बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, जानें किन राशियों को होगा फायदा और किन्हें रहना होगा सावधान!

सौरमंडल में बुध सबसे छोटा ग्रह है, लेकिन इसका प्रभाव उतना ही अधिक है। बुध सूर्य के सबसे करीब है इसलिए इसे ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच के होते हैं और ये उत्तर दिशा के स्वामी भी हैं।

बुध का वृश्चिक राशि में ये गोचर(13 नवंबर 2022) हर एक राशि को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करने जा रहा है। इस विशेष ब्लॉग में हम इस गोचर के प्रभावों और पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो आइए बिना देर किए सबसे पहले ये जानते हैं कि बुध के वृश्चिक राशि में गोचर की समय और तिथि क्या है?

वक्री मंगल का वृषभ राशि में गोचर के परिणामस्वरूप आप स्वभाव से कुछ चिड़चिड़े और अचानक क्रोधित हो सकते हैं। लेकिन इसके अलावा किसी भी जातक के लिए मंगल का ये प्रभाव विशेष रूप से उसकी जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति और दशा पर ही निर्भर करेगा। 

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: समय और तिथि

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 13 नवंबर, 2022 रविवार को रात 09 बजकर 06 मिनट पर होने जा रहा है। हम सभी जानते हैं कि बुध ग्रह व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में ढलने की क्षमता प्रदान करता है। ऐसे में, बुध गोचर का मानव जीवन पर किसी न किसी रूप में प्रभाव पड़ना लगभग तय है। तो आइए अब आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते है बुध गोचर के 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों पर।

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 क्या है कुंडली में बुध का महत्व?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध एक तेज तर्रार ग्रह है और सूर्य के सबसे नजदीक होने के कारण ये सूर्य को अधिक प्रिय है। बुध कन्या राशि और मिथुन राशि का स्वामी भी है। इसे बुद्धि, ज्ञान, मित्र और व्यापार का कारक माना जाता है। इसलिए जिनकी कुंडली में बुध का अनुकूल प्रभाव होता है, वो लोग अच्छे वक्ता होते हैं, साथ ही उन्हें राजनीति और कूटनीति का अच्छा ज्ञान होता है। 

बिज़नेस के लिहाज से भी जिन लोगों के लिए बुध सकारात्मक ग्रह है, उन्हें व्यवसाय में अच्छे परिणाम मिलते हैं। यह जातकों को सफलतापूर्वक व्यापार करने और उसे बढ़ाने की क्षमता प्रदान करते हैं। बुध जिस भी अन्य ग्रह के साथ राशि में मौजूद होता है, उन्हीं ग्रहों के अनुसार परिणाम प्रदान करता है।

कुंडली में कमजोर बुध का प्रभाव

अगर आपकी कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में है तो इसके कारण जातकों को अलग-अलग परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर कुल मिलाकर कहें तो आपकी कुंडली में बुध की स्थिति इस बात के लिए निर्णायक होती है कि आप किस तरह बात करते हैं? दूसरों से कैसा व्यवहार करते हैं? बुध के कमजोर होने के कारण इंसान के अंदर विवेक की कमी होती है और उसकी निर्णय लेने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। साथ ही इंसान की सुंदरता भी प्रभावित होती है।

कुंडली में बुध को मजबूत करने के सरल उपाय

  • बुधवार को तुलसी का पौधा लगाएं और रोजाना उसकी पूजा और सेवा करें।
  • बुधवार के दिन नियमित रूप से दान करें।
  • जितना मुमकिन हो हरी वस्तुओं का दान करें।
  • बुधवार के दिन मां दुर्गा के मंदिर में जाकर हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं।
  • बुधवार के दिन “ऊँ बुधाय नम:” का जाप करें।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर, सभी 12 राशियों पर होने वाला प्रभाव व उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तृतीय और षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे आपकी राशि से…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपना गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके लग्न भाव के स्वामी होते हैं और इस कारण बुध का हर गोचर मिथुन जातकों…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध उनके द्वादश और तृतीय भाव के स्वामी भी होते हैं। अब बुध का गोचर संतान अर्थात…(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि

सिंह राशि के लिए बुध ग्रह एकादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उनके दूसरे भाव के स्वामी भी हैं। अब वे आपकी…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

बुध आपके लिए कर्म यानी दशम भाव और आपके प्रथम अर्थात लग्न भाव के स्वामी होते हैं। अब बुध कन्या राशि…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के लिए बुध उनके नवम भाव के स्वामी होते हैं और साथ ही बुध का आपके द्वादश भाव पर भी आधिपत्य…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक जातकों के लिए बुध उनके अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ एकादश भाव के स्वामी भी होते हैं…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध उनके सप्तम भाव के साथ-साथ और दशम भाव के स्वामी भी होते हैं…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके षष्ठम भाव के साथ-साथ उनके नवम भाव के स्वामी भी होते हैं…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ जातकों के लिए बुध पंचम भाव के साथ-साथ अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपना गोचर करते…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

राशि चक्र की अंतिम राशि मीन के जातकों के लिए बुध राशि से चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं…(विस्तार से पढ़ें)

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