बुध का मीन राशि में गोचर: जानें राशियों सहित देश दुनिया पर बुध के गोचर का प्रभाव

बुध का मीन राशि में गोचर : एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का मीन राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि बुध वक्री अवस्था में 09 अप्रैल, 2024 को बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित राशि मीन में गोचर होने जा रहे हैं। बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा के कारक ग्रह बुध के गोचर का आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं बुध का गोचर किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे देश दुनिया व शेयर बाजार में इसका प्रभाव।

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बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह और सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध बुद्धि, संचार और तर्क के ग्रह हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध की स्थिति यह तय करती है कि कोई व्यक्ति कितना बुद्धिमान होगा और वह कितनी बुद्धिमानी से संवाद करने में सक्षम होगा।

मीन राशि में बुध: विशेषताएं

मीन एक दोहरी जल तत्व की राशि है, जिसके स्वामी बृहस्पति हैं। बुध और बृहस्पति को एक दूसरे के प्रति तटस्थ माना जाता है। दूसरी ओर एक दूसरे के प्रति शत्रु का भाव भी रखते हैं। जबकि बुध मीन राशि में नीच के होते हैं, यह स्थिति फिर भी अनुकूल मानी जाती है क्योंकि इसमें शामिल ग्रह स्वभाव से लाभकारी हैं। मीन राशि में बुध होने पर जातक की कल्पनाशक्ति बहुत रचनात्मक होती है। ये लोग अत्यधिक संवेदनशील होते हैं इसलिए इन्हें जल्दी बुरा भी लग जाता है। ये लोग किसी पर भरोसा करने में देर नहीं लगाते।

ये अन्य लोगों के प्रति भी काफी दयालु होते हैं। इन जातकों का अत्यधिक भरोसेमंद रवैया कभी-कभी इनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इन्हें जीवन के प्रमुख क्षेत्रों जैसे बिज़नेस पार्टनरशिप और प्रेम संबंधों में धोखे और बेवफाई का शिकार होना पड़ सकता है। कला और पेंटिंग से लेकर संगीत तक हर खूबसूरत चीज के प्रति ये जातक गहरी रुचि लेते हैं। मीन राशि में बुध वाले लोग सपने देखने वाले होते हैं और हमेशा कल्पना की दुनिया में खोए रहते हैं। ये लोग टेलीपैथिक कम्युनिकेशन में तो अच्छे होते हैं लेकिन मौखिक में नहीं होते। वे मौखिक रूप से बात करने के बजाय कविता या ललित कला जैसे माध्यमों के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करना पसंद करेंगे।

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ग्रह का वक्री होने का अर्थ

बता दें कि बुध वक्री अवस्था में मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। किसी भी ग्रह का वक्री होने का अर्थ है टेढ़ा। जब कोई ग्रह पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष निकटतम बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह उल्टी दिशा में चलने लगा हो अर्थात उल्टा चलने लगा हो। इसी उल्टी चाल को ज्योतिष की भाषा में वक्री गति कहा जाता है। जबकि वास्तविकता इससे भिन्न होती है क्योंकि कोई भी ग्रह कभी भी उल्टी दिशा में नहीं चलता है। वह अपने परिक्रमा पथ का ही अनुसरण करता है। चूंकि बुध 88 दिन में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है इसलिए यह घटना वर्ष में कई बार घटित होती है। ज्योतिष के क्षेत्र में वक्री अवस्था को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वक्री ग्रह का प्रभाव प्रत्येक राशि में सकारात्मक व नकारात्मक रूप से देखने को मिलता है।

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वक्री बुध का मीन राशि में गोचर: तिथि व समय

वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह माना जाता है जो अब वक्री अवस्था में 09 अप्रैल 2024 की रात 10 बजकर 02 बजकर 06 मिनट पर बृहस्पति द्वारा शासित राशि मीन राशि में प्रवेश करने जा रहा है। बुध बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है और बृहस्पति ज्ञान के साथ-साथ अहंकारी गुण प्रदर्शित करता है, जो संभावित रूप से समृद्धि के बजाय कलह का कारण बनता है। बुध के मीन राशि में वक्री होने से भ्रम और अराजकता व्याप्त हो सकती है, जिससे विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।

वक्री बुध का मीन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और वक्री अवस्था में बुध का मीन राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होने जा रहा है।  इसके परिणामस्वरूप आपको आत्म-विकास की कमी महसूस हो सकती है, जिसके चलते आप जीवन में पीछे रह सकते हैं। इसके अलावा, आप भ्रमित और असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं, जो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर के दौरान अपने शब्दों पर ध्यान दें और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। आपका इस दौरान अपनी पढ़ाई से मन हट सकता है और इसके साथ ही, कई बाधाओं का सामना भी करना पड़ सकता है। आपके करियर की बात करें तो, इस अवधि आपके ऊपर काम का अधिक दबाव पड़ सकता है और कुछ संघर्षों का सामना भी करना पड़ सकता है। आशंका है कि आप में से कुछ जातकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़े या कुछ लोग बेहतर संभावनाओं के लिए नौकरी बदल सकते हैं और इसमें आपको सफलता मिलने की संभावनाएं अधिक है। इसके अलावा, कुछ जातक विदेश में शिफ्ट होने का विचार बना सकते हैं। हालांकि इस गोचर के दौरान आपके लिए यह स्थानांतरण अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और वक्री अवस्था में बुध का मीन राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप आशंका है कि आप इस अवधि अच्छी मात्रा में धन अर्जित करें लेकिन उसके बावजूद भी आपको संतुष्टि प्राप्त न हो। भले ही आप कमा रहे हों लेकिन आपको अपने परिवार के लिए अधिक खर्च करने पड़ सकते हैं, जो आपके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं। संभावना है कि इन खर्चों की वजह से आपको ऋण या लोन लेने की स्थिति में आना पड़े। इस गोचर के दौरान आपको अपने परिवार पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पड़ सकती है।

करियर के मोर्चे पर, आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। संभावना है कि आपके वरिष्ठ आपका समर्थन व सहयोग न करें। हालांकि आपको मौजूदा नौकरी की स्थिति के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता हो सकती है, भले ही आपको यह पसंद न हो। यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो इस अवधि में अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए आपको अपने दृष्टिकोण में अधिक गणनात्मक और ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और वक्री अवस्था में बुध का मीन राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। इस अवधि आपको अपने करियर के संबंध में बड़े निर्णय लेने से बचना पड़ सकता है। यदि आप नई नौकरी बदलना चाहते हैं यह अवधि उसके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। करियर के मोर्चे पर, आशंका है कि आपको अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप संतुष्टि न मिल पा रही हो।  साथ ही, आप इस दौरान अपनी नौकरी के संबंध में आवश्यक लाभ प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं। 

आप पर नौकरी का अधिक दबाव हो सकता है, जिससे आपको काम से संबंधित कुछ चीजों को फिर से समायोजित करना पड़ सकता है।  ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि योजना बनाकर चलें और अपने काम पर अधिक से अधिक ध्यान दें। यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं तो वक्री बुध के गोचर के दौरान आपको औसत परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।  इस दौरान आपको अपने व्यापार पर अधिक मेहनत करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि आप अच्छी मात्रा में लाभ कमा सकें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए, बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और वक्री बुध का मीन राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में सहज महसूस न हो। इसके अलावा इस अवधि आपको अपने वरिष्ठों से चुनौतियां मिल सकती है और आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। हो सकता है कि आपको अपने काम के सिलसिले में कुछ रुकावटें झेलनी पड़ सकती है। आशंका है कि कार्यस्थल पर कोई चीज़ आपको परेशान कर रही हो। जब काम की बात आती है, तो आपके सहकर्मी आपसे अधिक प्रयास कर सकते हैं।  इस अवधि आपके सहकर्मी लक्ष्य प्राप्त करने और अच्छा प्रदर्शन करने के मामले में आपसे आगे निकल सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आपके सहकर्मियों को पदोन्नति या अन्य लाभ मिल सकते हैं और आप उनसे बहुत पीछे रह सकते हैं। अपने साथ वालों की प्रगति देखकर आपको दुख महसूस हो सकता है। यदि आपका खुद का व्यापार हैं तो आपके लिए अच्छा मुनाफा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है या आपके मुनाफे में कमी आ सकती है। आशंका है कि आपको अपने प्रतिद्वंदियों से खतरा महसूस हो और इसका नकारात्मक प्रभाव आपको अपने व्यापार में देखना पड़े। साथ ही, आप अधिक मुनाफा कमाने में असफल हो सकते हैं।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए, बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और वक्री अवस्था में बुध का मीन राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र में अच्छे रिश्ते बनाए रखना आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि  अपने काम पर अधिक ध्यान केंद्रित करें और इसके अलावा, अच्छे से योजना बनाकर चलने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अपने दैनिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिससे आप तनाव में आ सकते हैं। इस अवधि आपके लिए कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर पाना और लाभ प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि आपको विदेश से कई अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं लेकिन आपको इन अवसरों का चयन बहुत ही सोच समझकर और सावधानी से करना होगा।

यदि आप खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इस अवधि आपको थोड़ा सतर्क रहना होगा क्योंकि आशंका है कि आपको नुकसान उठाना पड़े। यदि आप अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको कुछ परिवर्तन करना होगा।  वहीं यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे हैं तो अपने व्यावसायिक साझेदारों से चुनौतियां मिल सकती है। साथ ही, संभावना है कि आपके साझेदार आपके लिए आगे मुसीबत खड़ी करें, जिससे आपके लिए लाभ प्राप्त करना बहुत अधिक मुश्किल हो सकता है।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और वक्री अवस्था में बुध का मीन राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप आपको बिज़नेस पार्टनर, जीवनसाथी और अपने दोस्तों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है इसलिए आपको अपने रिश्ते में उच्च मूल्य बनाए रखने की आवश्यकता हो सकती है।  इसके अलावा, आप बेहतर संभावनाओं के लिए नौकरी में बदलाव करने का विचार बना सकते हैं।

करियर के मोर्चे पर, आशंका है कि कोई दूसरे स्थानों पर आपको ट्रांसफर मिले, जो आपके लिए निराशा का कारण बन सकता है। इस अवधि आपको अपने सहकर्मियों से परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है, जिसके चलते आप नकारात्मक विचारों से घिर सकते हैं। यदि आपका खुद का व्यापार है तो इस अवधि आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिससे आप चिंतित हो सकते हैं। 

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए, बुध छठे और नौवें घर का स्वामी हैं और वक्री बुध का मीन राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने भाई-बहनों के साथ समस्या का सामना करना पड़ सकता है। करियर के संबंध में, यदि आप अपने वर्तमान समय का आनंद लेने में असमर्थ हैं तो आपको आगे समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिन जातकों का खुद का व्यवसाय है उनके लिए भी यह अवधि उतार-चढ़ाव भरी साबित हो सकती है। व्यापार को आगे बढ़ाने को लेकर आप चिंतित हो सकते हैं। यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अधिक ध्यान लगाकर काम करना होगा। कुल मिलाकर आप व्यवसाय में इतना अच्छा मुनाफा नहीं देख पाएंगे और इसके परिणामस्वरूप आपको धन हानि हो सकती है। आपको इस अवधि अपना दृष्टिकोण बदलने और काम पर ध्यान देने की आवश्यकता है तभी सफलता प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं।

वक्री बुध का मीन राशि में गोचर : विश्वव्यापी प्रभाव

राजनीतिक प्रभाव

सभी ग्रहों में बृहस्पति को कैबिनेट मंत्री माना जाता है और बुध बुद्धि और तर्क क्षमता के कारक हैं। इसके परिणामस्वरूप वक्री बुध का मीन राशि में गोचर होने से देश दुनिया की घटनाओं पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। तो चलिए जानते हैं इन घटनाओं के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव के बारे में।

  • भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे राजनेता अपने गलत बयानों की वजह से जांच के दायरे में आ सकते हैं।
  • सरकार के कामकाज के तरीके और नीतियां बेशक कितनी भी अच्छी हो लेकिन उनकी आलोचना की जा सकती है और संभावना है कि उन्हें जनता या विपक्ष से नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिले।
  • सरकार को विदेशी देशों से खतरों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नौवां भाव लंबी दूरी की यात्रा या विदेशी तत्वों का भाव है। हालांकि यहां राहत की बात यह है कि वे जल्द ही इस स्थिति पर नियंत्रण पा लेंगे।
  • देश के नेता तेजी से कड़ी कार्रवाई करते हुए नज़र आ सकते हैं लेकिन कुछ चीज़ों को करने के पीछे सोच की कमी नज़र आ सकती है।

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गूढ़ अध्ययन व अभ्यास

  • रहस्य विज्ञान और रिसर्च से जुड़े लोगों को इस अवधि के दौरान कई उतार-चढ़ाव व चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन यदि कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत है तो आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
  • योग प्रशिक्षक, ध्यान अभ्यासकर्ता आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों को नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि बुध की वक्री अवस्था आपको किस तरह से प्रभावित कर सकती है यह व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध की स्थिति पर निर्भर करेगा।
  • बुध वक्री अवस्था के दौरान ज्योतिषियों, गूढ़ शोधकर्ताओं को अपने रास्ते में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

वक्री बुध का मीन राशि में गोचर : शेयर बाजार की भविष्यवाणी

बुध ग्रह 9 अप्रैल, 2024 को बृहस्पति द्वारा शासित राशि मीन में वक्री अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर का प्रभाव विश्व स्तर पर तो देखने को मिलेगा ही साथ ही, शेयर बाजार पर भी इसका सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। तो आइए ऐसे में जानते हैं वक्री बुध का धनु राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,

  • बिज़नेस कंसल्टेशन, राइटिंग या मीडिया एड से संबंधित फर्में और प्रिंट, दूरसंचार और प्रसारण सहित सभी बड़े उद्योग सकारात्मक परिणाम का अनुभव कर सकते हैं।
  • रासायनिक उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र, फार्मास्युटिकल क्षेत्र, बिजली क्षेत्र और सीमेंट उद्योग अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
  • इलेक्ट्रिकल उत्पाद उद्योग, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट उद्योग, हीरा उद्योग, रसायन, इंजीनियरिंग सभी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
  • कुछ उद्योगों, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मंदी का ख़तरा भी हो सकता है।

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