वाणी, बुद्धि, तर्क, मित्रता और गणित के कारक बुध देव का ज्योतिष शास्त्र में एक अहम स्थान है। सप्ताह का दिन बुधवार इन्हीं को समर्पित है। बुध का प्रिय रंग हरा है। कन्या इनकी उच्च राशि है जबकि मीन राशि में यह नीच के हो जाते हैं। फरवरी के महीने में बुध पहले गोचर करेंगे और फिर अगले ही दिन अस्त हो जाएंगे। ऐसे में सभी 12 राशियों के जीवन में अलग-अलग बदलाव देखने को मिलेंगे।
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इस ख़ास ब्लॉग में हम बुध के कुंभ राशि में गोचर से जुड़े सभी अहम पहलुओं के बारे में जानेंगे, जैसे इसकी तिथि, समय, राशि अनुसार प्रभाव और उपाय। इसके अलावा हम कुंडली में बुध को मज़बूत करने के आसान उपायों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे। तो आइए सबसे पहले ज्योतिष शास्त्र में बुध के महत्व को समझ लेते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में बुध का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध महाराज को मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। वहीं 27 नक्षत्रों में से ज्येष्ठा, अश्लेषा और रेवती पर भी बुध देव का ही शासन है। सूर्य और शुक्र बुध के मित्र ग्रह माने जाते हैं तथा चंद्रमा और मंगल इनके शत्रु ग्रह हैं। हमारे जीवन के लिए बुध महाराज को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हमारी शारीरिक रूपरेखा और स्वभाव पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आइए अब गोचर की तिथि और समय के बारे में जान लेते हैं।
बुध का कुंभ राशि में गोचर: तिथि और समय
बुध 27 फरवरी 2023, दिन सोमवार की शाम 4 बजकर 33 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। हालांकि अगले ही दिन बुध महाराज अस्त भी हो जाएंगे। आइए अब बुध ग्रह के बारे में दूसरी अहम जानकारियां हासिल करते हैं।
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कुंडली में बुध के प्रबल होने से मिलते हैं कई लाभ
बुध महाराज के आशीर्वाद से जीवन में कई सारे सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसे लोग जिन्हें बुध देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, वे हाज़िर जवाब होते हैं। अपने शानदार संवाद कौशल से दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही बुध देव की मज़बूत स्थिति से जातक बिज़नेस में भी शानदार प्रदर्शन करने में सफल होते हैं।
कुंडली में कमज़ोर बुध के प्रभाव
कुंडली में बुध के कमज़ोर होने के कारण जातकों को अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में जातकों को मानसिक और शारीरिक दोनों ही दिक्कतों को झेलना पड़ सकता है। बुध संवाद शैली के कारक हैं इसलिए कुंडली में इनकी कमज़ोर स्थिति के कारण जातकों को अपने आचार-विचार प्रकट करने में दिक्कत हो सकती है। आइए, अब कुछ आसान उपायों के बारे में जान लेते हैं, जिनकी मदद से आप अपनी कुंडली में बुध महाराज को मजबूत कर सकते हैं।
कुंडली में कैसे करें बुध देव को मज़बूत?
- बुधवार के दिन व्रत करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- बुध देव को कुंडली में मज़बूत करने के लिए पन्ना भी पहना जा सकता है, लेकिन इसे पहनने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
- जातक 4 या 10 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
- हरी घास, साबुत मूंग, नीले या हरे रंग के कपड़ों का दान करें।
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बुध का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष
मेष राशि के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर अवधि में वह आपके एकादश भाव में प्रवेश…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ
बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और बुध का कुंभ राशि में गोचर होने से वह आपके दशम भाव में प्रवेश…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के राशि स्वामी बुध ही हैं यानी कि यह आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और…(विस्तार से पढ़ें)
कर्क
कर्क राशि के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर काल में वह आपके आठवें भाव…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर की अवधि में वह आपके…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या
यदि आपका जन्म कन्या राशि में हुआ है तो बुध आपके राशि स्वामी हैं यानी कि यह आपके पहले और दशम भाव के…(विस्तार से पढ़ें)
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तुला
तुला राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर पंचम भाव में होगा। यह आपके नवम और द्वादश भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक
बुध का गोचर वृश्चिक राशि से चतुर्थ भाव में होगा। यह आपके अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं। यह…(विस्तार से पढ़ें)
धनु
यदि आप धनु राशि में जन्मे जातक हैं तो बुध का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। यह आपके लिए सप्तम…(विस्तार से पढ़ें)
मकर
बुध का कुंभ राशि में गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में होगा। बुध मकर राशि के जातकों के लिए छठे और नवम भाव…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के प्रथम भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। यह आपके पांचवे और आठवें भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ें)
मीन
यदि आप मीन राशि में जन्मे हैं तो बुध का कुंभ राशि में गोचर आपकी राशि से द्वादश स्थान में होगा। बुध आपकी…(विस्तार से पढ़ें)
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