बुध वृषभ राशि में अस्त: किन राशियों को मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद?

बुध वृषभ राशि में अस्त: तर्क, बुद्धि, वाणी,व्यापार तथा गणित के कारक बुध ग्रह 19 जून 2023 को वृषभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं। स्वाभाविक है कि बुध जिन-जिन चीज़ों के कारक हैं व जिन भावों के स्वामी हैं उन सभी चीजों में प्रतिकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, यदि बुध आपकी कुंडली में अच्छे भावों के स्वामी हैं तो इनका अस्त होना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं यदि बुध आपकी कुंडली में खराब भावों के स्वामी हैं तो इनका अस्त होना आपके लिए फायदेमंद भी रह सकता है साबित हो सकता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको बताएगा कि बुध 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएंगे और किन उपायों को करके बुध से शुभ फलों की उम्मीद की जा सकती है।

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बुध वृषभ राशि में अस्त: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। दूसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस दौरान आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में आप थोड़े से पीछे रह सकते हैं। साथ ही साथ बुध के अस्त होने की समय अवधि में आपको अपने खानपान पर संयम रखने की भी सलाह दी जाती है। इसके अलावा आर्थिक मामलों में भी सावधानी से निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। 

उपाय: मांस-मदिरा व अंडे का त्याग करना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि 

बुध आपके दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ पांचवें भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव में अस्त हो रहे हैं। पहले भाव में बुध के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना जाता। ऐसी स्थिति में बुध के अस्त होने से आपको कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। अलबत्ता अगर हम इस दृष्टिकोण से देखें कि पहले भाव के स्वामी प्रथम भाव से संबंध बना रहा है तो यहां से आर्थिक मामले में कुछ कमज़ोरी के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसा ही यदि हम पांचवें भाव के स्वामी का पहले भाव से कनेक्शन देखें तो लव लाइफ में उतार-चढ़ाव आ सकता है। साथ ही साथ पढ़ाई इत्यादि से भी जातकों का मन हट सकता है लेकिन ज्योतिष के सामान्य सूत्र के अनुसार देखें तो कोई बड़ा नुकसान नज़र नहीं आ रहा है। अर्थात बुध के अस्त होने से आपको कोई बड़ी समस्या नहीं होगी, बल्कि जो जैसा चल रहा था वैसा ही चलता रह सकता है।  

उपाय: गणपति अथर्वशीर्ष स्तोत्र का पाठ करें। 

मिथुन राशि

बुध आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव में अस्त हो रहे हैं। बारहवें भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। अर्थात जबसे बुध वृष राशि में आए हैं तब से जैसे परिणाम आपको मिल रहे थे उसकी तुलना में बेहतर परिणाम बुध अस्त होने के कारण मिल सकते हैं। यानी कि बुध के वृष राशि में अस्त होने से आपको कोई नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे। बल्कि कुछ हद तक अनुकूलता ही देखने को मिल सकती है। यदि पिछले दिनों अचानक से कुछ खर्चे बढ़ गए थे तो अब उन खर्चों में कमी देखने को मिल सकती है। यदि आपको अथवा आपके जीवनसाथी या जीवनसंगिनी को कोई स्वास्थ्य समस्या पिछले दिनों आई थी तो अब उसका निदान मिल सकता है। चिंताओं में भी कुछ कमियां देखने को मिलेंगी। कोशिश करने पर आप अपनी पढ़ाई लिखाई पर बेहतर ढंग से फोकस कर सकेंगे। दूर जाने की योजना भी थोड़ी सी एक्स्ट्रा मेहनत लेकर कामयाब हो सकती है। अर्थात बुध का अस्त होना आपके लिए बेहतर परिणाम दे सकता है। 

उपाय:-  माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाएं।

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कर्क राशि 

बुध आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लाभ भाव में अस्त हो रहे हैं। लाभ भाव में सामान्य तौर पर बुध के गोचर को अच्छा माना जाता है। तो ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना आपके लिए अनुकूल साबित हो सकता है। जब तक बुध ग्रह अस्त है तब तक विदेश से संबंधित मामलों में कुछ शिथिलता देखने को मिल सकती है। यात्राएं कठिनाई भरी रह सकती हैं। इस समय अवधि में कम्युनिकेशन के साधन संसाधन भी प्रतिकूल परिणाम दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान इस बात का रखना है कि आपका फोन खोने न पाए अथवा चोरी न होने पाए। इसके अलावा फोन अथवा संचार दूसरे साधन संसाधन खराब या टूटने न पाए, इस बात का भी ख्याल रखना होगा। भाई बंधु और पड़ोसियों के साथ संबंध कमज़ोर न हो इस बात का भी ख्याल रखना है। अर्थात बुध का अस्त होना आपके लिए तुलनात्मक रूप से कमज़ोर परिणाम दे सकता है। 

उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा। 

सिंह राशि

बुध आपके धन और लाभ भाव के स्वामी हैं। फिलहाल बुध आपकी कुंडली में दशवें भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। यद्यपि दशम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। तो ऐसे गोचर वाले बुध का अस्त होना आपके लिए नुकसानदायक नहीं रहेगा। बल्कि कुछ हद तक फायदेमंद रह सकता है लेकिन यदि हम ज्योतिष के अन्य सूत्रों के अनुसार देखें तो धन और लाभ भाव के स्वामी का कर्म भाव में अस्त हो जाना कामों में कठिनाइयां आने का संकेतक है। साथ ही साथ लाभ प्राप्ति के मार्ग में कुछ बाधाएं भी देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा आप कमाए हुए धन का ठीक से संचय नहीं कर पाएंगे अथवा संचित धन खर्च हो सकता है। अर्थात दोनों सूत्रों के अनुसार देखें तो बुध का अस्त होना आपको मिले जुले परिणाम दे सकता है। कुछ मामलों में कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं तो वहीं कुछ ऐसे संपर्क सूत्र अथवा लिंक्स मिल सकते हैं जिनके माध्यम से पुरानी समस्याएं दूर हो सकती हैं अथवा पुरानी योजनाएं आपके लिए लाभ देने का काम कर सकती हैं। 

उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा। 

कन्या राशि 

बुध आपके लग्न स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी हैं और बुध आपके भाग्य स्थान पर अस्त हो रहे हैं। भाग्य स्थान पर बुध के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है। ऐसे में, बुध का अस्त के दौरान आपको भाग्य का साथ मिल सकता है। वहीं इस गोचर को विघ्न देने वाला तथा धन और मान की हानि करवाने वाला भी कहा गया है। तो ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना आपके खर्च को रोकने का काम कर सकता है। अर्थात धन बचाने में बुध आपकी मदद कर सकता है। साथ ही साथ मान सम्मान में आ रही बाधाएं भी दूर हो सकती हैं। यानी कि कई परेशानियों को शांत करने का काम बुध के अस्त होने से हो सकता है। 

ऐसे में देखा जाए तो गोचर के अनुसार बुध का अस्त होना आपके लिए फायदेमंद है लेकिन राशि स्वामी का अस्त होना तथा कर्म स्थान के स्वामी का अस्त होना कुछ मामलों में स्वास्थ्य के लिए अनुकूल प्रतीत हो सकता है। इस दौरान कामों में कुछ व्यवधान भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य का ख्याल रखने और लापरवाही न बरते की सलाह दी जाती है। अर्थात इन सावधानियों को रखने की स्थिति में बुध के अस्त होने से आपको कोई नुकसान नहीं होगा। 

उपाय: मिट्टी के बर्तन में मसरूम भरकर मंदिर में दान करें। 

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तुला राशि  

बुध आपके भाग्य स्थान के स्वामी होने के साथ-साथ बारहवें भाव के भी स्वामी हैं और गोचर में यह आपके आठवें भाव में जाकर अस्त हो रहे हैं। आठवें भाव में बुध की गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। आठवें भाव में बुध का गोचर आकस्मिक रूप से धन की प्राप्ति करवाता है, सफलता देता है, विजय दिलाता है और समाज में अच्छी प्रतिष्ठा दिलवाने का काम कर सकता है। स्वाभाविक है कि ऐसे परिणामों को देने वाले बुध का गोचर इस समय तुलनात्मक रूप से कमज़ोर हो रहा है। तो ऐसी स्थिति में इन्हीं मामलों में अनुकूल परिणाम प्राप्त न होने के संकेत हैं। फिलहाल आपको अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। आर्थिक मामलों में कोई जोखिम नहीं उठाना है तथा अपने काम के प्रति अधिक समर्पित रहना है। ऐसा करके आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। 

उपाय: किन्नरों को हरे कपड़े का दान करना शुभ रहेगा। 

वृश्चिक राशि 

बुध आपके आठवें और लाभ भाव के स्वामी हैं तथा यह आपके सातवें भाव में जाकर अस्त हो रहे हैं। सातवें भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। ऊपर से आठवें भाव के स्वामी होकर बुध सातवें भाव में गया था तो शायद बुध ने दांपत्य जीवन में अथवा दैनिक रोजगार से संबंधित मामले में छोटी-मोटी परेशानियां देने का काम किया होगा। अब जबकि बुध ग्रह अस्त हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में वह परेशानियां अब दूर हो जानी चाहिए। अर्थात बुध का अस्त होना आपके लिए कुछ अच्छे परिणाम देने का काम कर सकता है। अलबत्ता मेरे विचार से बुध आपके लाभ भाव के स्वामी हैं और यह दैनिक रोजगार के भाव में अस्त हो रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में रोजमर्रा के कामों में कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है। वहीं लाभ प्राप्त की गति भी कुछ धीमी रह सकती है। सारांश यह कि बुध अस्त होने से आपको मिले जुले परिणाम मिलेंगे लेकिन कोई नुकसान नहीं होगा। 

उपाय: गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

धनु राशि  

बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में अस्त हो रहे हैं। छठे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाता है। अतः बुध के अस्त होने की स्थिति में परिणामों में कमियां देखने को मिल सकती है। यानी कि बुध का अस्त होना आपके लिए एक कमज़ोर बिंदु कहा जाएगा अर्थात जब तक बुध अस्त है तब तक आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। इसके साथ ही, सामाजिक मान प्रतिष्ठा का भी ख्याल रखना होगा। आपके विरोधी आपको नुकसान न पहुंचाने पाए, इस बात के लिए सजग भी रहना है। साथ ही साथ अपने काम के प्रति बिल्कुल लापरवाह नहीं होना है, चाहे आप नौकरी करते हो या खुद का कार्य व्यापार; दोनों ही स्थितियों परिस्थितियों में बुध का अस्त होना कार्यशैली में कमज़ोरी देने का काम कर सकता है। अतः जब तक बुध अस्त है उस समय अवधि में कार्य व्यापार या फिर नौकरी को लेकर नए प्रयोग करना ठीक नहीं रहेगा। 

उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।

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मकर राशि  

बुध आपके छठे और भाग्य भाव का स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव में अस्त हो रहे हैं। पांचवें भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। तो ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना कहीं न कहीं आपके लिए फायदेमंद भी रहेगा। पांचवें भाव में बुध के गोचर को मानसिक अशांति देने वाला कहा गया है। यानी कि यदि पिछले कुछ दिनों से आप किसी तनाव में रहे हैं तो बुध के अस्त होने से आपको उस तनाव में कुछ राहत मिल सकती है। संतान से संबंधित परेशानियों का निदान भी मिल सकता है। आर्थिक पक्ष भी कुछ हद तक राहत दे सकता है लेकिन भाग्येश के अस्त होने के कारण कभी-कभी ऐसा महसूस हो सकता है कि कर्मों के अनुसार परिणाम कमज़ोर मिल रहे हैं तथा यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई लिखाई में रुचि थोड़ी सी कम हो गई है। वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो बुध की इस स्थिति के चलते आपको कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। 

उपाय:-  गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।

कुंभ राशि

बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं तथा यह आपके चौथे भाव में अस्त होंगे। चौथे भाव में बुध की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना गया है। विशेषकर माता, जमीन और घरेलू मामलों के लिए बुध का गोचर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना इन्हीं मामलों में कमज़ोरी दे सकता है। अर्थात यदि जमीन जायदाद से संबंधित कोई मामला रहा है तो उस मामले में कुछ व्यवधान या विलंब देखने को मिल सकता है। माता के स्वास्थ्य में कुछ कमजोरी देखने को मिल सकती है अथवा माता के साथ कुछ वैचारिक असंतुलन देखने को मिल सकता है। घर गृहस्थी से संबंधित चीजों की प्राप्ति के लिए कुछ चिंताएं भी देखने को मिल सकती है। यदि किसी बड़े व्यक्ति से मेल मिलाप बढ़ाने की इच्छा रही है तो इस समय अवधि में उस पर अमल करने से बचना जरूरी रहेगा। आने वाले समय में यानी कि बुध के उदित होने के बाद उनसे मिलना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। 

उपाय: पक्षियों के लिए पीने के पानी तथा चुगने के दाने की व्यवस्था करना शुभ रहेगा।

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मीन राशि

बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं तथा ये आपके तीसरे भाव में अस्त हो रहे हैं। तीसरे भाव में बुध के गोचर को मिले-जुले परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना कुछ अच्छे तो कुछ कमज़ोर परिणाम देने का काम कर सकता है। यदि पिछले दिनों से कोई विवाद आपके साथ जुड़ा रहा है, विशेषकर किसी भाई, मित्र या पड़ोसी के साथ कोई विवाद रहा है तो, इस समय अवधि में उस विवाद के शांत होने की संभावनाएं हैं। आपको भी चाहिए कि पहल करके मामले को शांत किया जाए। 

पिछले दिनों यदि कोई आर्थिक समस्या अचानक से आई थी तो उस समस्या का समाधान बुध के अस्त होने के कारण मिल सकता है। वहीं नए-नए बने मित्र पर इस समय अवधि में आवश्यकता से अधिक विश्वास करना ठीक नहीं रहेगा। किसी नए रोजगार की शुरुआत भी इस समय अवधि में ठीक नहीं रहेगी। भूमि, भवन या वाहन से जुड़े मामलों में कोई बड़ा निर्णय लेना भी फिलहाल उचित नहीं है। प्रतीक्षा करें जब बुध उदित हो जायें, तब आप ऐसे निर्णय ले सकते हैं। 

उपाय: गरीब अस्थमा रोगियों के लिए दवा की व्यवस्था करवाएं। 

हम उम्मीद करते हैं कि बुध के वृषभ राशि में अस्त के परिणामों को पहले से जान करके आप एक बेहतरीन योजना बनाएंगे और बुध अस्त न केवल लाभ ले सकेंगे बल्कि इससे होने वाले नुकसान को भी योजनाबद्ध तरीके से दूर कर सकेंगे। हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास आपके जीवन में बेहतरी लाने का काम करेगा। भगवती आप सब पर कृपा बनाए रखें। 

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