21 अगस्त को बुध अपनी उच्च राशि कन्या में गोचर करते हुए, गुरु के साथ बनाएंगे “समसप्तक योग”

बुद्धि के देवता बुध ग्रह को सौरमंडल के समस्त ग्रहों में राजकुमार की उपाधि प्राप्त है। बुध के कारण ही व्यक्ति  बोलने में प्रखर बनता है। यही कारण है कि वैदिक ज्योतिष में बुध को विशेष स्थान दिया जाता है। 

12 राशियों में से बुध को मिथुन और कन्या राशि  का स्वामित्व प्राप्त होता है। इसके अलावा  कन्या इसकी उच्च राशि तो मीन इसकी नीच राशि होती है। जबकि नक्षत्रों में अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती, जिन्हें हम गंडमूल नक्षत्र कहते हैं, वो बुध के अधीन आते हैं। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, किसी शिशु का जन्म इन तीनों में से किसी भी नक्षत्र में होने पर उसके लिए जन्म के तुरंत बाद गंड मूल शांति पूजन कराना अनिवार्य रहता है। 

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कुंडली में बुध ग्रह का शुभ प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में बुध बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र के कारक होते हैं। ऐसे में जिस भी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है तो:

  • वो जातक अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ, अपनी हाज़िर जवाबी और हास्य विनोद के लिए जाना जाता है। 
  • ये लोग हर परिस्थिति का हंसकर सामना करते हैं, जिस वजह से इसके बिना किसी भी महफिल की रौनक नहीं जमती है। 
  • इसके अलावा बुध से प्रभावित व्यक्ति मानसिक रूप से बुद्धिमान होता है और उसकी स्मरण शक्ति भी दूसरों से अत्यंत अच्छी होती है। 
  • ये जातक एक बहुत अच्छे मित्र बनते हैं, जो हर परिस्थिति में अपने मित्रों के साथ खड़े रहते हैं। 
  • ये लोग खुलकर दूसरों को स्पष्ट रूप से अपनी बात समझाने में समर्थ होने के साथ-साथ, अच्छी गणितीय योग्यता के लिए भी प्रसिद्धि हासिल करते हैं। 
  • ये जातक अगर व्यापार करते हैं तो उन्हें बेहतर परिणाम मिलने की संभावना रहती है क्योंकि ये अपनी अच्छी व मधुर बोली से अपने ग्राहकों व अन्य लोगों को आकर्षित करना भली-भांति जानते हैं। 

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कुंडली में बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव

हालांकि अगर कुंडली में बुध की विपरीत स्थिति हो तो:

  • व्यक्ति का गणित कमजोर होता है। 
  • साथ ही ऐसे लोग बेकार की गॅप करने वाले बातूनी भी हो सकते हैं। 
  • इन लोगों को दूसरों के समक्ष अपने विचारों को सही रूप में बोलकर पेश करना नहीं आता है।
  • ये जातक दिमागी रूप से भी कुछ कमज़ोर देखे जाते हैं, जिनकी स्मरण शक्ति कमज़ोर होने के साथ-साथ इन्हें चीज़ों को जल्दी समझने में भी काफी दिक्कत आती हैं। 
  • ऐसे में बुध को कुंडली में मजबूत करने के लिए जातक को विधारा की जड़ अथवा पन्ना  रत्न  धारण करने की सलाह दी जाती है। 

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बुध के कन्या में गोचर काल की अवधि

ग्रहों की संगति के अनुरूप फल देने वाला बुध ग्रह एक बार फिर 21 अगस्त 2022, रविवार को प्रातःकाल 01 बजकर 55 मिनट पर अपने मित्र सूर्य की सिंह राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि कन्या में गोचर करेंगे। इस दौरान वो समस्त जन मानस के साथ-साथ देशभर में भी अपना विशेष प्रभाव दिखाएंगे। 

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बुध के कन्या में गोचर का असर 

  • गुरु के साथ बुध बनाएंगे ‘समसप्तक योग’  

जैसे ही बुध अपनी उच्च राशि कन्या में गोचर करेगा, उनका गुरु से सप्तम भाव में उपस्थित होने के कारण गुरु-बुध के बीच “समसप्तक योग” का निर्माण होगा। बुध और गुरु दोनों शुभ ग्रह होते हैं, ऐसे में इनके बीच बनने वाले इस योग के कारण वो छात्र जो विदेश जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक थे, उन्हें कामयाबी मिल सकेगी। परंतु इस योग के चलते किसी बड़े नेता या प्रसिद्ध हस्ती की ओर से कोई ऐसा गलत बयान सामने आ सकता है, जिसकी चर्चा विदेश में भी होने से देश की छवि प्रभाव होने की आशंका रहेगी। 

अवश्य पढ़ें: बुध ग्रह की शांति के लिए किये जाने वाले विशेष ज्योतिषीय उपाय

  • छात्रों पर बुध के गोचर का प्रभाव 

बुध के अपनी उच्च राशि कन्या में गोचर करने से, सबसे अधिक शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। संभावना अधिक है कि भारतवर्ष में होने वाली अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थी कई कीर्तिमान स्थापित करने में सफल रहेंगे। 

  • बॉक्स ऑफिस पर कई फ़िल्में तोड़ेगी रिकॉर्ड   

खासतौर से इस दौरान एंटरटेनमेंट, मीडिया, मेडिकल और एनवायरमेंट क्षेत्र से संबंधित कई अच्छे परिणाम मिलने के योग बनेंगे। ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस गोचर के प्रभाव से कई बड़े सितारों की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर लोगों का दिल जीतते हुए धमाल मचाने वाली हैं। 

  • सरकार की ओर से होगी कई बड़ी योजनाओं की घोषणा

इस गोचर से भारत सरकार द्वारा जनता के हित में कई फैसले लेते हुए यातायात, जन-संचार आदि से जुड़ी कई नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। 

  • शेयर बाज़ार में आएंगे बदलाव 

इस गोचर के कारण जहां शेयर बाज़ार में घटा-बढ़ी के मध्य तेजी का रुख देखने को मिलेगा। तो वहीं खुदरा बाज़ार में गेहूं, जौं, चना, शक़्कर और हल्दी के भावों में तेजी, लेकिन रुई और चांदी में मंदी देखने को मिल सकती है।  

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इन राशियों पर बरसाएंगे बुध अपनी कृपा 

1. मिथुन राशि: इस गोचर से आपका पारिवारिक जीवन सुखद और आरामदायक बनेगा क्योंकि आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने संबंध बेहतर करने में सफल रहेंगे। साथ ही आप अपने आकर्षक स्वभाव से कार्यक्षेत्र पर अपने सहकर्मियों और अधिकारियों को भी प्रभावित करते हुए सफलता प्राप्त करेंगे।

2. कर्क राशि: आपको ये गोचर अपने भाई-बहनों व दोस्तों का पूरा सहयोग देने वाला है। वहीं यदि आप पत्रकारिता, लेखन, कंसल्टेशन, अभिनय, निर्देशन या एंकरिंग के क्षेत्र (जहाँ संचार और नए विचारों का बहुत महत्व है) आदि से जुड़े हैं तो आपको अपने संचार कौशल में विकास मिलेगा और उसकी मदद से आप अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन देने में सफल रहेंगे। 

3. सिंह राशि: ये गोचर आपकी वाणी और आपके संचार कौशल में उत्तम प्रभाव डालेगा। ऐसे में खासतौर से फाइनेंस सेक्टर में कार्यरत जातकों को नए विचारों के साथ आगे बढ़ने में सफलता मिलेगी। साथ ही आप अपने परिवार व मित्रों का भी पूरा सहयोग हासिल करते हुए उनके साथ समय व्यतीत करते देखें जाएंगे। 

4. कन्या राशि: चूँकि ये गोचर आपकी ही राशि में होने वाला है, इसलिए पेशेवर रूप से बुध देव की कृपा आपको अत्यंत लाभकारी परिणाम देने के योग बनाएगी। खासतौर से डेटा साइंटिस्ट, आयात-निर्यात, नेगोशिएटर, बैंकिंग, मेडिकल क्षेत्र और व्यवसाय से जुड़े जातक हर कार्य को करते हुए सफलता हासिल करेंगे। सेहत में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।

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इन राशियों पर बरसेगा बुध का कहर 

1. मेष राशि: आपको इस गोचरकाल के दौरान थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है। खासतौर से वो छात्र जो अभी तक अपनी शिक्षा को लेकर लापरवाह थे, उन्हें अब पूरी एकाग्रता के साथ अपनी आने वाली परीक्षा के लिए खुद को तैयार करने की ज़रूरत होगी। अन्यथा उन्हें नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। 

2. तुला राशि: बुध देव का ये गोचर आपके खर्चों में वृद्धि लेकर आएगा। खासतौर से इस दौरान आप स्वयं के लिए नए गैजेट्स ख़रीदते हुए अपने धन का एक बड़ा भाग ख़र्च कर सकते हैं। साथ ही सेहत में भी आपको उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें और अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें।

3. कुंभ राशि: बुध का यह गोचर आपके लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि आशंका है कि इस अवधि में आपके साथ अचानक कोई घटना घटे, जिससे आपको मानसिक रूप से बेचैनी व तनाव महसूस हो सकता है। साथ ही यह गोचर आपको त्वचा संबंधी कुछ समस्या भी दे सकता है। ऐसे में ख़ुद के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख़्याल रखना, इस दौरान आपकी प्रथामिकता होनी चाहिए। 

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा इस गोचर का असर जानने के लिए पढ़ें: बुध का कन्या राशि में विस्तृत गोचर (21 अगस्त 2022)

ज़रूर करें बुध से जुड़े ये सरल उपाय:

  • कुंडली में बुध के अशुभ प्रभाव को शून्य या कम करने के लिए बुध यंत्र की स्थापना करना अनुकूल रहता है। 
  • ऑनलाइन बुध ग्रह शांति पूजा की मदद से बुध देव को अपनी जन्म कुंडली में आप बलवान बना सकते हैं।
  • बुध को कुंडली में मजबूत करने के लिए वरिष्ठ ज्योतिष विशेषज्ञों से उचित सलाह के बाद उत्तम क्वालिटी का पन्ना रत्न धारण करना आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प सिद्ध होगा। 
  • बुध देव के मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!” का रोजाना जाप करना भी आपके लिए उत्तम रहेगा। 
  •  किसी गरीब या ज़रूरतमंद छात्र को श्रद्धानुसार शिक्षा की सामग्री भेट करें। 
  • बुधवार के दिन विधि अनुसार व्रत का पालन करें। 
  • हर बुधवार भगवान गणेशा की कथा सुनें व पढ़ें। 
  • गौ सेवा करें और उन्हें हरी घास खिलाएं। 
  • घर की महिलाओं को हरी वस्तुएं भेट करें। 
  • इसके अतिरिक्त चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी, आपको बुध को अपनी कुंडली में मजबूत बनाने में मदद करेगा। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करके भी आप बुध से शुभ प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा अपनी बहन, बेटी,  बुआ, मौसी आदि का सम्मान करके भी आप बुध के अनुकूल परिणाम हासिल करने में सफल हो सकते हैं।   

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