धनु में बुध की उल्टी चाल इन जातकों को कराएगी अपार धनलाभ, प्रमोशन के भी योग!

एस्ट्रोसेज के अपने इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे बुध के वक्री होने का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या कुछ असर और प्रभाव देखने को मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिसंबर में 13 तारीख को बुद्धि का ग्रह बुध धनु राशि में अपनी उल्टी चाल अर्थात वक्री गति में आ जाने वाला है। ऐसे में स्वाभाविक है कि इसका सभी 12 राशियों के जातकों पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा।

तो चलिए अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं धनु राशि में वक्री बुध का प्रभाव और साथ ही जान लेते हैं इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जाने चाहिए। 

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धनु राशि में बुध वक्री: क्या रहेगा समय?

सबसे पहले बात करें समय की तो बुध का यह हम परिवर्तन 13 दिसंबर को होने वाला है। जब दोपहर 12:01 पर बुध धनु राशि में वक्री हो जाएंगे और इसके बाद धनु राशि में ही यह 28 दिसंबर तक वक्री अवस्था में ही रहने वाले हैं।

ज्योतिष में वक्री का अर्थ 

सबसे पहले बात करें वक्री होने की तो दरअसल वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह सीधी गति की जगह उल्टी चाल चलने लगता है तो इसे वक्री होना कहते हैं। विस्तार से समझाएं तो दरअसल जब कोई ग्रह पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष निकटतम बिंदु तक पहुंच जाता है तब पृथ्वी से देखने पर ऐसा लगता है कि वह उल्टी दिशा में चल रहा हो और इसे ही वक्री होना कहते हैं। हालांकि असलियत इससे काफी अलग होती है क्योंकि कभी भी कोई ग्रह उलटी दिशा में चलता नहीं है। यह केवल प्रतीत होता है। 

हालांकि इसके बावजूद ज्योतिष में ग्रहों की वक्री अवस्था को बेहद ही महत्व पूर्ण माना जाता है। आमतौर पर जब भी लोगों को यह सुनने में आता है कि कोई ग्रह वक्री हो रहा है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन वास्तव में वक्री के दौरान ग्रह शक्तिशाली हो जाते हैं और जन्म कुंडली में दशा के आधार पर व्यक्ति को अच्छे या बुरे परिणाम देते हैं।

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ज्योतिष में बुध ग्रह 

अब बात करें ज्योतिष में बुध ग्रह की तो बुध को एक बेहद ही शुभाशुभ ग्रह माना गया है। अर्थात यह अन्य ग्रहों के संगति के अनुरूप व्यक्ति को फल देता है। अगर यह शुभ ग्रहों के साथ होता है तो व्यक्ति को शुभ फल देता है, क्रूर ग्रहों के साथ होता है तो अशुभ फल भी देता है। 

सभी राशियों में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह के पास होता है। कन्या इसकी उच्च राशि भी मानी जाती है और मीन इसकी नीच राशि मानी गई है। बात करें बुध ग्रह की तो वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि से संबंधित ग्रह माना गया है।

हिंदू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में जब भी यह किसी व्यक्ति की कुंडली में मजबूत अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों की संवाद शैली बेहद ही शानदार होती है। यह बात करने में हाज़िर जवाबी होते हैं, अपनी बातों से लोगों का मन मोह लेते हैं, साथ ही उनके दिमाग पर अपनी गहरी छाप भी छोड़ते हैं। ऐसे व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि के होते हैं, गणित पर उनकी अच्छी पकड़ होती है, आदि। 

वहीं इसके विपरीत अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में होता है तो इससे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति अपने विचार दूसरों के सामने बोलकर व्यक्त नहीं कर पाते हैं जिसके चलते इन्हें जीवन में परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इसके अलावा पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को व्यापार में भी नुकसान होने की आशंका बढ़ने लगती है। ऐसी अवस्था में ज्योतिष की जानकार बुध ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं जिनसे बुध के शुभ फल व्यक्ति को प्राप्त हो सकें। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।

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बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय

  • बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन उपवास करना सबसे ज्यादा फलदायी रहता है। 
  • आप चाहें तो पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं या चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी बुध ग्रह से संबंधित शुभ परिणाम देता है। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले विद्वान ज्योतिषों से परामर्श अवश्य लें। 
  • इसके अलावा आप अपने घर में कार्यालय में या नौकरी करने वाली जगह, व्यवसाय करने वाली जगह पर बुध यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं। 
  • अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हरे रंग को शामिल करें। 
  • कभी भी किन्नरों का अपमान ना करें। 
  • छोटी कन्याओं को हरी चूड़ियां भेंट करें। 
  • अपने जीवन में हर एक महिला का सम्मान करें। इससे बुध ग्रह मजबूत बनता है। 

बुध ग्रह के बारे में अगर आपकी दिलचस्पी बढ़ रही है और अगर आप जानना चाहते हैं कि 2024 में बुध ग्रह कब-कब वक्री होने वाला है तो आप हमारा बुध वक्री 2024 कैलेंडर पढ़ सकते हैं।

धनु राशि में बुध वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके नौवें भाव में होंगे। नौवां भाव …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके आठवें भाव में होंगे। यह भाव …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले (लग्न) और चौथे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके छठे भाव में…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके पांचवें भाव में हो …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और बुध धनु राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होने …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके तीसरे भाव में हो…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके दूसरे भाव…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके पहले यानी लग्न भाव में …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में हो…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में हो रहे हैं। ग्यारहवां भाव…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि वालों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। बुध धनु राशि में वक्री आपके प्रोफेशन और कार्यस्थल के भाव …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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