बुध का धनु राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का विशेष महत्व होता है। इनकी चाल में होने वाले परिवर्तन से मनुष्य के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में, बुध ग्रह जो कि तर्क क्षमता, संचार कौशल, व्यापार आदि के स्वामी हैं और ये जिस भी राशि में भी मजबूत अवस्था में मौजूद होते हैं उन्हें इन क्षेत्रों में अपार सफलता प्राप्त होती है। बुध 14, 15 दिनों में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। इस क्रम में बुध नवंबर के महीने में एक बार फिर गोचर करने जा रहे हैं। इस बार बुध धनु राशि में गोचर करेंगे। बुध का राशि परिवर्तन करना जातक की कुंडली में भाव स्थान के अनुसार शुभाशुभ प्रभाव डालता है। बुध के गोचर की समस्त जानकारी और आपकी राशि पर बुध परिवर्तन के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानने के लिए ब्लॉग के अंत तक जरूर पढ़ें।
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बुध का धनु राशि में गोचर: समय और तिथि
बुद्धि, तर्क और वाणी के कारक ग्रह बुध 27 नवंबर 2023 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेंगे और इस राशि में 28 दिसंबर 2023 तक विराजमान रहेंगे। इसके बाद, बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध का धनु राशि में गोचर सभी 12 राशियों पर कैसा असर डालेगा? इस बारे में जानने से पहले हम बात करेंगे धनु राशि में बुध के प्रभाव के बारे में। साथ ही, जानेंगे ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व।
धनु राशि में बुध ग्रह का महत्व
धनु राशि में बुध की स्थिति सामान्य रहेगी। धनु राशि में बुध के प्रभाव से जातक के आकर्षण में वृद्धि होगी और आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ उनका झुकाव बढ़ेगा क्योंकि धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। ये लोग उदारवादी और स्वतंत्र विचार वाले होते हैं। साथ ही, ये अपने बोलने की तरीके से लोगों को आकर्षित करने में माहिर होते हैं। ये लोग संचार के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और पत्रकार, रेडियो, टीवी और एचआर के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।
ये जातक कई काम को एक साथ हाथ में तो ले लेते हैं लेकिन उन्हें समय पर पूरा नहीं कर पाते हैं। इनका स्वभाव होता है कि ये किसी भी कार्य को करने से जल्दी माना नहीं कर पाते हैं इसलिए किसी भी कार्य को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। जब इन जातकों को गुस्सा आता है तो ये अजीबोगरीब व्यवहार करने लगते हैं, जिससे अन्य लोगों को तकलीफ होती है। बुध के प्रभाव से ये लोग अपनी योजनाओं में बहुत जल्दी परिवर्तन कर लेते हैं। कई बार ये फालतू की बहस में पड़ जाते हैं, जिससे इनका समय और ज्ञान दोनों बर्बाद होता है। कई बार ये लोग अपनी बातों को मनाने के लिए जिद करने लगते हैं और जब इनकी बातों को नहीं माना जाता है तो इन्हें बहुत जल्दी बुरा महसूस होने लगता है। इन जातकों की सबसे खास बात यह है कि ये अपनी बात को घुमा-फिराकर कहना पसंद नहीं करते हैं, जो बात होती है सीधे पॉइंट पर आते हैं।
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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभ और अशुभ ग्रह माना गया है यानी बुध ग्रहों की संगति के अनुरूप ही सकारात्मक व नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों जैसे- गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा के साथ मौजूद होते हैं तो यह जातक को बेहद शुभ फल देते हैं और यदि बुध क्रूर ग्रह जैसे मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य के साथ मौजूद होते हैं तो ये जातक को अशुभ परिणाम दे सकते हैं। बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं और इनकी ये उच्च राशि भी है जबकि मीन इनकी नीच राशि मानी जाती है। नक्षत्रों की बात करें तो ये 27 नक्षत्रों में से तीन नक्षत्र अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती के स्वामी हैं। हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र के कारक हैं। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इनके शत्रु ग्रह हैं।
बुध आपके सोचने की प्रक्रिया और चेहरे के भावों पर नियंत्रण रखता है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध प्रबल यानी बली होता है उनका अपनी वाणी पर, अपने शब्दों पर बेहतर नियंत्रण होता है। वे जानते हैं कि दूसरों के साथ किस तरह संवाद करना है और तरह की भाषा का प्रयोग करना चाहिए। यदि आपकी कुंडली में बुध अनुकूल स्थिति में है, तो आप बातचीत शुरू करने और उसे समाप्त करने के गुर सीख सकते हैं।
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धनु राशि की विशेषता
धनु राशि के जातकों का स्वभाव बहुत ही हंसमुख होता है। ये लोग अपनी आध्यात्मिक प्रवृत्ति से किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं। इस लग्न में जन्मे लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और ये पूरे उत्साह और साहस के साथ अपने काम को अंजाम देते हैं। इस राशि के लोग बातों से ज्यादा काम करके दिखाने में भरोसा रखते हैं। अपनी ईमानदारी और वफादारी से ये लोग समाज में खूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। इन राशि के जातकों के नकारात्मक पक्ष की बात करें तो ये दिल के सच्चे होने के साथ ही बहुत गुस्सैल भी होते हैं। यह लोग छोटी-छोटी बात पर आक्रामक हो जाते हैं और नाराजगी को मन में पाल कर रखते हैं। इस राशि के कुछ जातक गलत संगत में भी पड़ सकते हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों में जल्द ही घबरा जाते हैं और अपना नियंत्रण खो देते हैं। इन्हें समझना कई लोगों के लिए आसान नहीं होता है।
कुंडली में बुध की मजबूत स्थिति के संकेत
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह बिजनेस, बुद्धि, वाणी आदि के कारक माने जाते हैं। यदि कुंडली में बुध की स्थिति कुंडली में मजबूत हो तो जातक को जीवन में आगे बढ़ता है। आइए जानते हैं बुध की मजबूत के क्या संकेत हैं:
- बुध ग्रह मजबूत होने पर जातक कार्यक्षेत्र में तरक्की प्राप्त करता है और खूब मान-सम्मान व प्रतिष्ठा हासिल करता है।
- बुध की मजबूत स्थिति के फलस्वरूप जातक की वाणी में मधुरता देखने को मिलती है। वह अपनी वाणी से हर किसी को आकर्षित करने में सक्षम होता है।
- बली बुध के परिणामस्वरूप जातक हाज़िर जवाब होता है और हर चीज़ का जवाब उसे मालूम होता है
- बली बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है।
- इसके अलावा, व्यक्ति गणित विषय में अच्छा करता है। व्यक्ति की गणना करने की शक्ति तीव्र होती है। ऐसे जातक इन सभी विषयों को तार्किक दृष्टि से देखते हैं। इसके अलावा, वाणिज्य और क़ारोबार में भी व्यक्ति सफल होता है।
- कुंडली में बुध ग्रह मजबूत हो तो जातक मृदुभाषी और मजाकिया स्वभाव का होता है और उसका यह अंदाज़ लोगों को खूब भाता है।
- बुध ग्रह का संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता से है। ऐसे में, मजबूत बुध के फलस्वरूप जातक इन सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन करने में सक्षम होता है।
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यदि बुध कुंडली में पीड़ित अवस्था में हो तो
बुध ग्रह जब कमजोर होते हैं तो यह जीवन में कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। तो आइए जानते हैं कुंडली में बुध की कमज़ोर स्थिति के संकेत:
- यदि व्यक्ति अपनी बात साफ तरीके से नहीं बोल पाता है और हकलाता है तो समझ लें कि कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर हैं।
- ऐसे जातक गणित विषय में कमज़ोर होते हैं और उन्हें गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- यदि आपके बाल तेजी से झड़ने लगें और आपके अंगुलियों के नाखून टूटने लगें तो समझ लें कि बुध कमजोर है।
- करियर में लगातार असफलताएं और चुनौतियां मिल रही हों या बिजनेस में हानि उठाना पड़ रहा हो तो यह कमजोर बुध के संकेत हैं।
- यदि आपका अपने दोस्तों व परिजनों से बार-बार वाद विवाद हो रहा है और आपके संबंध खराब हो रहे हैं तो यह भी कुंडली में बुध की कमजोर स्थिति का कारण मानी जाती है।
- महिला रिश्तेदारों जैसे मौसी, बहन, बुआ आदि से रिश्ते खराब होने लगे तो यह भी यह खराब बुध की निशानी है।
- पीड़ित बुध के कारण व्यक्ति पर झूठे आरोप लगने लगते हैं और समाज में मान सम्मान को हानि पहुंचती है।
- कुंडली में बुध के नकारात्मक प्रभाव के कारण जातक को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है।
- पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है और व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है।
कुंडली में बुध को मजबूत करने के आसान ज्योतिषीय उपाय
यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होकर अशुभ फल प्रदान कर रहे हों तो आप कुछ उपायों को अपनाकर उस अशुभता को दूर कर सकते हैं।
तुलसी का पौधा लगाएं
यदि आप अपनी कुंडली में बुध ग्रह की शुभता को पाना चाहते हैं तो बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन उसमें पानी डालें और घी का दीपक जलाएं।
यज्ञ व हवन करें
बुध दोष से मुक्ति पाने के लिए घर पर यज्ञ व हवन करवाएं और इसके बाद किसी गरीब ब्राह्मण को हरे रंग की चीजों का दान करें।
हरे रंग के कपड़े पहनें
इसके अलावा, यदि संभव हो तो बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें या हरे रंग का रुमाल अपने पास रखें क्योंकि हरा रंग बुधदेव को अति प्रिय है।
मूंग से बने खाद्य पदार्थ का करें सेवन
कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन मूंग से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करें, जिसमें नमक न हो। आप चाहें तो मूंग का हलवा, मूंग की पंजीरी या मूंग लड्डू आदि का भी सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही, खाने से पहले तीन तुलसी के पत्ते गंगाजल के साथ ग्रहण करना चाहिए, फिर भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से आपको हर प्रकार की बीमारियों से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही, परिवार का माहौल भी खुशनुमा होगा।
ये रत्न करें धारण
जिनका बुध कमजोर है, उनको सोना, पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। ध्यान रखें कि इन्हें धारण करने से किसी ज्योतिषी की राय जरूर ले लेनी चाहिए तभी कोई रत्न धारण करना चाहिए।
इन चीज़ों का करें दान
इसके अलावा, बुधवार दिन गरीब व जरूरतमंदों को नीला कपड़ा, मूंग, कांस्य से बनी वस्तुएं, फल आदि का दान करना चाहिए।
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बुध का धनु राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर अच्छे व बुरे प्रभाव!
मेष राशि
कुंडली में नौवां भाव धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ स्थल और भाग्य का भाव माना गया है। इसके परिणामस्वरूप, मेष राशि.. (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
बुध का धनु राशि में गोचर की अवधि में आपको संचार से जुड़े गैजेट्स में भी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
लग्न भाव के स्वामी सातवें भाव में प्रवेश करेंगे और ऐसे में, यह उन अविवाहित जातकों के लिए कई अवसर लेकर आएंगे जो… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
इस गोचर के दौरान आपको डायबिटीज, लीवर या पाचन आदि से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में बुध का धनु राशि में गोचर आपसे बच्चों की शिक्षा पर या संतान की जरूरतों…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
दसवें भाव का स्वामी आपके चौथे भाव में गोचर करेगा और इसके परिणामस्वरूप…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
वाणी का कारक ग्रह होने के नाते बुध ग्रह का तीसरे भाव में गोचर तुला राशि वालों की वाणी और संचार क्षमता…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों के लिए बुध आपके दूसरे भाव में मौजूद होंगे और यह आपकी संचार क्षमता को प्रभावशाली बनाने का काम करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
सामान्य तौर पर बुध की पहले भाव में स्थिति जातक को अत्यंत बुद्धिमान बनाती है और इन जातकों के जीवन में कई सुनहरे अवसर लेकर आती है…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए बुध महाराज की बारहवें भाव में स्थिति को अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
सामान्यतौर पर ग्यारहवें भाव में बुध की मौजूदगी को पेशेवर और सामाजिक जीवन का दायरा बढ़ाने के लिए…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
बुध का धनु राशि में गोचर के दौरान आप दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित करने और अपनी बातें मनवाने में सक्षम होंगे… (विस्तार से पढ़ें)
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