आज के दौर में माया नगरी मुंबई जाकर हिंदी सिनेमा में अपना नाम बनाने का सपना हर नौजवान देखता है। लेकिन हर शख्स माया नगरी में अपना नाम बना पाए यह संभव नहीं होता। भारत के करोड़ों लोग बॉलीवुड में किस्मत आजमाते हैं लेकिन चुनिंदा लोगों के सितारे ही उनका साथ देते हैं। फिल्मों में काम करने वाला हर शख्स सोचता है कि उसका नाम भी अमिताभ, शाहरुख, सलमान जैसे बड़े नामों में शुमार हो लेकिन कुछ लोग छोटी-मोटी भूमिकाएं करके ही बॉलीवुड से अलविदा कह देते हैं, वहीं कुछ लोगों के सपने तो बस सपने ही रह जाते हैं।
ज्योतिष से जानें आप फिल्म जगत में नाम बना सकते हैं या नहीं
जीवन के अन्य क्षेत्रों की तरह ही बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाने के लिये भी सबसे जरुरी चीज है मेहनत और मेहनत के साथ-साथ आपकी कुंडली के योग। सिनेमा जगत में प्रतिष्ठा पाने के लिये आपकी कुंडली में ऐसे प्रबल योगों का होना और ग्रह नक्षत्रों की सही स्थिति बहुत जरुरी है, तभी आप इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। यदि आप भावनाओं में बहकर कोई ऐसा सपना देख लेते हैं जिसका पूरा होना मुश्किल है तो समय और पैसे की बर्बादी के अलावा आपके हाथ कुछ नहीं लगता।
इसलिये सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह कि फ़िल्म जगत में करियर बनाने के लिए कौन से ज्योतिषीय कारक आवश्यक हैं? इन्हीं योग और स्थितियों के बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।
प्रबल शुक्र, गुरू, सूर्य और 5वाँ भाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रबल बॉलीवुड में अपना नाम बनाने के लिये आपकी कुंडली में शुक्र, गुरू, सूर्य और 5वें भाव का प्रबल होना अति आवश्यक है। शुक्र ग्रह सौंदर्य, अभिनय व कला आदि को दर्शाता है, गुरू ग्रह भाग्य और समृद्धि को इंगित करता है, सूर्य यश तथा लोकप्रियता की ओर संकेत करता है और मज़बूत पाँचवाँ भाव मनोरंजन, नाट्य और अभिनय आदि में सफलता को दिखलाता है। इसलिये इन सभी कारकों पर विचार करने के बाद ही बताया जा सकता है कि व्यक्ति सिनेमा जगत में नाम कमाएगा या नहीं।
कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार पाँचवें भाव का उप-स्वामी अगर 2, 6, 10, 11 के कारक ग्रहों के नक्षत्र में हो, तो जातक को कला, अभिनय, निर्देशन आदि के क्षेत्र में सफलता मिलती है। कारक शुक्र का संबंध योग को और सुस्पष्ट व प्रभावशाली बना देता है।
उदाहरण के लिए अगर पाँचवें का उप-स्वामी 2, 6, 10 व 11 भावों से जुड़ा है और फ़िल्म उद्योग की ओर संकेत करता है; ऐसे में यदि 10 वें भाव का उप-स्वामी भी 2, 6, 11 से संबंधित हो, तो इस क्षेत्र में करियर बनना लगभग तय है। एक-दूसरे के साथ यह जुड़ाव महत्वपूर्ण है, नहीं तो फ़िल्म क्षेत्र में हज़ारों अभिनेता और अभिनेत्रियाँ होते।
ये सभी परिणाम पूरी तरह 2, 5, 6, 10, 11 के कारकों की संयुक्त दशा में मिलेंगे।
उपर्युक्त नियम “प्रश्न ज्योतिष” में भी पूर्णतः सटीक बैठते हैं।
ग्रहों के अनुसार आपके काम का प्रकार
ऊपर बतायी गयी ग्रह नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए हम बता सकते हैं कि कौन किसी क्षेत्र में ज्यादा बेहतर काम कर सकता है। आइये अब विस्तार से जानते हैं:
सूर्य
अगर आपकी कुंडली में सूर्य मुख्य कारक होगा तो आप निर्माता बन सकते हैं। निर्माता ही फिल्म को सफलता के मार्ग पर ले जाता है।
चन्द्र
अगर मुख्य कारक ग्रह चंद्रमा है, जोकि भावनाओं और जज़्बातों का कारक है तो आप ट्रेजेडी और बाल फिल्में बना सकते हैं। इसके साथ ही चन्द्र-शनि की युति से एसी फिल्में बना सकते हैं जिनसे समाज में संदेश जाए।
मंगल
यदि आपकी कुंडली का मुख्य कारक ग्रह मंगल है तो आप अभिनेता बन सकते हैं। आप एक्शन स्टार या कॉमेडी में भी हाथ आजमा सकते हैं।
बृहस्पति
बृहस्पति यदि मुख्य कारक ग्रह है तो ऐसे लोग ज़्यादातर निर्देशक बनते हैं। हालांकि कुछ और स्थितियां भी हैं जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है।
सूर्य-गुरू – देशभक्ति की फ़िल्में,
चन्द्रमा-गुरू – बाल फ़िल्में / संदेशप्रधान फ़िल्में
मंगल-गुरू – मार-धाड़ वाली फ़िल्में
बुध-गुरू – हास्य फ़िल्में
शुक्र-गुरू – प्रेम कहानियाँ / संगीत-प्रधान फ़िल्में
शनि-गुरू – करुणाप्रधान, ऐतिहासिक या पौराणिक विषयों पर आधारित फ़िल्में
राहु-गुरू – भूतिया फ़िल्में / रोमांचक फ़िल्में
केतु-गुरू – दार्शनिक फ़िल्में
शुक्र
यदि आपका मुख्य कारक ग्रह शुक्र है तो आप सेट-कॉर्डिनेटर, फैशन स्टाइलिश, मेकअप आर्टिस्ट आदि बन सकते हैं। ये लोग हर फिल्म का मुख्य हिस्सा होते हैं और इनके चलते ही पर्दे पर फिल्म में चकाचौंध देखी जाती है।
शनि
परदे के पीछे काम करने वाले सभी व्यक्ति शनि के प्रभाव में आते हैं। कुछ मुख्य लोगों को छोड़कर लोग अधिकांशतः परदे के पीछे काम करने वाले इन ज़्यादातर लोगों को नहीं पहचानते हैं। नीचे ग्रहों की स्थिति और उससे संबंधित कामों के बारे में बताया गया है।
मंगल-बुध-शुक्र-शनि-गुरू : कोरियोग्राफ़र (नृत्य निर्देशक), डांसर
मंगल-शनि-गुरू : स्टंट मास्टर, फाइट निर्देशक
बुध-चन्द्र-शुक्र-शनि-गुरू : संगीतकार, संगीत निर्देशक
बुध-चन्द्र-शनि-शुक्र-तीसरा भाव : गीतकार,
बुध-मंगल-चन्द्र-शनि-तीसरा भाव : संवाद लेखक / पटकथा लेखक
बुध-मंगल-शुक्र-गुरू-शनि-राहु : तकनीशियन / ग्राफ़िक्स
बुध-गुरू-शुक्र और पाँचवाँ व तीसरा भाव : डिस्ट्रीब्यूटर
बुध-गुरू : विज्ञापन
इस बात को लेकर स्पष्ट रहें कि सभी परिणाम दशा और भुक्ति के आने पर दिखाई देने लगते हैं। हमने कई बार देखा है कि लोग खलनायक के तौर पर अपने करियर की शुरूआत करते हैं और फिर नायक बन जाते हैं। कई बार फिल्मों में हीरो का किरदार करने वाले नायक हास्य-कलाकर बन जाते हैं। इस तरह के बदलाव के लिए सह-स्वामी (को-रूलर) ज़िम्मेदार होते हैं।
अनुभव ही मुख्य चीज़ है, इसलिए हमें किसी भी घटना की ठीक-ठीक भविष्यवाणी करने के लिए हर तथ्य की भली-भांति पड़ताल करनी पड़ती है। इसके लिए तजुर्बा, व्यापक कल्पना और इंट्यूशन की ज़रूरत होती है।
कॉग्निएस्ट्रो से जानें फिल्मों में आप करियर बना सकते हैं या नहीं
अब आप जान गए होंगे कि बॉलीवुड में अपना नाम बनाने के लिये आपकी कुंडली के ग्रहों की स्थिति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। आप सिनेमा जगत में अपना नाम बना सकते हैं या नहीं यह पता करने के लिये आप कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट की मदद ले सकते हैं। कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से आपको अपने व्यक्तित्व का प्रकार पता चलता है और उसके आधार पर आपको पता चलता है कि आप कला आदि के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं या नहीं।