ग्रहों के राजकुमार का कर्क राशि में गोचर- बड़े परिवर्तन के लिए तैयार रहें यह 4 राशियां

ज्योतिष में गोचर का विशेष महत्व बताया गया है। गोचर अर्थात एक ग्रह का किसी एक राशि या एक नक्षत्र से निकलकर दूसरे में प्रवेश करना। जुलाई के महीने में बुध ग्रह का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है। जिस दौरान बुध कर्क राशि में पहुंच जाएंगे। 

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अपने इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे बुध के कर्क राशि में होने वाले इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, बुध का कर्क राशि में जाने से क्या कुछ बदलाव आने की संभावना है, साथ ही जानेंगे जिन राशियों के जीवन पर इस गोचर का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है उन्हें इससे बचने के लिए क्या कुछ उपाय करना शुभ साबित हो सकता है। 

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सबसे पहले बात कर लेते हैं बुध ग्रह के गोचर के समय और अवधि की।

बुध का कर्क राशि में गोचर: समय और अवधि

ग्रहों की राजकुमार का यह गोचर 8 जुलाई 2023 को रात 12 बजकर 05 मिनट पर पर होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क के कारक ग्रह का दर्जा दिया गया है।

अधिक जानकारी: बुध 8 जुलाई को कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं वहीं 14 जुलाई को कर्क राशि में ही बुध अस्त हो जाएंगे। तो देखना दिलचस्प होगा कि एक ही राशि में बुध का गोचर और फिर अस्त होना सभी जातकों के जीवन पर क्या कुछ प्रभाव डालेगा। 

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ज्योतिष में बुध ग्रह

ज्योतिष में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे जातकों को अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, तेज बुद्धि, व्यापार में सफलता, आदि का वरदान प्राप्त होता है। वहीं इसके विपरीत जिन जातकों की कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में होते हैं या राहु केतु या मंगल के साथ युति कर रहे होते हैं तो ऐसे जातकों को जीवन में तमाम तरह की समस्याएं और दुख उठाने पड़ते हैं।

ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब बुध ग्रह मंगल के साथ युति करता है तो ऐसे में जातकों के जीवन में बुद्धि का अभाव देखने को मिलता है जिसके प्रभाव स्वरूप जातक आक्रामक और आवेगी होकर अपना ही नुकसान करा लेते हैं। यहां यह जानना बेहद जरूरी है कि कर्क राशि में इस समय के दौरान बुध और सूर्य की युति होने जा रही है। दरअसल जहां एक तरफ 8 जुलाई को बुध का कर्क राशि में गोचर होगा वहीं दूसरी तरफ 16 जुलाई को सूर्य भी कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद 25 जुलाई को बुध का सिंह में गोचर होगा। यानि 10 दिनों की अवधि के लिए बुध और सूर्य की कर्क में युति होने वाली है। 

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कर्क राशि में बुध 

कर्क राशि में बुध जातकों की भावनाओं को स्थिर या नियंत्रण में करने के लिए जाना जाता है। ऐसी स्थिति में जातकों को ज्ञान प्राप्त होता है और साथ ही मन और भावनाओं को सही और उचित दिशा भी प्राप्त होती है। कर्क में बुध की स्थिति जातकों को विचारक भी बनाती है। कर्क में बुध के प्रभावस्वरूप जातक भावनात्मक तो होते हैं लेकिन साथ ही उनकी मानसिक स्थिति और याद्दाश्त बेहद ही मजबूत भी होती है। 

कर्क राशि में बुध जातकों पर प्रभाव 

कर्क राशि में बुध जातकों के जीवन में ढेरों सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जाना जाता है जैसे कि, ऐसे जातक हाजिर जवाबी होते हैं तथा दूसरों के प्रति बेहद ही सहानुभूति पूर्ण रवैया रखते हैं। ऐसे व्यक्तियों को सब को एक साथ लेकर चलना अच्छा लगता है। ऐसे जातक कल्पनाशील, स्पष्ट विचारों वाले, मजबूत सहनशक्ति, और मनोवैज्ञानिक स्तर पर लोगों की मदद करने में ज्यादा झुकाव रखते हैं। ऐसे जातकों का प्रेम जीवन भी बेहद शानदार होता है। यह अपने साथी के प्रति बेहद ही सच्चे और निष्ठावान होते हैं। ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातक यदि जल तत्व से संबंधित व्यवसाय करते हैं तो उन्हें अपार लाभ मिलता है। इसके अलावा यह संगीत और ज्ञान में अलग ही रुचि रखते हैं।

हालांकि वहीं कर्क राशि में बुध के प्रतिकूल प्रभाव की बात करें तो यह थोड़ा कष्टदायक साबित हो सकता है। इस दौरान जातकों को करियर और रिश्तो में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपकी भावनात्मक शांति खराब होने की आशंका है। इसके अलावा इस दौरान संपत्ति खरीदना और बेचना भी आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।

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कुंडली में कमजोर बुध के लक्षण और उपाय 

जब भी व्यक्ति की कुंडली में कोई भी ग्रह अशुभ या फिर कमजोर स्थिति में होता है तो यह जातकों को तमाम तरह के लक्षण या संकेत प्रदान करता है। ऐसे में बात करें बुध ग्रह की तो जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति खराब होती है तो ऐसे जातकों को त्वचा संबंधित परेशानियां, पढ़ाई में एकाग्रता की कमी, लिखने के कार्यों में तमाम तरह की समस्या, आदि देखने को मिलती है। इसके अलावा अगर किसी जातक की बुद्धि भ्रष्ट हो गई हो, या फिर लाख जतन के बावजूद उन्हें व्यापार और शिक्षा में उन्नति ना मिल रही हो, तो यह भी कमजोर या पीड़ित के लक्षण होते हैं। 

ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार ऐसे जातकों को बुध ग्रह शांति से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं वो उपाय आइये जान लेते हैं: 

बुध ग्रह को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय

  • बुधवार के दिन व्रत रखें। 
  • भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • बुधवार के दिन ज्यादा से ज्यादा हरे और लाल रंग के कपड़े पहनें। 
  • बुधवार के दिन बिना नमक वाला मूंग से बना खाना खाएं। 
  • भोजन करने से पहले इस दिन तुलसी के कुछ पत्ते गंगाजल के साथ ग्रहण करें। 
  • बुध ग्रह से संबंधित चीजें जैसे हरी घास, साबुत मूंग, कांस्य के बर्तन, नीले रंग के फूल, हरे और नीले रंग के कपड़े, हाथी के दांत से बनी हुई चीजों, का दान करें। 
  • इसके अलावा आप चाहें तो बुध ग्रह की शांति के लिए पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं। हालांकि रत्न धारण करने का फैसला किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद ही लें।
  • बुधवार के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का जाप करें।

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बुध शांति के लाभ 

कहते हैं जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे जातकों को बौद्धिक, तार्किक, और रचनात्मक शक्ति प्रदान होती है। यही वजह है कि बुध ग्रह की शांति अवश्य करनी चाहिए। आप चाहें तो घर बैठे बुध ग्रह शांति पूजा करा कर इस ग्रह से मिलने वाले लाभ को अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। आइए अब जान लेते हैं बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

बुध का कर्क में गोचर 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों की कुंडली में तीसरे और छठे भाव पर बुध का शासन है और अब वह चौथे भाव में गोचर करेंगे। बुध का कर्क राशि में गोचर आपके लिए….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आमतौर पर बुध का यह गोचर जातकों को….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मिथुन राशि 

आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर बुध शासन करते हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध के दूसरे भाव में गोचर के फलस्वरूप….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

आपकी कुंडली के तीसरे और बारहवें भाव पर बुध का स्वामित्व है और अब यह पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस अवधि में आपको सामान्य….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों की कुंडली में बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध की इस दशा के कारण….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों की कुंडली के पहले और दसवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर, आपके लिए….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों की कुंडली के नौवें और बारहवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर आपके….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह नौवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर आपको….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों की कुंडली के सातवें और दसवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध की इस दशा के कारण….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों की कुंडली के छठे और नौवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का कर्क राशि में गोचर,….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों की कुंडली के पांचवें और आठवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। गोचर के दौरान कुंभ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों की कुंडली के चौथे और सातवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर के दौरान जातक….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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