कन्या राशि में वक्री बुध, कितना शुभ कितना अशुभ !

ज्योतिष में समस्त ग्रहों में से बुध का स्थान बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है इसलिए ही उनका प्रत्येक गोचर के साथ-साथ उनके वक्री का भी खगोलीय घटना के रूप में महत्व विशेष है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो बुध अकेला ऐसा ग्रह है जो अपनी वक्री अवस्था में बहुत प्रभावशाली हो जाता है, जिसके चलते उसके अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देने की क्षमता में भी खासा वृद्धि देखने को मिलती है। 

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अक्सर वक्री बुध के प्रभाव से न केवल जातकों की वाणी और स्वभाव में तुरंत बदलाव देखने को मिलता है, बल्कि वक्री बुध कई जातकों को सामान्य से अधिक फलदायी परिणाम देने में भी पूरी तरह समर्थ रहता है। इतना ही नहीं वक्री अवस्था में होते हुए बुध व्यापारी जातकों को भी कई सुनहरे अवसर मिलने के योग बनाता है। परंतु कुछ परिस्थिति में वक्री बुध जातकों की निर्णय क्षमता को प्रभावित करते हुए उन्हें मानसिक तनाव व कुछ उलझन भी दे सकता है। 

सरल शब्दों में कहें तो बुध की वक्री अवस्था प्रत्येक जातकों के विभिन्न क्षेत्रों को तो प्रभावित करती ही है, साथ ही देशभर में भी कई परिवर्तन लेकर आती है। जिस कारण बुध की वक्री स्थिति का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है। 

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बुध के वक्री की समयावधि 

बुध ग्रह 10 सितंबर 2022, शनिवार को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर अपनी स्वराशि कन्या राशि में वक्री हो जाएंगे। ये यहाँ 2 अक्टूबर 2022, रविवार को कन्या में ही वक्री अवस्था में स्थित रहेंगे और फिर उसके बाद पुनः कन्या में मार्गी अवस्था में लौटेंगे। 

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कन्या में वक्री बुध को लेकर ज्योतिषाचार्यों की राय 

-यूँ तो ऐसी धारणा है कि किसी भी ग्रह के वक्री होने पर इसका प्रभाव ज्यादातर नकारात्मक ही मिलता है। परंतु असल में ऐसा ही हो, ये मुमकिन नहीं होता क्योंकि अगर बुध की ही हम बात करें तो यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध की उपस्थिति प्रबल व शुभ हो तो, उसका वक्री होना आपको अच्छे परिणाम देने का ही कार्य करेगा। 

-इसके अलावा किसी जातक की कुंडली में यदि बुध वक्री स्थिति में है तो, उसका वक्री होना भी आपको सामान्य से बेहतर परिणाम मिलने के योग बना सकता है क्योंकि इससे न केवल आपकी स्मरण शक्ति बेहतर होगी, बल्कि आपकी छठी इंद्री का भी विकास देखने को मिलेगा।

-वक्री बुध के परिणामस्वरूप जातक की तीव्र तार्किक क्षमता में गजब की वृद्धि देखने को मिलती है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों को बुध की वक्री अवस्था से नई-नई चीजों को सीखने में मदद मिलती है।

-कन्या में होते हुए बुध का गुरु के साथ समसप्तक योग चल रहा है। ऐसे में 10 सितंबर को बुध के वक्री होने से अचानक घी, गुड़, खाण्ड, शक़्कर, शेयर बाजार में तेजी के तुरंत बाद मंदी देखने को मिलेगी।   

अवश्य पढ़ें: बुध ग्रह की शांति के लिए किये जाने वाले विशेष ज्योतिषीय उपाय

स्वराशि कन्या में वक्री हुए बुध – क्या होगा ख़ास 

बुध अपनी स्वराशि कन्या में विराजमान होते हुए 10 सितंबर को उसी में वक्री हो जाएंगे। वैदिक ज्योतिष में मिथुन के साथ-साथ कन्या भी बुध के ही अधिपत्य वाली राशि होती है। इसके अलावा कन्या में बुध उच्च के भी होते हैं। ऐसे में अपनी उच्च राशि में बुध का वक्री अवस्था में जाना कई मायनों से ख़ास रहने वाला है। 

किसी ग्रह का वक्री होना, पृथ्वी से देखने पर उसका आगे की ओर बढ़ने की जगह पीछे उल्टी अवस्था में चलना होता है। हालांकि असल में वो ग्रह उल्टी अवस्था में नहीं होता, लेकिन पृथ्वी से देखना पर ऐसा ही प्रतीत होता है, जिसे हम उस ग्रह का वक्री होना कहते है। ग्रह की वक्री अवस्था उसके चेष्टा बल में वृद्धि करती है। ऐसे में बुध का वक्री होना भी जहाँ कई जातकों को जीवन में कई शुभ अवसर देगा। वहीं इसके परिणाम से कुछ जातकों को कुछ समस्या भी उठानी पड़ सकती है।

आइये अब जानते हैं कि कन्या में बुध के वक्री होने से किन-किन राशियों के जीवन में बदलाव आने के योग बनेंगे।  

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इन राशियों को वक्री बुध देंगे जबरदस्त लाभ 

  1. मिथुन राशि: वायु तत्व की राशि मिथुन में बुध चतुर्थ भाव में वक्री होंगे। जिसके परिणामस्वरूप इस राशि के जातकों को सबसे अधिक समाज में अपनी छवि सुधारते हुए कई प्रभावशाली लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का अवसर मिलेगा। बुध की यह स्थिति जातकों को अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संबंधों को बेहतर करने में मदद करेगी। साथ ही यदि आप घर के निर्माण या नवीकरण करने का सोच रहे थे तो आपको अपने प्रयासों में भी सफलता मिलने की संभावना रहेगी। 
  2. कन्या राशि: चूंकि बुध आपकी ही राशि में वक्री हो रहे हैं, इसलिए इसका प्रभाव सबसे अधिक आपके स्वभाव और संचार में सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। जिससे कार्यक्षेत्र पर आप अपने अधिकारियों की मदद लेते हुए अनुकूल फल प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही सामाजिक दृष्टि से भी आपकी छवि बेहतर होगी और आप कई अन्य लोगों की मदद से कुछ लाभकारी अवसर प्राप्त करेंगे। 
  3. वृश्चिक राशि: बुध आपके एकादश भाव में वक्री होंगे, जिसके फलस्वरूप आपको सामान्य से अधिक उत्तम फल मिलने के योग बनेंगे क्योंकि बुध की ये अवस्था सबसे अधिक आपको अपने परिवार से संबंधित हर तनाव से मुक्ति दिलाएगी। इससे घर-परिवार में शांति और ख़ुशी का वातावरण दिखाई देगा और आप इस सुंदर समय का जमकर आनंद ले सकेंगे। 
  4. धनु राशि: बुध 10 सितंबर 2022 को आपके दशम भाव में वक्री हो रहे हैं। जिसके चलते आपको अपने कार्यस्थल पर दूसरे कर्मियों व अधिकारियों के साथ अपने संबंध बेहतर करने में मदद मिलेगी। बाद में उनके सहयोग से ही आप किसी कार्य को समय रहते पूरा कर सकेंगे। वहीं यदि आप व्यापार करते हैं तो भी बुध की ये स्थिति आपको अपार सफलता मिलने के योग बनाएगी। 
  5. मकर राशि: बुध आपकी राशि के नवम भाव में वक्री होते हुए, आपके भाग्य में वृद्धि करेंगे। इससे यदि कोई केस कोर्ट में चल रहा है तो, इस समय उसका फैसला आपके हक़ में आने की संभावना अधिक रहने वाली है। बुध देव आपके घर-परिवार में भी खुशहाली लेकर आएंगे। कुछ जातकों को कार्यस्थल से संबंधित किसी यात्रा पर जाना पड़ेगा, जिससे उन्हें लाभ प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। 

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा वक्री बुध का प्रभाव? जानने के लिए पढ़ें: बुध कन्या राशि में वक्री (10 सितंबर 2022)

बुध की वक्री अवस्था से इन राशियों को रहना होगा सावधान

  1. मेष राशि: आपकी राशि के षष्ठम भाव में बुध वक्री होंगे। जिसके परिणामस्वरूप आपका इस दौरान स्वास्थ्य जीवन सबसे अधिक प्रभावित होगा इसलिए आपको इस अवधि में अपनी सेहत के प्रति सतर्कता बरतते हुए, उसमे सुधार के लिए प्रयासरत रहने की ज़रूरत होगी। वहीं कार्यस्थल पर भी आपके शत्रु आपको लगातार हानि पहुंचाने का प्रयास करते देखें जाएंगे। इसलिए उन्हें नज़रअंदाज़ करना भी इस समय आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। 
  2. कर्क राशि: बुध ग्रह इस समय आपके तृतीय भाव में वक्री होते हुए, आपके संचार और वाणी को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले हैं इसलिए आपको इस समय किसी से भी बातचीत करते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही आपको कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले भी, खुद को शांत रखकर किसी भी निर्णय पर पहुंचने की सलाह दी जाती है। इस समय आपका किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा करना आपको बड़ी मुसीबत में फंसा सकता है। 
  3. तुला राशि: इस अवधि में बुध आपके द्वादश भाव में वक्री होते हुए, आपके अहंकार और क्रोध में वृद्धि करेंगे इसलिए अपनी वाणी व भाषा के प्रति सतर्कता बरतते हुए आपको शुरुआत से ही कुछ भी ऐसा कहने से बचना होगा, जिससे आपकी छवि खराब हो। साथ ही आशंका ये भी है कि आपके विरोधी कार्यस्थल पर आपके खिलाफ साजिश करते हुए आपको किसी समस्या में डाल दें इसलिए किसी के साथ भी अपनी रणनीति साझा न करें और खुद को केवल अपने कार्य के प्रति ही केंद्रित रखें।  
  4. कुंभ राशि: बुध आपके अष्टम भाव में वक्री हो रहे हैं। इसलिए बुध की ये अवधि सबसे अधिक आपके बच्चों के साथ आपके संबंधों को प्रभावित करने वाली है। साथ ही आर्थिक जीवन में भी इस समय आपको कोई बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, इसलिए अपने ख़र्चों के प्रति सावधानी बरतें और किसी भी निवेश में अपना पैसा डालने से पहले घर के बड़ों की राय ज़रूर लें। प्रेम संबंधों में भी बुध का प्रभाव आपको तनाव दे सकता है। 
  5. मीन राशि: 10 सितंबर को बुध आपके सप्तम भाव में वक्री होते हुए, सबसे अधिक इस राशि के शादीशुदा जातकों के जीवन में समस्या लेकर आएंगे क्योंकि आशंका है कि इस समय आपके और साथी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर कोई बड़ी गलतफहमी उत्पन्न हो जाए, जिसके कारण आपका बड़ा विवाद हो सकता है। साथ ही यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं तो आपको अपने पार्टनर से धोखा या नुकसान हो सकता है।  

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कन्या में वक्री बुध के ज्योतिषीय उपाय

बुध का अपनी उच्च राशि में वक्री होना, उसे बहुत बलशाली बनने में मदद करेगा इसलिए यदि आपको बुध की इस वक्री अवस्था से सुपरिणाम प्राप्त करने है तो आपको निम्नलिखित उपाय करने की सलाह दी जाती है:-

  • वक्री बुध की अवस्था में बुध ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करके आप अपनी कुंडली में बुध की स्थिति शुभ बना सकते हैं। बुध ग्रह से संबंधित मंत्र कुछ इस प्रकार है— 
  • बुध ग्रह का वैदिक मंत्र:

“ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च। 

अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।”

  • बुध ग्रह का तांत्रिक मंत्र:

“ॐ बुं बुधाय नमः” 

बुध ग्रह का बीज मंत्र:

“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”

  • बुध के वक्री होने की स्थिति में आपको विधारा मूल की जड़ को पानी में भिगोकर, फिर उस जल से ही स्नान करना चाहिए। 
  • आप विधि अनुसार चार मुखी रुद्राक्ष या अथवा पन्ना  रत्न  धारण करके भी, अपनी कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। 
  • आपको विधारा की जड़ की विधिवत पूजा कर उसे धारण करना चाहिए क्योंकि इससे न केवल आपको बुध के हानिकारक प्रभावों से मुक्ति मिलती है, बल्कि बुध से आप सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त करने में सफल होंगे। 
  •  अपने घर या दफ्तर में नियमानुसार बुध यंत्र की स्थापना करना भी आपके लिए अनुकूल रहेगा। 
  • ऑनलाइन बुध ग्रह शांति पूजा की मदद से भी आप वक्री बुध के अशुभ प्रभाव को शून्य या कम कर सकते हैं।
  • बुधवार के दिन या बुध की होरा में किसी गरीब या ज़रूरतमंद छात्र को शिक्षा की सामग्री भेंट करना आपके लिए बेहतर रहेगा।  
  • आपको किन्नरों को भेट देते हुए उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।  
  • हर बुधवार गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • नियमित रूप से भगवान गणेश की आराधना करें। 

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