बुध मेष राशि में वक्री: जानें सभी राशियों पर इसका शुभ व अशुभ प्रभाव!

बुध मेष राशि में वक्री: सूर्य और चन्द्रमा को छोड़कर सभी ग्रह वक्री होते हैं। वक्री अर्थात् जब कोई ग्रह उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है। इसी क्रम में बुध ग्रह 21 अप्रैल 2023 को मेष राशि में वक्री होने जा रहे हैं। वक्री बुध के प्रभाव से सभी 12 राशियां भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभावित होंगी। 

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वैदिक ज्योतिष में बुध देव को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है। साथ ही बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार, तर्कशक्ति, तार्किक क्षमता और शेयर बाज़ार के कारक हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देते हैं इसलिए जब भी बुध ग्रह की चाल में बदलाव होता है तो जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलता है। बुध का मेष राशि में वक्री होना सभी 12 राशियों के लिए कैसा साबित होगा, यह जानने के लिए कुंडली में बुध की स्थिति एवं जातक की दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि वक्री बुध का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

मेष राशि में बुध के वक्री होने से संबंधित अन्य चीजों को जानने के लिए, करें विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

बुध मेष राशि में वक्री: तिथि और समय 

ज्योतिष में बुद्धि के ग्रह बुध 21 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 25 मिनट पर मेष राशि में वक्री होंगे। इसके बाद यह 23 अप्रैल 2023 को मेष राशि में ही अस्त हो जाएंगे।

मेष राशि में वक्री बुध के परिणाम

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में वक्री होंगे और आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आएंगे। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो जातकों को इस दौरान व्यापार और करियर में प्रगति देखने को मिलेगी। इसके अलावा जो लोग टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से जुड़े हैं उनके लिए यह समय कई नए अवसर लेकर आएगा। साथ ही, ये लोग रहस्य विज्ञान जैसे ज्योतिष आदि से संबंधित क्षेत्रों में भी अपनी चमक बिखेर सकते हैं। इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति से धन लाभ प्राप्त हो सकता है। वहीं अगर नकारात्मक पक्ष की बात करें तो आपको अपनी सेहत के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि मस्तिष्क और पाचन संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।

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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को शुभ और लाभकारी ग्रह माना गया है। इन्हें अनेक नामों से जाना जाता है जैसे रौहिनेया, तुंगा सौम्य (चंद्रमा के पुत्र) आदि। ज्योतिष में बुध ग्रह अपने दोहरे स्वभाव के लिए जाने जाते हैं जो बुद्धि, संचार, भाषा और विश्लेषण का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए वैदिक ज्योतिष में बुध एक प्रभावी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है।

बुध की सबसे विशिष्ट विशेषता यह है कि इसका प्रभाव कुंडली के भावों के अनुसार बदलता रहता है। यदि यह शुभ ग्रहों के साथ होते हैं तो सकारात्मक परिणाम देते हैं जबकि अशुभ ग्रहों के साथ नकारात्मक परिणाम देते हैं। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शत्रु ग्रह हैं। नक्षत्रों की बात करें तो 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है और राशियों की बात करें तो यह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। आमतौर पर बुध सीधी गति में होते हैं तो एक राशि में लगभग 23 दिनों तक रहते हैं।

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बुध ग्रह मजबूत होने के कुछ संकेत

कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति होने से जातकों को बेसुमार लाभ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं बुध के मजबूत होने के संकेत:

  • बुध ग्रह की कृपा से व्यक्ति का संचार कौशल बेहतर होता है और ऐसे लोग अपनी वाणी से लोगों को आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।
  • जिनकी कुंडली में बुध मजबूत होता है वे ट्रेडिंग में बेहतर होते हैं और इस क्षेत्र से लाभ प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
  • बुध की शुभ स्थिति जातक को विश्लेषणात्मक कौशल और बुद्धि जैसी अच्छी विशेषताओं से सम्पन्न करती है।
  • यदि कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में विराजमान हो तो जातक तर्कसंगत और राजनीति में अत्यंत कुशल होता है। साथ ही सभी प्रकार के विषयों को सीखने में रुचि लेता है और उसमें महारथ हासिल करता है।
  • शारीरिक रूप रेखा की बात करें तो बुध की शुभ स्थिति से प्रभावित व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होते हैं। देखने में व्यक्ति अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु का दिखता है तथा आँखें चमकदार होती हैं और आवाज़ पतली होती है।
  • बुध हमारी त्वचा, पित्ताशय, तंत्रिका, जीभ, बाल, तंत्रिका तंत्र, छाती और चेहरे को नियंत्रित करते हैं।
  • बुध के प्रभाव से व्यक्ति अच्छा वक्ता, प्रवक्ता, अधिकारी, बीमा एजेंट और बहुभाषी बनता है।

बुध ग्रह के कमजोर होने के कुछ संकेत

अगर ज्योतिष के जानकारों की मानें तो बुध ग्रह के कमजोर होने से इंसान की जिंदगी में कई सारी समस्याएं आ जाती हैं जो इस प्रकार हैं:

  • यदि व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह नकारात्मक स्थिति में हों तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो जातक को बातचीत करने और विचारों को व्यक्त करने में समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • कमजोर बुध वाले लोग स्वभाव में चतुर व मूडी होते हैं और इनमें धोखा देने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो सकती है।
  • कमजोर बुध के कारण पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, यश बल में गिरावट आने लगती है। 
  • इसके अलावा जातक की भाषण देने की क्षमता प्रभावित होती है।

कुंडली में कमजोर बुध को बलवान बनाने के उपाय

  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन मस्तक पर सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
  • गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां खिलाना चाहिए।
  • बुध के लिए चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक रहता है।
  • इसके अलावा जातक को बुधवार का व्रत करना चाहिए।
  • अगर आपका बुध अशांत है तो किसी ज्योतिषाचार्य की सलाह से आप पन्ना धारण कर सकते हैं।
  • जिन लोगों का बुध कमजोर है उन्हें बुध के साथ भगवान विष्णु की भी आराधना करनी चाहिए। साथ ही साबुत मूंग, नीले फूल और नीले और हरे रंग के वस्त्र का दान करना चाहिए।
  • बुध की कृपा प्राप्त करने के लिए बुध बीज मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः! गायत्री मंत्र- ॐ सौम्य-रूपाय विदमहे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्यः प्रचोदयात्।

बुध मेष राशि में वक्री: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके पहले भाव में वक्री होने जा रहे हैं…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

बारहवें भाव में बुध की स्थिति आपके लिए ख़र्चों में बढ़ोतरी और बाधाओं का कारण बन सकती हैं। इसके प्रभाव से जातकों को…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

इन जातकों के ग्यारहवें भाव में बुध वक्री हो रहे हैं और ऐसे में, बुध की वक्री स्थिति मिथुन राशि वालों के लिए लाभदायक कही जा सकती है लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बुध का दसवें भाव में वक्री होना कर्क राशि के जातकों की प्रगति के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। बुध के दसवें भाव में मौजूद होने के कारण आपके करियर…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बुध मेष राशि में वक्री होने से सिंह राशि के जातकों के लिए समय अनुकूल होगा और इन्हें भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। साथ ही, ये लोग अच्छा लाभ कमाने में भी सक्षम होंगे। इस अवधि में…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

बुध की वक्री अवस्था कन्या राशिवालों के लिए समस्याएं लेकर आ सकती हैं और इन लोगों को करियर में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

बुध मेष राशि में वक्री के दौरान जातक को औसत परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। इस अवधि के दौरान आपको धार्मिक तीर्थस्थलों से जुड़ी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। संभव है कि…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

बुध मेष राशि में वक्री होने से वृश्चिक राशि के जातकों को ज्यादा लाभ नहीं मिलने की संभावना है क्योंकि आपको मिलने वाले लाभ में समस्याओं और…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

करियर की बात करें तो, बुध की वक्री अवस्था नौकरी के क्षेत्र में आपको औसत परिणाम प्रदान करेगी। इस राशि के लोगों को अपना काम एक व्यवस्थित तरीके से करने की जरूरत महसूस हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

बुध मेष राशि में वक्री के दौरान जातकों को करियर में औसत परिणाम प्राप्त होने की संभावना है। ये लोग जो भी काम करेंगे उसमें इन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जो जातक व्यापार करते हैं उनके लिए ये समय फलदायी साबित हो सकता है और इस दौरान आपको लाभ कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। ये जातक…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए ये अवधि अनुकूल रहने वाली है। इस समय ये लोग एक से ज्यादा व्यापार करते हुए नज़र आ सकते हैं और साथ ही… (विस्तार से पढ़ें)

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