हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन का महीना वर्ष का आखिरी महीना होता है। इसके बाद शुरू होता है चैत्र का महीना जिसे हिंदू नव वर्ष की शुरुआत माना जाता है। इस वर्ष चैत्र का महीना 29 मार्च यानी आज के दिन से से शुरू हो रहा है। अंग्रेजी पंचांग के गणना के अनुसार चैत्र का महीना इस वर्ष 29 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। हालांकि हिंदू पंचांग के अनुसार बात करें तो पहले दिन से ही कृष्ण पक्ष का प्रारंभ हो रहा है। नया साल प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। यही वजह है कि, इस वर्ष नवरात्रि 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है।
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चैत्र का महीना क्यों है खास
इस वर्ष 13 अप्रैल को नवरात्रि के साथ ही गुड़ी पड़वा का त्यौहार भी मनाया जाएगा। चैत्र के महीने से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत मानी जाती है और साथ ही इस महीने की शुरुआत से ही प्रकृति में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। यह साल का वो समय होता है जब ठंड पूरी तरह से जा चुकी होती है और मौसम बेहद खुशगवार दिखता है क्योंकि इस समय ना ही ज्यादा सर्दी होती है और ना ही गर्मी। आसपास देखने में हर तरफ हरियाली होती है और इस समय तरह-तरह के फूल पत्तियां भी इस वक्त खिलते हैं। इसके अलावा चैत्र का महीना मांगलिक कार्य और शुभ काम के लिए बेहद ही अच्छा माना जाता है। यह समय साल का वह समय होता है जब लोग नई शुरुआत करते हैं। पेशेवर लोग इस दौरान नए बही खाते तैयार करते हैं।
बेहद फलदाई होता है चैत्र माह, इस दौरान ऐसे करें पूजा पाठ
चैत्र के महीने में सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व बताया जाता है। सूर्य देव की इस समय उपासना करने से व्यक्ति के लिए मान सम्मान में लाभ मिलता है। इसके अलावा जीवन में सकारात्मक शक्ति और नई ऊर्जा के लिए भी सूर्य देव की उपासना विशेष फलदाई बताई गई है। चैत्र के महीने में जरूरतमंदों को लाल फलों का दान करना भी फलदाई साबित होता है। इसके अलावा इस दौरान पेड़ पौधों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
चैत्र माह में बरतनी होती है सावधानियां भी
चैत्र माह में खानपान से संबंधित कुछ सावधानियां भी बरतनी होती है। क्या है वह सावधानी आइए जानते हैं।
- इस दौरान अपनी डाइट में से धीरे-धीरे भोजन की मात्रा कम कर देनी चाहिए क्योंकि इस दौरान खाना कम करके पानी ज्यादा पीना चाहिए और साथ ही जितना हो सके फल आदि भी खाने चाहिए।
- चैत्र के महीने में गुड़ ना खाने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा इस पर यदि व्यक्ति चना खाए तो इससे काफी अच्छा माना जाता है।
- इसके अलावा खानपान से संबंधित एक विशेष सावधानी के तौर पर इस माह में बासी खाना खाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।
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