बुध का मकर राशि में गोचर, करें ये अचूक उपाय होंगे फायदे अपार!

कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह का मकर राशि में गोचर होने जा रहा है और इस ब्लॉग में हम बुध गोचर से जुड़ी सभी अहम जानकारी प्रदान करेंगे। इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र में दिए गए कुछ आसान उपायों की भी चर्चा करेंगे जिसके प्रभाव से जातक बुध ग्रह को कुंडली में मजबूत कर सकते हैं। बुद्धि और तार्किक क्षमता का प्रतिनिधित्व करने वाले बुध ग्रह के इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर होगा। इस ब्लॉग में हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे, साथ ही बुध ग्रह से जुड़ी मान्यताओं से भी आपको अवगत कराएंगे।

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बुध का मकर राशि में गोचर (28 दिसंबर, 2022): तिथि और समय

गणित, मित्र और चतुराई के कारक ग्रह बुध मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और मकर राशि में बुध ग्रह का ये गोचर 28 दिसंबर, 2022, बुधवार को सुबह 04 बजकर 05 मिनट पर होगा। राशिचक्र की दसवीं राशि मकर में होने वाला ये गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा। तो आइए अब राशिनुसार इसके प्रभाव और उपायों की बात करते हैं।

बुध ग्रह का ज्योतिष में प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में बुध को लाभकारी ग्रह माना जाता है। कन्या बुध की उच्च राशि मानी जाती है, तो वहीं मीन इनकी नीच राशि है। बुध के पास मिथुन और कन्या का स्वामित्व है और ये 27 में से 3 नक्षत्रों के भी स्वामी हैं। अगर सप्ताह के दिनों की बात करें, तो हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष में हर एक दिन किसी देवता या ग्रह को समर्पित है। ऐसे ही, बुधवार का दिन बुध का होता है और इस दिन बुध ग्रह की पूजा-अर्चना करना लाभकारी माना जाता है। बुध के सकारात्मक प्रभाव से जातकों को जीवन में बौद्धिक कुशलता मिलती है। इसके अलावा, बुध का प्रभाव हमारे शरीर और संवाद की क्षमता पर भी होता है। तो आइए अब ये जानते हैं कि कुंडली में मजबूत बुध के क्या-क्या फायदे होते हैं।

मजबूत बुध के शुभ परिणाम

जिन जातकों की कुंडली में बुध मजबूत होते हैं, वे लोग बातचीत में माहिर होते हैं और हाजिर जवाब होते हैं यानी कि ऐसे लोग अपनी बातों से ही आसपास के लोगों का दिल जीतने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, जातकों को तार्किक दृष्टि अच्छी होती है जिसका मतलब है कि वे हर पहलू को तर्कसंगत ढंग से देखना जानते हैं। वहीं, मजबूत बुध का प्रभाव जातकों के बिजनेस में भी देखने को मिलता है। इसके शुभ प्रभावों से लोग बिजनेस में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहते हैं। ये बुध के सकारात्मक और शुभ प्रभाव थे, लेकिन जाहिर है कि इसके विपरीत प्रभाव भी है। अब नज़र डालते हैं बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभावों पर।

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कमजोर बुध के नकारात्मक प्रभाव

कमजोर बुध का दुष्प्रभाव जातकों के जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है, विशेष रूप से शिक्षा और संवाद पर। जो लोग कमजोर बुध से पीड़ित होते हैं, उनकी बात करने की क्षमता अच्छी नहीं होती है और इसी कारण वे अपनी बातों या विचारों को सही से किसी के सामने रखने में समर्थ नहीं होते हैं। ऐसे जातकों को शारीरिक और मानसिक दिक्कत भी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि अशुभ बुध आपको मानसिक तौर पर कमजोर बनाता है। 

इसके अलावा, कारोबार में हानि के साथ-साथ जातकों को दरिद्रता का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन इन सभी बातों के साथ एक बात और जान लेनी चाहिए कि ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से आप कुंडली में बुध को मजबूत स्थिति में ला सकते हैं। ऐसा करने से आपको भी बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव मिलने शुरू हो जाएंगे।

पीड़ित बुध को ऐसे करें मजबूत, मिलेंगे कई लाभ

बुध ग्रह को उत्तर दिशा का स्वामित्व हासिल है और उत्तर दिशा धन के भगवान कुबेर की है।  इसके अलावा, बुध भगवान विष्णु का भी प्रतिनिधित्व करते हैं, तो जाहिर है कि इसे मजबूत करने के बाद आपको जीवन में कई सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से मिल सकते हैं। 

  • बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए पूजा-अर्चना करें।
  • बुधवार के दिन कांस्य, नीले रंग के फूल, नीले रंग के कपड़े, हरी घास इन सभी चीजों का दान करें।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह की शांति के लिए पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
  • जातक बुध को मजबूत बनाने के लिए 4 मुखी या 10 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
  • बुध को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त है इसलिए बुधवार के दिन भगवान नारायण का विधिवत पूजन करें।
  • “ॐ बुं बुधाय नमः” इस मंत्र का रोजाना जाप करें।

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बुध का मकर राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके दसवें भाव यानी कि पेशे…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके नौवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा चौथे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके आठवें…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें तथा तीसरे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके सातवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह

 सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके छठे भाव यानी…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके पांचवें …(विस्तार से पढ़ें)

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तुला

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके चौथे भाव यानी कि माता…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे तथा नौवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके प्रथम भाव…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके बारहवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके ग्यारहवें…(विस्तार से पढ़ें)

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