बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा बेहद ख़ास

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको बुध के तुला राशि में गोचर (26 अक्टूबर 2022) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होगी जैसे बुध गोचर का समय, तिथि, और सभी जातकों पर इसका प्रभाव आदि। साथ ही, इस ब्लॉग में हम यह भी जानेंगे कि कुंडली में बुध ग्रह के अशुभ या कमज़ोर स्थिति में होने पर किन उपायों को अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और बात करेंगे बुध का गोचर 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस प्रकार के बदलाव लेकर आएगा।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

यदि आप भी यह जानने के लिए उत्सुक है कि तुला राशि में बुध के गोचर के दौरान, किस राशि के जातकों को नौकरी में मिलेगी पदोन्नति? किन राशियों को होगा धन लाभ? किन राशियों का प्रेम जीवन होगा सफल? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे आपको इस ब्लॉग में। जो कि हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा बुध ग्रह की स्थिति, चाल और दशा का विश्लेषण कर तैयार किया गया है। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध के तुला राशि में गोचर के बारे में।

वैदिक ज्योतिष में बुध का महत्व  

वैदिक ज्योतिष में बुध को नवग्रहों में युवराज का दर्जा दिया गया है। यह एक शुभ ग्रह है लेकिन कुंडली में अशुभ ग्रहों के साथ स्थित होने पर यह व्यक्ति के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने लगता है। इसके अलावा, राशिचक्र में बुध ग्रह को कन्या और मिथुन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। साथ ही, कन्या राशि को बुध की उच्च राशि माना गया है, वहीं दूसरी तरफ बुध मीन राशि में नीच के होते हैं। अगर हम इनके मित्र और शत्रु ग्रहों की बात करें तो, सूर्य और शुक्र बुध के मित्र ग्रह हैं जबकि चंद्रमा और मंगल को इनके शत्रु माना गया है। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ तथा मजबूत स्थिति में होता है, उन लोगों का संचार कौशल बहुत अच्छा होता है। ऐसे व्यक्तियों को व्यापार, वकालत और वाणिज्य में सफलता मिलने के प्रबल आसार होते हैं। साथ ही, इन लोगों की पकड़ गणित पर मज़बूत होती है। 

हालांकि, ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति अशुभ होती है, इन लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हें व्यापार में हानि होती है जिसकी वजह से आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता हैं। साथ ही, कमज़ोर बुध के कारण ये लोग अपनी बात स्पष्ट रूप से दूसरों के सामने रखने में असमर्थ होते हैं। ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों द्वारा बुध को मज़बूत करने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपायों को करने की सलाह दी जाती है। इन उपायों के बारे में भी हम इस ब्लॉग में जानेंगे लेकिन सबसे पहले नज़र डालते हैं तुला राशि में बुध के गोचर की तिथि और समय पर।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

बुध का तुला राशि में गोचर: तिथि और समय 

यदि हम बुध ग्रह के गोचर की तिथि और समय की बात करें तो वाणी और बुद्धि के कारक बुध 26 अक्टूबर 2022 बुधवार को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर अपनी ही राशि कन्या से निकलकर अपने मित्र शुक्र ग्रह की राशि तुला में प्रवेश करेंगे। बुध इस राशि में 13 नवंबर 2022 शनिवार को रात 9 बजकर 06 मिनट तक रहेंगे। 

इन ज्योतिषीय उपायों से करें बुध ग्रह को मज़बूत

  • घर में बुध यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। 
  • कुंडली में बुध कमज़ोर स्थिति में हो तो प्रतिदिन स्नान करने के बाद बुध ग्रह के मंत्रो “ॐ बुं बुधाय नमः”, “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” आदि का जाप करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और संभव हो तो बुधवार के दिन व्रत करें।
  • जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा हरे रंग का प्रयोग करें। 
  • भगवान विष्णु और बुध की नियमित रूप से उपासना करें। 

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

बुध का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं। अब 26 अक्टूबर को होने वाले अपने इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी होते हैं। अब वर्तमान में अपने इस गोचर के दौरान बुध देव का संचरण…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध का हर गोचर विशेष महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि बुध आपके लग्न व चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए बुध उनके द्वादश भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उनके तृतीय भाव के स्वामी भी होते…. (विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

सिंह राशि

सिंह राशि के लिए बुध ग्रह उनके एकादश व दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपना ये गोच…. (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध उनके कर्म यानी दशम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ उनके लग्न भाव के …(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के लिए बुध उनके नवम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं जो अब अपना गोचर करते हुए आपकी … (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनके अष्टम व एकादश भाव के स्वामी हैं। अब उनका गोचर आपकी राशि से व्यय यानी….(विस्तार से पढ़ें)

पाएँ अपनी सभी समस्याओं का निजीकृत और सटीक जवाब: विद्वान ज्योतिषियों से अभी पूछें सवाल

धनु राशि 

धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते हैं। अब 26 अक्टूबर को उनका गोचर आपकी राशि से लाभ और….(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके षष्ठम और नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब इस गोचर के दौरान वे आपकी….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध का ये गोचर उनके नवम भाव में होने वाला है। इसके अलावा बुध आपके लिए पंचम और अष्टम भाव के…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

बुध मीन राशि के जातकों के लिए उनके चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। अब इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि…(विस्तार से पढ़ें) 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.