घर में सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा के समय माँ को फूल वाले दो लौंग अर्पित करें।

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