अस्त बुध करेंगे मिथुन में प्रवेश, किन राशियों को देंगे राहत और किन पर टूटेगा मुसीबतों का पहाड़!

बुध का मिथुन राशि में गोचर: ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क और वाणी के कारक ग्रह माना जाता है। साथ ही, इन्हें ग्रहों के राजकुमार का दर्जा भी प्राप्त है इसलिए बुध को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ऐसे में, इनकी स्थिति में होने वाला छोटे से छोटा परिवर्तन भी संसार को प्रभावित करता है और अब यह 14 जून 2024 को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको बुध का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा,  बुध का यह राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए अच्छा तो कुछ के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं बुध का मिथुन राशि में गोचर के बारे में।

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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इन्हें वाणी, बुद्धि और संचार कौशल के कारक ग्रह माना जाता है। यह खुद को दूसरे के सामने व्यक्त करने, मनुष्य की सोचने-समझने की क्षमता और दूसरों के साथ बातचीत करने के तरीके को नियंत्रित करते हैं। इसके विपरीत, बुध ट्रेवल, तकनीक, कॉमर्स और सीखने की क्षमता आदि से भी संबंधित है। हालांकि, जन्म कुंडली में बुध की स्थिति से आपके बात करने, सोचने-समझने के तरीके, ताकत और जीवन में आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटते हैं आदि के बारे में भी पता किया जा सकता है। 

बुध ग्रह अपनी अस्त अवस्था में रहते हुए मिथुन राशि में गोचर करेंगे और इसी राशि में वह 27 जून 2024 को उदित होंगे। आपको बता दें कि अस्त वह अवस्था होती है जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत नज़दीक चला जाता है और सूर्य की गर्मी को ग्रह प्रभावित करने लगती है। सरल शब्दों में कहें तो, कोई ग्रह अस्त होने पर अपनी शक्तियां खो देता है, लेकिन बुध अपनी ही राशि में अस्त अवस्था में होंगे इसलिए इनकी स्थिति मज़बूत रहेगी।

बुध का मिथुन राशि में गोचर: समय

वैदिक ज्योतिष में मिथुन राशि पर बुध ग्रह का शासन हैं जो कि अब अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध महाराज 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इसके बाद, यह 29 जून 2024 को कर्क राशि में गोचर करेंगे। 

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बुध मिथुन राशि में: विशेषताएं 

बुध महाराज की मिथुन राशि में मौजूदगी को सबसे शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं। इनकी यह स्थिति जातक की बौद्धिक क्षमता और संचार कौशल को मज़बूत और बहुमुखी प्रतिभा के धनी बनाती है। यहाँ हम आपको मिथुन राशि में बुध के होने की कुछ विशेषताओं से अवगत करवाने जा रहे हैं। 

तेज़ तर्रार: जिन जातकों की कुंडली में बुध मिथुन राशि में होते हैं, वह बहुत ही तेज़ तर्रार और मानसिक रूप से मज़बूत होते हैं। इन लोगों की बुद्धि काफ़ी तेज़ होती है और यह हर बात को जल्दी से समझ जाते हैं। ऐसे जातकों के विचारों में तेजी से बदलाव देखने को मिलता हैं और इनकी रुचियों की सूची काफ़ी लंबी होती है।

बेहतरीन संचार कौशल: मिथुन राशि में बुध के तहत जन्मे जातकों में पाया जाने वाला सबसे ख़ास गुण संचार कौशल होता है। यह अपनी बातों को लेकर स्पष्ट और संवाद में माहिर होते हैं। साथ ही, आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं। ऐसे जातक लिखने के साथ-साथ बातचीत करने में काफ़ी मज़बूत होते हैं और दर्शकों के आधार पर अपनी शैली में आसानी से बदलाव कर लेते हैं।

उत्सुकता: जो जातक मिथुन राशि में बुध के अंतर्गत जन्म लेते हैं, वह बेहद उत्सुक स्वभाव के होते हैं और यह नई-नई चीज़ों को सीखने के लिए उत्साहित रहते हैं। इन्हें कई तरह के विषयों के बारे में जानना और ज्ञान प्राप्त करना अच्छा लगता है। 

बहुमुखी प्रतिभा: कुंडली में मिथुन राशि में बुध के साथ जन्म लेने वाले जातकों के व्यक्तित्व को जो बात सबसे अलग बनाती है कि वह मल्टी टैलेंटेड होते हैं। इनमें कई कामों को या अपने मनपसंद कामों को एक साथ करने की अपार क्षमता होती है। हालांकि, इनकी यह ऊर्जा कभी-कभी इनके भटकाव का भी कारण बनती है।  

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स्वीकार करने की क्षमता: इन लोगों की सोच-विचार करने की क्षमता काफ़ी अच्छी होती है इसलिए यह चीज़ों या बातों को जल्द ही स्वीकार लेते हैं। इन्हें अपना नज़रिया बदलने में समय नहीं लगता है और साथ ही, यह बदलती परिस्थितियों के अनुसार बिना किसी परेशानी के ढल जाते हैं। ऐसे में, यह हर समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ़ लेते हैं। 

बेचैन रहना: मिथुन राशि में बुध के मौजूद होने पर जातकों का मन बैचेन रह सकता है। ऐसे लोग नए अनुभवों की तलाश में रहते हैं और इन्हें अपनी दिनचर्या से बोर होने में ज्यादा समय नहीं लगता है क्योंकि यह जातक अपने जीवन में रोमांच की खोज में रहते हैं। 

मिलनसार: जिन लोगों का जन्म बुध के मिथुन राशि में मौजूदगी के समय होता है, उनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है और बुद्धि तीव्र होती है। इन गुणों की वजह से यह मिलनसार स्वभाव के होते हैं और दूसरों के साथ मिलना-जुलना एवं बातचीत करना इन्हें पसंद होता है। यह जल्दी से नए दोस्त बना लेते हैं।   

बुद्धि से जुड़े कार्य: इन लोगों की रुचि ऐसे कामों में होती हैं जिनमें बुद्धि का इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे जातकों को डिबेट और डिस्कशन में भाग लेना बहुत पसंद होता है। साथ ही, यह नई-नई चीज़ें सीखकर अपने ज्ञान का विस्तार करने के शौक़ीन होते हैं और यह जीवनभर कुछ न कुछ सीखना जारी रखते हैं। 

कुल मिलाकर, हम यह कह सकते हैं कि मिथुन राशि में बुध की उपस्थिति संचार कौशल, मानसिक स्थिति और सीखने की क्षमता आदि में वृद्धि करती है। बुध की इस स्थिति की वजह से यह जातक करियर के उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं जहां तुरंत सोचना, शानदार संचार कौशल और एक साथ कई काम करने की आवश्यकता होती है। 

चलिए जानते हैं कि बुध का मिथुन राशि में गोचर राशि चक्र की किन राशियों को अच्छे-बुरे परिणाम देगा।

बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम 

मेष राशि

बुध का मिथुन राशि में गोचर मेष राशि के जातकों के तीसरे भाव में होगा। बता दें कि मेष राशि वालों के तीसरे और छठे भाव के स्वामी ग्रह बुध देव हैं। ऐसे में, इन लोगों की बात करने की क्षमता में सुधार आएगा और इसके परिणामस्वरूप, आप जीवन के जरूरी कामों को सफलतापूर्वक कर सकेंगे। 

आपके पेशेवर जीवन की बात करें, तो आपका रिश्ता सहकर्मियों के साथ सौहार्द से पूर्ण रहेगा और वह आपके साथ एक दोस्त के तरह बर्ताव करेंगे। अगर आप मीडिया या मार्केटिंग के व्यापार से संबंध रखते हैं, तो आपको लाभ की प्राप्ति होगी। इन जातकों का स्वभाव दोस्ताना रहेगा जिसके बल पर आप आसानी से नए-नए दोस्त बनाने में सफल रहेंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि बुध का यह गोचर आपको बेहतरीन संचार कौशल का आशीर्वाद देगा। वहीं, इस राशि के छात्रों के लिए बुध गोचर आपकी एकाग्र क्षमता को मजबूत करने का काम करेगा और ऐसे में, शिक्षा के क्षेत्र में आप उत्तम परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। यह गोचर मेष राशि वालों के पिता के लिए शुभ रहेगा और साथ ही, आपके रिश्ते जीवनसाथी तथा भाई-बहनों के साथ मज़बूत होंगे। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपकी कुंडली के दूसरे भाव में होने जा रहा है। इस भाव में बुध ग्रह का गोचर आपके जीवन में सकारात्मकता लेकर आएगा और आपको कार्यों में अनुकूल परिणाम देने का काम करेगा। इस अवधि में आपके और परिवार के सदस्यों के बीच शानदार तालमेल दिखाई देगा। 

बुध महाराज की इस स्थिति की वजह से आप जीवन में उत्पन्न सभी समस्याओं का हल ढूंढ़ने में सफल रहेंगे। आपकी वाणी मधुर बनी रहेगी जिसके चलते आप सभी को अपना बना लेंगे और आपकी बातों को नज़रअंदाज़ करना सबसे लिए असंभव होगा। हालांकि, परिवार में चल रहे विवाद या समस्याएं अब दूर होंगी। साथ ही, इन जातकों को मनपसंद भोजन करने के मौके मिलेंगे। दूसरी तरफ, वैवाहिक जीवन में भी परिस्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा। व्यापार करने वाले जातकों को लाभ कमाने के अवसर मिलेंगे जबकि नौकरीपेशा लोगों के कार्यक्षेत्र का माहौल सामान्य रहेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह का गोचर आपके पहले/लग्न भाव में होगा। ऐसे में, बुध आपके पहले और चौथे भाव में स्वामी के रूप में आपका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करेंगे और समाज में आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। साथ ही, आपके सामाजिक जीवन के दायरे का भी विस्तार होगा और आप अपनी एक अलग जगह बनाने में सक्षम होंगे। 

बुध के मिथुन राशि में गोचर के दौरान आपका स्वभाव थोड़ा लापरवाह और मजाकिया हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, यह जातक अपने आसपास के लोगों को भी ख़ुशी देने का काम करेंगे जिसके चलते वह आपसे प्रसन्न दिखाई देंगे। इस राशि के लोग चाहे मीडिया, लिटरेचर या कला से जुड़े किसी भी क्षेत्र में काम करें, इस अवधि में आप प्रत्येक क्षेत्र में अपनी चमक बिखेरेंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए इस समय को शानदार कहा जाएगा और आप बिज़नेस में वृद्धि प्राप्त करेंगे। इसके विपरीत, नौकरीपेशा लोगों को काम में कड़ी मेहनत करनी होगी। लेकिन, आपको अपने बच्चों की संगती पर नज़र बनाए रखनी होगी।

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सिंह राशि

वाणी के कारक ग्रह और सिंह राशि वालों की कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी ग्रह बुध का गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। बुध के इस गोचर के होने से आप अपने भाई-बहनों के साथ अच्छा समय बिताएंगे, विशेष रूप से अगर आपके भाई-बहन आप से बड़े हैं, तो वह हर कदम पर आपका साथ देंगे। वह जीवन के लक्ष्यों को पाने में आपकी सहायता करेंगे और यदि धन की जरूरत होगी, तो वह आपको आर्थिक मदद भी प्रदान करेंगे। वह बड़े भाई-बहन के रूप में आपके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, आपके रिश्ते उनके साथ मज़बूत होंगे। 

बुध का यह गोचर कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के साथ आपके रिश्ते को मधुर बनाएगा और ऐसे में, आपको इसका लाभ प्राप्त होगा। साथ ही, नौकरी में आपको कोई अच्छा पद मिलने के योग बनेंगे। इन जातकों के सामाजिक जीवन का दायरा भी बढ़ेगा। साथ ही, इस अवधि में आप सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहेंगे। पढ़ाई करने वाले छात्रों की एकाग्र क्षमता मज़बूत होगी और शिक्षा के क्षेत्र में आपके प्रदर्शन में भी सुधार आएगा। ऐसे में, आप जीवन में नए अनुभव हासिल करना चाहेंगे। 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके पहले/लग्न भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस राशि के जातकों की कार्यक्षेत्र में एक अलग छवि बनेगी। यह लोग दूसरों के साथ हंसी-मजाक करके माहौल को खुशनुमा बनाए रखने की कोशिश करेंगे जिसके चलते आपके आसपास के लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे। साथ ही, वह आपसे जुड़े रहना पसंद करेंगे। इस अवधि में आपके सहकर्मी आपका साथ देंगे और आपकी मदद करेंगे। लेकिन, आपको किसी का भी मज़ाक उड़ाने से बचना होगा, अन्यथा वह आपसे नाराज़ हो सकते हैं जो कि आपके लिए चिंता का सबब बन सकता है।

बुध महाराज की मिथुन राशि में मौजूदगी आपके पारिवारिक जीवन में सौहार्द बनाए रखेगी और ऐसे में, घर का वातावरण खुशहाल और सुख-शांति से पूर्ण रहेगा। इन लोगों को पार्टनर का हर कदम पर साथ मिलेगा और आप दोनों मिलकर घर-परिवार से जुड़ा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। माता-पिता के साथ आपका रिश्ता मज़बूत होगा और वह जीवन की हर समस्या से बाहर निकलने के लिए आपको राह दिखाएंगे। हालांकि, आपको कभी-कभी परिवार में मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी बुध गोचर की अवधि शुभ रहेगी। इस राशि के जो जातक अपना व्यापार कर रहे हैं, उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त होने के मार्ग प्रशस्त होंगे।

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तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध देव आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके नौवें भाव में जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का मिथुन राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम प्रदान कर सकता है। इसके विपरीत, इस अवधि में आप तर्कसंगत बात करेंगे और हर बात में तर्क ढूंढ़ते हुए नज़र आएंगे। दूसरी तरफ, आपको दूर स्थान की यात्रा करने के अवसर प्राप्त होंगे। यह समय आपके सामाजिक जीवन में बढ़ोतरी के लिए उत्कृष्ट रहेगा और ऐसे में, आप किसी बड़ी कंपनी से जुड़कर कोई अच्छी उपलब्धि हासिल करने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप, भविष्य में आपकी प्रसिद्धि बढ़ने के आसार है और साथ ही, आपका सेंस ऑफ़ ह्यूमर एवं बात करने की क्षमता आपकी लोकप्रियता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। 

धनु राशि

बुद्धि, वाणी और संचार के कारक ग्रह बुध महाराज धनु राशि वालों की कुंडली में सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि व्यापार के कारक ग्रह के रूप में बुध का आपके सातवें भाव में गोचर होने से आपका व्यापार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करेगा। इन जातकों की मुलाकात नए लोगों से होगी और यह आपके बिज़नेस को बढ़ाने का काम करेंगे।

अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस अवधि में आप खूब प्रगति हासिल करेंगे। वहीं, जिन जातकों का बिज़नेस पार्टनरशिप में है, तो आपके व्यापार से कोई नया पार्टनर जुड़ सकता है और आपके रिश्ते उनके साथ अच्छे होने की संभावना है या फिर अगर आप पार्टनरशिप में नहीं हैं, तो  अब आप पार्टनरशिप में आ सकते हैं। लेकिन, आपको सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा क्योंकि कुछ ऐसी परिस्थितियां भी आपके सामने आ सकती हैं जो आपके रिश्ते को ख़राब करने का काम कर सकती है। इसका नकारात्मक प्रभाव व्यापार पर भी पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातकों के लिए बुध का यह गोचर लाभ लेकर आएगा।

मीन राशि 

मीन राशि वालों की कुंडली में बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। बता दें कि मीन राशि के जातकों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में, यह गोचर आपके पारिवारिक जीवन के लिए फलदायी रहेगा जिसके चलते आपके घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। साथ ही, परिवार के सदस्यों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। हालांकि, आपको घरेलू जीवन में होने वाले खर्चों पर नज़र बनाए रखने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में आपके घर का रिनोवेशन होने की संभावना है और इस गोचर का लाभ आपको व्यक्तिगत जीवन में भी मिलेगा।

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध गोचर की अवधि में आपको स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक जीवन में भी सावधान रहना होगा। धन से जुड़े मामलों में आपको निवेश करने से बचना होगा, विशेष रूप से जिसमें अनिश्चितता ज्यादा हो। आपको स्टॉक मार्केट में पैसा निवेश करने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, इस अवधि में आपको ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मधुर संबंध होने से फायदा होगा  जो कि आपका हर कदम पर साथ देंगे और जरूरत पड़ने पर आपका मार्गदर्शन भी करेंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता पार्टनर के साथ बेहतर और मज़बूत होगा। बुध गोचर के दौरान जीवनसाथी आप पर प्रेम की बरसात करते हुए दिखाई देंगे जिससे आपका मूड रोमांटिक बना रहेगा। 

इन जातकों के मन में आध्यात्मिकता के प्रति रुचि बढ़ेगी और इसके फलस्वरूप, ज्योतिष के संबंध  में आप नई-नई चीज़ें और तथ्यों के बारे में जानना पसंद करेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस अवधि में यह जातक कुछ महत्वपूर्ण सौदे गुपचुप तरीके से कर सकते हैं जिसकी जानकारी आपके करीबी लोगों को ही होगी। 

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बुध का मिथुन राशि में गोचर: प्रभावी उपाय

  • भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास एवं देशी घी से बने लड्डू अर्पित करें। 
  • बुध ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
  • परिवार की महिलाओं को वस्त्र और हरे रंग की चूड़ियां भेंट करें। 
  • किन्नरों का आशीर्वाद लें। 
  • प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • पक्षियों को विशेषकर कबूतरों और तोतों को भीगे हुए हरे चने खिलाएं। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. बुध ग्रह का महत्व क्या है?

उत्तर 1. बुध बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह हैं। 

प्रश्न 2. बुध किस नक्षत्र पर शासन करते हैं?

उत्तर 2. बुध ग्रह 27 नक्षत्रों में से ज्येष्ठा, अश्लेषा और रेवती नक्षत्र के स्वामी हैं। 

प्रश्न 3. बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?

उत्तर 3. पन्ना को पहनने से बुध ग्रह मज़बूत होते हैं।  

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