मार्च के महीने में बृहस्पति और बुध खोलेंगे इन 5 राशियों की बंद किस्मत के दरवाज़े!

बुध गोचर 2023: हम हमेशा यही कोशिश करते रहे हैं कि आपको ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी सभी बातों और उनके ख़ास पहलुओं से अवगत कराएं। इस ख़ास ब्लॉग में हम बुध के मीन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। 16 मार्च, 2023 को बुध मीन राशि में गोचर करेंगे। इसका सबसे अहम प्रभाव जातकों के पेशेवर जीवन और संवाद कौशल पर पड़ने की संभावना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीन राशि में बृहस्पति पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में बुध का मीन राशि में गोचर काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।  

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बृहस्पति को ज्ञान और बुद्धिमत्ता का ग्रह माना जाता है। इन दोनों ग्रहों की युति से जातकों को शक्ति, मान-सम्मान, ताकत और सामाजिक कद में बढ़ोतरी मिलेगी। बुध, मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं और मीन राशि जल तत्व की राशि है। बुध देव के लिए यह स्थिति थोड़ी असहज मानी जाती है। यही वजह है कि यह गोचर ज्यादा फायदेमंद न रहने की आशंका है। लेकिन, क्या यह गोचर सभी राशियों के लिए सिर्फ नकारात्मक प्रभाव लेकर आने वाला है? इसके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे, उससे पहले हम ज्योतिष शास्त्र में बुध के महत्व के बारे में जानते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में बुध का महत्व

सूर्य के सबसे करीब ग्रह बुध ही हैं। बुध के बारे में वैदिक ज्योतिष में लगातार खोज और शोध की जा रही है। वहीं हमारे जीवन में बुध के अहम प्रभाव और महत्वों के बारे में भी निरंतर शोधकर्ताओं का कार्य जा रही है। जातकों के जीवन में बुध के आशीर्वाद से उच्च शिक्षा, तेज़ दिमाग, आकर्षक शारीरिक रूप और शानदार संचार कौशल होता है। हालांकि, आपके घरेलू जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में बात करें, तो यह पूरी तरह से आपकी जन्म कुंडली पर निर्भर करता है। राशि चक्र में कन्या और मिथुन पर बुध महाराज शासन करते हैं। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार बुध महाराज को देवताओं का दूत भी कहा जाता है। 

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जिन जातकों की कुंडली में बुध महाराज की स्थिति कमज़ोर होती है, उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वे अपनी बातों को सही ढंग से दूसरों के सामने रखने में असफल हो सकते हैं, जिसका सीधा प्रभाव उनके रिश्तों पर पड़ता है। वहीं, जिनकी जन्म कुंडली में बुध महाराज, बली अवस्था में होते हैं, उन्हें कई फायदे भी होते हैं। ऐसे जातकों में विश्लेषण करने की क्षमता काफी अच्छी होती है और समाज में उनका मान-सम्मान भी अधिक होता है। इसके अलावा इन लोगों का अंदाज़ बहुत मज़ाकिया होता है। कुल मिलाकर कहें तो, उनका पारिवारिक जीवन सुखी और आनंदमय रहता है, जिन पर बुध महाराज की कृपा होती है।

मीन राशि में बुध

जैसा कि हम जानते हैं, बुध देव की नीच राशि मीन है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में मीन राशि में बुध देव मौजूद रहते हैं, वे अक्सर कम बोलना पसंद करते हैं। जातक अपनी बातें तभी बोलते हैं, जब इनके पास कुछ विशेष होता है। मीन राशि में बुध के होने के परिणामस्वरूप, इनका दिमाग काफी अव्यवस्थित रहता है, या फिर इनके दिमाग में बहुत कुछ एक ही वक्त पर चलता है। इसी के कारण यह जातक अपना दिमाग किसी एक जगह पर केंद्रित करने में परेशानी का सामना करते हैं। यही वजह है कि बुध देव के उच्च गुणों का भरपूर इस्तेमाल मीन राशि में नहीं हो पाता है।

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बुध का मीन राशि में गोचर: तिथि और समय

बुध 16 मार्च 2023 को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर अपनी नीच राशि यानी मीन में गोचर करेंगे। लेकिन, बृहस्पति पहले से ही मीन राशि में मौजूद हैं, इसलिए यह प्रभावहीन हो जाएंगे। तो आइए, अब इस गोचर से लाभान्वित होने वाली पांच राशियों के बारे में जान लेते हैं।

बुध का मीन राशि में गोचर: इन 5 राशियों के लिए होगा बेहद ख़ास

वृषभ

बुध देव आपकी कुंडली के दूसरे और पांचवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बृहस्पति पहले से ही ग्यारहवें भाव में मौजूद हैं, जिसके परिणामस्वरूप वृषभ राशि के जातकों के लिए ‘धन योग’ का निर्माण होने जा रहा है। इस गोचर के प्रभाव से आपको निश्चित ही धन लाभ होने की संभावना है। अगर आप कम्युनिकेशन, मोटिवेशनल स्पीकिंग और काउंसलिंग के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, तो आपके लिए यह अवधि शानदार रहने वाली है। इसके अलावा लेखन कार्य में शामिल जातकों के लिए भी यह वक्त लाभकारी साबित होगा। आप अपने संवाद कौशल की मदद से लोगों पर अच्छा प्रभाव डालने में सफल होंगे और इसका लाभ आपको अपने करियर में मिलेगा। इसके अलावा आपको नई नौकरी या फिर प्रमोशन मिलने की भी संभावना है। अगर आपका अपना बिज़नेस है, तो बुध का मीन राशि में गोचर आपके लिए कई बड़े बदलाव लेकर आने वाला है। इस दौरान आप व्यवसाय को आगे बढ़ाने और फैलाने में कामयाब होंगे और इससे आपको अच्छा धन लाभ भी होगा

मिथुन

बुध देव आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर शासन करते हैं और बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। लग्न भाव और दसवें भाव के स्वामी ग्रहों का एक साथ आना, आपके पेशेवर जीवन के लिए बहुत शुभ रहेगा। इस दौरान, आपको करियर में कामयाबी मिलने की संभावना प्रबल है। आपके अंदर कार्यों को मैनेज करने की क्षमता का विकास होगा। शिक्षा, बैंकिंग और आर्थिक सेक्टर से जुड़े जातकों के लिए बुध का मीन राशि में गोचर, बहुत फलदायी रहेगा। ख़ास तौर से यह गोचर, उनके लिए शानदार रहेगा, जिनकी जन्म कुंडली में बुध और बृहस्पति की युति है। आपके जीवन में भौतिक सुखों की बढ़ोतरी हो सकती है और सामाजिक तौर पर आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी और कार्यस्थल पर भी आपका रुतबा बढ़ेगा। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों के लिए भी यह गोचर सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाला है क्योंकि इस दौरान आपको प्रमोशन या कार्य के लिए सम्मान मिल सकता है।

कन्या

बुध के मीन राशि में गोचर के परिणामस्वरूप आपकी कुंडली में बुध और बृहस्पति, दोनों ही एक-साथ मौजूद होंगे। बृहस्पति आपकी कुंडली के चौथे और सातवें भाव पर शासन करते हैं। वहीं बुध आपकी कुंडली में पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं। यह दोनों ही ग्रह आपकी कुंडली में एक-साथ सातवें भाव में मौजूद होंगे, जिसके कारण आपको बड़े धन लाभ होने के संकेत मिल रहे हैं। कुंडली का सातवां भाव बिज़नेस पार्टनरशिप को दर्शाता है, इसलिए आपको व्यवसाय में नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। आपकी मुलाकात कुछ प्रभावशाली लोगों से होगी, जिनकी मदद से आप अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने में सफल हो सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपने जीवनसाथी का भरपूर साथ मिलेगा, जिसकी मदद से आप अपने व्यवसाय को मैनेज करने और फैलाने में सक्षम होंगे। 

धनु 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध महाराज और बृहस्पति देव की युति पेशेवर जीवन में कई सारे सकारात्मक बदलाव ला सकती है। बृहस्पति आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर शासन करते हैं। वहीं, बुध आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। यह दोनों ग्रह चौथे भाव में एक साथ मौजूद होंगे। इसके परिणामस्वरूप जातकों को जीवन में सुख, कामयाबी और भौतिक लाभ का आनंद मिलेगा। आपका वैवाहिक जीवन आनंदमय रहेगा और आप तरह-तरह के भौतिक सुखों का फायदा उठाने में सफल होंगे। यह गोचर आपके लिए कई शुभ योग बना रहा है। इस दौरान आप गाड़ी या संपत्ति भी खरीद सकते हैं। बृहस्पति देव और बुध महाराज आपकी कुंडली के दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको पेशेवर जीवन में उन्नति देखने को मिलेगी। इसके अलावा, आपको अपनी माता जी का समर्थन भी अलग-अलग क्षेत्रों में मिलता रहेगा।

मीन

आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव के स्वामी बृहस्पति हैं। वहीं, सातवें और दसवें भाव के स्वामी बुध हैं। यह दोनों ग्रह इस गोचर के दौरान पहले भाव में मौजूद होंगे। आप काम में काफी व्यस्त रह सकते हैं, हालांकि यह आपके लिए लाभकारी रहेगा। आपको पेशेवर जीवन में नई जिम्मेदारियां और पद मिलने की संभावना अधिक है। इसके अलावा, आप अपने जीवन में भौतिक सुख का आनंद उठाने में भी सफल होंगे। काम के बोझ के बावजूद आपका वैवाहिक जीवन और आर्थिक स्थिति शानदार रहेगी। वहीं, काम के सिलसिले में आपको यात्राओं पर जाना पड़ सकता है और बिज़नेस के लिहाज़ से भी आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

इन आसान उपायों से पाएं बुध का आशीर्वाद

  • बुध देव के लिए बुधवार के दिन हवन करें।
  • बुध के बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करें।
  • घर और कार्यस्थल पर बुध यंत्र रखें और पूजा करें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • मुमकिन हो तो, ट्रांसजेंडर्स का आशीर्वाद जरूर लें।

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