मिथुन राशि में बुध वक्री, पढ़ें राशिफल

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, अनुसंधान और यात्रा का कारक ग्रह बताया गया है। जिन्हें राजकुमार ग्रह की उपाधि भी प्राप्त है। सौरमंडल के सभी नौ ग्रहों में से ज्यादातर ग्रहों का वक्री होना, वैदिक ज्योतिष में यूँ तो शुभ नहीं माना जाता है, परंतु कई विशेषज्ञ ज्योतिषी ग्रहों की वक्री स्थिति को लेकर इस बात से भी इंकार नहीं करते कि वक्री ग्रह हमेशा ही अशुभ परिणाम दे, ये भी सच नहीं होता। क्योंकि कुछ ग्रह कभी-कभी वक्री होते हुए, जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी भी हो सकते हैं। 

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अगर बुध ग्रह की बात करें तो, सभी ग्रहों में से सूर्य, शुक्र और राहु ग्रह को इनका मित्र माना जाता है, जबकि चंद्रमा इनके शत्रु ग्रह बताए गए हैं। इसके अलावा ये भी देखा गया है कि, समस्त ग्रहों में से बुध देव की वक्री और मार्गी स्थिति काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आती है। क्योंकि इसका सीधा प्रभाव हर जातक की तर्क शक्ति, व्यापार और संवाद शैली पर पड़ता है। माना गया हैं कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति बली हो तो, उसके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना बेहद कम रहती है।  

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वकी बुध का प्रभाव

सभी नौ ग्रहों में से बुध ही एकमात्र ऐसे ग्रह माने गए हैं, जिनकी चाल सबसे तेज होती है। इसलिए ये अन्य सभी ग्रहों की तुलना में एक वर्ष में सबसे अधिक बार वक्री चाल चलते हैं। इसलिए ही बुध देव का मिथुन राशि में वक्री होना, ज्योतिष के अनुसार महत्वपूर्ण घटना माना गया है। 

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मिथुन राशि में बुध के वक्री होने का समय

अभी कुछ दिन पहले ही 26 मई, 2021 को बुध देव ने वृषभ से अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश किया था। परंतु अब बुध देव रविवार 30 मई, 2021 को प्रातः 03 बजकर 47 मिनट मिथुन राशि में ही अपनी वक्री गति प्रारंभ कर देंगे। और फिर 3 जून, 2021 को तड़के 3:46 बजे वक्री करते हुए, मिथुन से वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। चूँकि बुध अपनी स्वराशि मिथुन में ही अपनी वक्री गति शुरू करेंगे तो, इसके प्रभाव से हर जातक के जीवन में अत्यधिक बदलाव आएगा। जिससे इस वक्री अवस्था का महत्व भी हर राशि के लिए बेहद विशेष हो जाएगा। तो चलिए अब जानें मिथुन राशि में बुध का वक्री, सभी 12 राशि पर कैसा प्रभाव दिखाएगा:-

चलिए पढ़ें मिथुन राशि में बुध का वक्री होना, आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालने वाला है:-

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यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है। इसलिए, तीसरे घर में बुध का वक्री होना आम तौर पर इस राशि के जातकों के….आगे पढ़ें

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है। बुध का वक्री आपके दूसरे घर में हो रहा है जो वित्त, धन, भाषण और परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि के दौरान आपको….आगे पढ़ें

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और चौथे घर का स्वामी है। बुध का वक्री आपके आत्म, व्यक्तित्व और कार्रवाई के प्रथम घर में हो रहा है। चूंकि….आगे पढ़ें

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए लिए, बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है। बुध आपके विदेश यात्रा के बारहवें घर में वक्री हो रहा है, जो इंगित करता है कि यह समय….आगे पढ़ें

सिंह

सिंह राशि वालों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी होता है। बुध का वक्री आपके लाभ, सफलता के एकादश भाव में हो रहा है, जो इंगित करता है कि आपको….आगे पढ़ें

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है। आपके करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें घर में बुध का वक्री हो रहा है, जो बताता है कि विशेष रूप से….आगे पढ़ें

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तुला

तुला राशि के जातकों के लिए, बुध नौवें और बारहवें घर का स्वामी है। बुध वक्री अवस्था में इस दौरान आपके भाग्य और आध्यात्म के नौवें घर में स्थित होगा। इस अवधि के दौरान….आगे पढ़ें

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, बुध आठवें और ग्यारहवें घर का स्वामी है। बुध का वक्री गोचर आपके परिवर्तन, स्वास्थ्य में बदलाव, आयु आदि के अष्टम भाव में हो रहा है। इस अवधि के दौरान आपको….आगे पढ़ें

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए, बुध सातवें और दसवें घर का स्वामी है। बुध आपके शादी और भागीदारी के सातवें घर में वक्री होगा। इस अवधि के दौरान आपको अपने और आपके जीवनसाथी के बीच….आगे पढ़ें

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मकर

मकर राशि के जातकों के लिए, बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है। यह आपके ऋण, शत्रु और रोगों के छठे भाव में वक्री गोचर करेगा। आपको इस अवधि के दौरान जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि….आगे पढ़ें

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए, बुध पांचवें और आठवें घर का स्वामी है। बुध ग्रह आपके प्यार, रोमांस और बच्चों के पांचवें भाव में वक्री गोचर कर रहा है। कुंभ राशि रिश्तों का प्रतिनिधित्व करती है, बुध के इस वक्री गोचर के दौरान….आगे पढ़ें

मीन 

मीन राशि के जातकों के लिए, बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और यह मीन राशि के जातकों के सुख, माता, गृह, विलासिता और आराम के चतुर्थ भाव में वक्री गति करने जा रहा है। इस अवधि के दौरान आपके….आगे पढ़ें

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