बुध सिंह राशि में वक्री: करियर से लेकर व्यापार तक, इन राशियों को रहना होगा सावधान!

बुध सिंह राशि में वक्री: बुध ग्रह सूर्य के सबसे करीब रहने वाले ग्रहों में से अग्रणी माने गए हैं। बुध को बुद्धि, विद्या और वाणी का कारक माना गया है। व्यापार-व्यवसाय के लिए कारक ग्रह की जब बात होती है, तो इस मामले में भी बुध को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। 25 जुलाई 2023 को बुध ग्रह अपनी शत्रु राशि कर्क को छोड़कर अपने मित्र सूर्य की राशि सिंह में आए थे। 

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स्वाभाविक है कि बुध ग्रह की यह स्थिति एक मजबूत स्थिति रही है, लेकिन 24 अगस्त 2023 को बुध ग्रह वक्री होने जा रहे हैं और यह 16 सितंबर 2023 तक वक्री रहेंगे अर्थात लगभग 24 दिनों तक बुध ग्रह वक्री रहने वाले हैं। ज्योतिषीय नियमों और विद्वानों का मानना है कि वक्री होने के कारण बुध की ताकत में कुछ कमी आ सकती है। ऐसे में, 24 अगस्त 2023 से 16 सितंबर 2023 तक वक्री रहने वाले बुध ग्रह आपको कैसे परिणाम देंगे? आइए जानते हैं। 

सिंह राशि में बुध वक्री: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। पंचम भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन मित्र राशि में होने के कारण ये कुछ हद तक आपका फेवर कर रहे थे। अब वक्री होने से ये फेवर करने में असमर्थ रह सकते हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अपने कॉन्फिडेंस को मेंटेन करने की जरूरत होगी। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में अब तुलनात्मक रूप से अधिक सावधानी बरतनी होगी। यदि आप विद्यार्थी हैं तो अच्छे परिणाम पाने के लिए शिक्षा के प्रति अब आपको ज्यादा गंभीर होकर अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।

उपाय: गाय की सेवा करना हितकारी रहेगा। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह चतुर्थ भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। सामान्य तौर पर चतुर्थ भाव में बुध के गोचर को अच्छा माना जाता है, लेकिन वक्री होने के कारण बुध से मिलने वाले अच्छे परिणाम में कुछ कमी देखने को मिल सकती है, अर्थात भूमि, भवन और वाहन से संबंधित मामलों में कुछ विलंब या कठिनाई उत्पन्न हो सकती है। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में सामान्य तौर पर अनुकूलता रहने के योग हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। यदि माता का स्वास्थ्य पिछले दिनों कुछ कमज़ोर रहा है तो इस अवधि में उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता होगी। घर-गृहस्थी के मामलों को लापरवाही से लेना ठीक नहीं रहेगा। इस समय आपका कोई मित्र किसी कारण से आपकी सहायता या सहयोग करने में पीछे रह सकता है।

उपाय: अस्थमा के रोगियों को दवा खरीदने में सहयोग करना आपके लिए शुभ रहेगा। 

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी हैं तथा वर्तमान में तीसरे भाव में गोचर करते हुए बुध वक्री हो रहे हैं। सामान्य तौर पर तीसरे भाव का बुध मिले-जुले परिणाम देने का काम करता है। ऐसी स्थिति में जब बुध वक्री हो रहे हैं, तो आपका आत्मविश्वास थोड़ा सा कमज़ोर हो सकता है। भाई, बंधु या पड़ोसी किसी बात को लेकर जिद कर सकते हैं। इस अवधि में सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करना उचित नहीं होगा क्योंकि इस अवधि में आपको जो खबरें सुनने को मिलेंगी, उनमें सत्यता की कुछ कमी रह सकती है। इस समय की गई यात्राएं कुछ हद तक कठिनाई भरी हो सकती हैं। घर-गृहस्थी को लेकर कुछ चिंताएं भी देखने को मिल सकती है।

उपाय: चिड़ियों को दाना डालना शुभ रहेगा।  

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। दूसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना गया है। ऐसी स्थिति में बुध के वक्री होने से इनके द्वारा मिलने वाले अच्छे परिणाम में कुछ कमी देखने को मिल सकती हैं। कहीं से आता हुआ धन कुछ समय के लिए रुक सकता है। इस अवधि में कुछ हद तक व्यर्थ के खर्च भी देखने को मिल सकते हैं। दूर की यात्राओं को करते समय एक्स्ट्रा सावधानी बरतने की जरूरत होगी। अध्ययन-अध्यापन के लिए बुध का गोचर अनुकूल तो है लेकिन वक्री होने के कारण सब्जेक्ट्स को समझने में कुछ ज्यादा दिमाग लगाना पड़ सकता है अथवा कुछ अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। जिन लोगों का काम वाणी से संबंधित है जैसे कि बोलना, समझना,समझाना, कंसल्टेंसी देना आदि तो ऐसे लोगों को अपनी बात बहुत ही सहज और सरल तरीके से रखने की आवश्यकता होगी, अन्यथा लोगों को आपकी बातों का मतलब समझ में नहीं आएगा। अतः स्पष्ट और सहज बोलने की कोशिश करना ज्यादा सही रहेगा।

उपाय: तामसिक चीज़ों से दूर रहे और अपना चरित्र स्वच्छ बनाए रखें। 

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में दूसरे और लाभ भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। सामान्य तौर पर पहले भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं कहा जाता है, लेकिन क्योंकि यह आपकी कुंडली में लाभ और धन भाव के स्वामी हैं।  ऐसी स्थिति में यह कुछ अच्छे परिणाम भी देने का काम करते हैं,परंतु वक्री होने के कारण यह आपकी आमदनी में कुछ कठिनाइयां भी दे सकते हैं। इसके अलावा, आप अपनी आमदनी में से जो एक हिस्सा बचा कर रखने में आसानी से कामयाब होते थे, अब उसके लिए आपको ज्यादा कोशिशें करनी पड़ सकती हैं। घर-परिवार के लोगों के साथ तालमेल बिठाने के लिए भी तुलनात्मक रूप से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होगी। विशेषकर जब आप किसी से बातचीत करें तो अपनी बातचीत का तरीका बहुत स्वस्थ और सुलझा हुआ रखें। इससे आपको कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन ऐसा न करने की स्थिति में कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। बुध ग्रह के वक्री होने के कारण आर्थिक और व्यक्तिगत लेवल पर कुछ कठिनाइयां बढ़ सकती हैं।

उपाय: किसी गरीब कन्या को पढ़ाई की सामग्री भेंट करना शुभता देने का काम करेगा। 

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कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी हैं तथा राशि स्वामी का द्वादश भाव में गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। ऊपर से द्वादश भाव में गोचर करते हुए बुध वक्री भी हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपने स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखने की जरूरत होगी। इस समय निर्णय लेने में कुछ कठिनाई भी आप महसूस कर सकते हैं। ऐसे में, एक्सपर्ट एडवाइस ले करके आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस मामले में बृहस्पति की बुध पर दृष्टि भी आपकी मदद करेगी अर्थात वरिष्ठों का मार्गदर्शन आपके लिए हितकारी रहेगा। कार्यक्षेत्र को लेकर कोई भी बड़ा रिस्क लेने से बचना है। साथ ही, सहकर्मियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने की जरूरत होगी। यदि शनि की दृष्टि के प्रभाव के चलते कोई सहकर्मी बेवजह की जिद करता हुआ नज़र आए तो बेहतर होगा उस मामले से या उस व्यक्ति से स्वयं को दूर रखें। समय आने पर सब कुछ ठीक हो जाएगा।

उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना हितकारी रहेगा। 

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके लाभ भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। यद्यपि लाभ भाव में बुध के गोचर को अच्छा माना गया है, लेकिन वक्री होने के कारण अच्छाइयों में थोड़ी सी कमी भी देखने को मिल सकती है अर्थात बुध ग्रह आपको लाभ दिलाने की कोशिश तो करेगा लेकिन लाभ की प्राप्ति में कुछ व्यवधान या विलंब देखने को मिल सकते हैं। यद्यपि दूर की यात्रा लाभकारी सिद्ध होगी, लेकिन आपकी उम्मीद के मुताबिक लाभ कम मिल सकता है अथवा यात्रा के दौरान कुछ कठिनाइयां या परेशानियां भी उठानी पड़ें। इस समय स्वास्थ्य को लेकर किसी भी तरीके का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। विशेषकर यदि आपको स्नायु या मस्तिष्क से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही है, तो चिकित्सक से विधिवत परामर्श लेना ठीक रहेगा। इस अवधि में डॉक्टर की सलाह के बिना अपने से कोई भी दवा लेने से बचें। हालांकि, किसी बड़ी समस्या के योग नहीं है ज्यादातर मामलों में अच्छे परिणाम ही मिलने चाहिए, लेकिन कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं। जिनका हमने उल्लेख कर दिया है, उनका ख्याल रखेंगे तो आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: गाय को हरी घास खिलाना भाग्यवर्धक सिद्ध होगा। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में आठवें और लाभ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। दशम भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाता है। ऐसी स्थिति में वह आपको आपकी मेहनत के अच्छे परिणाम दिलाता है, लेकिन क्योंकि बुध ग्रह वक्री होने जा रहा है तो ऐसी स्थिति में कामों में कुछ हद तक कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं अथवा सहकर्मियों का प्रॉपर सपोर्ट मिलने में कुछ कमज़ोरी रह सकती है। यद्यपि आठवें भाव का स्वामी होकर बुध कर्म स्थान पर गया है, तो ऐसी स्थिति में अप्रत्याशित रूप से कुछ परिणाम मिलने की जो संभावनाएं थीं उनमें भी कुछ कमज़ोरी देखने को मिल सकती है। यद्यपि बुध का गोचर आपको कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा के मामले में अच्छे परिणाम दिलाना चाहेगा, लेकिन उन परिणामों को प्राप्त करने के लिए आपको भी खुद के भीतर योग्यता विकसित करनी होगी अर्थात यदि आप सामाजिक प्रतिष्ठा के लायक काम करेंगे तभी आपको प्रतिष्ठा मिलेगी। हालांकि, यह सब आसान नहीं होगा क्योंकि बुध वक्री है लेकिन फिर भी कोशिश करने पर मुमकिन हो सकेगा।

उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना भाग्यवर्धक सिद्ध होगा। 

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में सातवें और दशम भाव के स्वामी हैं तथा फिलहाल बुध आपके भाग्य स्थान पर रहते हुए वक्री हो रहे हैं। भाग्य स्थान पर बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। अतः बुध ग्रह के वक्री होने के कारण आपको मिलने वाले परिणामों में कोई बड़ी नकारात्मकता नहीं आएगी। फिर भी रोजमर्रा के कामों में लापरवाही न दिखाएं। यदि आपका काम साझेदारी का रहा है और साझेदार इस समय कुछ बदला-बदला सा नज़र आए तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपना काम ईमानदारी से करें, देर-सवेर उसकी समझ में सारी बातें आ जाएंगी। कार्यक्षेत्र को लेकर के भी किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी है। संभव हो, तो इस समय किसी नए काम की शुरुआत न करें। साथ ही, जरूरी कामों में पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्ति का मार्गदर्शन और निर्देशन लेना लाभकारी सिद्ध होगा।

उपाय: किन्नरों को हरे रंग के कपड़ों का दान करना शुभ रहेगा। 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में छठे भाव तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आठवें भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर बुध के गोचर को आठवें भाव में काफी हद तक अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है, लेकिन वक्री होने के कारण कठिनाइयों की अधिकता रह सकती है। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में ओवर कॉन्फिडेंट होना उचित नहीं रहेगा अर्थात सामने वाले या विरोधी व्यक्ति को हल्के में लेना उचित नहीं होगा। संभव हो, तो अपने सीक्रेट्स इस समय लीक न होने दें। इस समय दूर की यात्राओं से भी बचना होगा। यदि पिछले दिनों पिताजी के साथ कोई मतभेद रहा है तो वह मतभेद और अधिक बढ़ सकता है। अतः इस मामले में सचेत रहना होगा। वहीं यदि पहले से सब कुछ ठीक-ठाक रहा है, तो इस अवधि में पिताजी से बहस करने से बचना होगा। साथ ही, व्यापार-व्यवसाय में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।

उपाय: नियमित रूप से गणेश जी के मंदिर जाकर गणेश जी की पूजा-अर्चना करना हितकारी रहेगा। 

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में बुध सातवें भाव में वक्री हो रहे हैं। सातवें भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। विशेषकर ऐसे लोग जो विवाहित हैं उन्हें बुध के इस गोचर के चलते आपस में एक-दूसरे को समझने में परेशानी या कठिनाई हो सकती है। इस कारण से आपसी विवाद बढ़ने की संभावना रहती है। बुध के वक्री होने के कारण यह संभावना पहले से ज्यादा मजबूत होगी। ऐसी स्थिति में एक-दूसरे से वाद-विवाद नहीं करना है। यदि एक-दूसरे की बातें समझ में नहीं आ रही है तो किसी तीसरे व्यक्ति की सहायता लेकर एक-दूसरे को समझना जरूरी रहेगा। ऐसा ही काम साझेदारी वाले व्यवसाय में साझेदार के साथ करना भी उचित रहेगा। निजी संबंधों में विशेषकर प्रेम संबंधों में भी इसी तरह की सावधानियां बरतनी होंगी। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी सप्तम भाव में बुध के वक्री होने को हम अच्छा नहीं कहेंगे। इस अवधि में ब्रेन, वेन्स अथवा कमर के आसपास की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में सावधानीपूर्वक निर्वाह की आवश्यकता होगी।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा। 

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह छठे भाव में गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। यद्यपि छठे भाव में बुध के गोचर को अच्छा माना गया है, लेकिन वक्री हो जाने के कारण अच्छाइयों के ग्राफ में थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है। आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे लेकिन पूरी तरह से न मिलकर कम मात्रा में अथवा कठिनाइयों के बाद मिल सकते हैं। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में सावधानी से निर्वाह करने की स्थिति में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, यदि विवाहित हैं तो दांपत्य संबंधी मामलों में भी एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हुए आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इन छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ नहीं बनाएंगे तो कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी। बल्कि चीजें धीरे-धीरे करके सही दिशा में आगे ही बढ़ेंगी। स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में जागरूक रहने की स्थिति में कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं आएगी, अर्थात बुध के वक्री होने से आपको सावधानी बरतनी होगी तब ही अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है।

उपाय: भगवान गणेश को फूलों की माला पहनाना शुभ रहेगा।

हम उम्मीद करते हैं कि बुध के सिंह राशि में वक्री होने के परिणामों को पहले से जान करके आप एक बेहतरीन योजना बनाएंगे और बुध की वक्री चाल से होने वाले नुकसान को योजनाबद्ध तरीके से न केवल आप दूर कर सकेंगे बल्कि बुध की इस अवस्था का लाभ भी ले सकेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह प्रयास आपके जीवन में बेहतरी लाने का काम करेगा। भगवती आप सब पर कृपा बनाए रखें। 

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