बुध मेष राशि में होंगे अस्त, इन राशि के जातकों को रहना होगा सतर्क!

ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों का विशेष महत्व है। सभी ग्रह एक निश्चित समय पर अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं और कुछ ग्रह अपनी अवस्था बदलते हैं। यानी कभी वक्री अवस्था में रहते हैं तो कभी अस्त या उदय होते हैं। ज्योतिष में ग्रहों के अस्त और वक्री का विशेष महत्व है। अस्त ग्रह एक ऐसा शब्द है, जो बड़ा महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में ग्रहों के राजकुमार बुध अस्त होने जा रहे हैं। बुध अस्त का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं। लेकिन इससे पहले जानेंगे कि ज्योतिष में अस्त ग्रह का क्या महत्व है।

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ज्योतिष में अस्त ग्रह 

ये तो हम सभी जानते हैं कि ग्रहों के राजा सूर्य है और उनका प्रकाश हर जगह है इसलिए जब भी कोई उनके समक्ष जाता है तो उसका तेज समाप्त होने लगता है। ज्योतिष में भी ग्रहों के राजा सूर्य के निकट जब कोई ग्रह किसी विशेष अंशात्मक दूरी पर आ जाता है तो वह सूर्य ग्रह के प्रभाव से बलहीन हो जाता है और इसी को सूर्य से अस्त होना कहा जाता है। माना जाता है जब ग्रह अस्त होते हैं तो वह शुभ फल नहीं देते हैं। ऐसे ग्रह कुपित ग्रह कहलाते हैं और माना जाता है कि इनकी दशा अंतर्दशा में इनका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। सूर्य के अलावा बाकी सभी ग्रहों के अस्त होने का दोष लगता है। भले ही वह कुंडली में उच्च राशि में हो या स्वराशि में अथवा मूल त्रिकोण राशि में स्थित हो लेकिन यदि वह अस्त ग्रह है तो उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है। वास्तव में ग्रह कुछ विशेष निश्चित अंशों पर सूर्य के निकट होता है तो वह सूर्य के तेज से ढक जाता है और क्षितिज पर भली प्रकार दृष्टिगोचर नहीं होता है। इस कारण से उसके मुख्य प्रभाव में कमी आ जाती है। यही ग्रह का अस्त होना कहलाता है।

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बुध मेष राशि में अस्त: तिथि और समय

बुद्धि, विद्या और शिल्प कौशल का ग्रह बुध 4 अप्रैल 2024 की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर अस्त हो जाएंगे। इस ब्लॉग में हम मेष राशि में बुध अस्त के दौरान प्रत्येक राशि के लिए राशि-वार भविष्यवाणियों और उपायों के बारे में जानेंगे। 

ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

यदि किसी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति मज़बूत होती है तो जातक को जीवन में हर प्रकार की सुख सुविधा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, वह अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त करता है। जातक को उच्च ज्ञान की प्राप्ति होती है और वह अपने ज्ञान को व्यापार के क्षेत्र लगाता हैं। जो जातक गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष, रहस्यवाद आदि से जुड़े हैं, उनके लिए बुध अच्छे परिणाम लेकर आता है। वहीं दूसरी ओर यदि बुध कमज़ोर स्थिति में या अपनी नीच राशि मीन में स्थित हो, तो जातक को व्यापार के क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और वे अधिक लाभ कमाने में असमर्थ हो सकते हैं।

इसके विपरीत, अगर बुध महाराज अशुभ ग्रहों जैसे राहु, केतु या मंगल आदि के साथ युति बनाते हैं तो जातकों को अपने जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। वहीं अगर मंगल ग्रह के साथ बुध युति करते हैं, तब जातकों में बुद्धि की कमी देखने को मिलती है। साथ ही, यह स्वभाव से आवेगी और आक्रामक हो सकते हैं। इसी प्रकार, जब बुध पापी ग्रह राहु या केतु के साथ युति करते हैं, तो ऐसे में, जातकों को स्वास्थ्य समस्याओं जैसे नींद न आना, त्वचा और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या आदि परेशान कर सकती हैं। हालांकि बुध अब अस्त अवस्था में रहेंगे और वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का अस्त होना मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

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मेष राशि में बुध अस्त: प्रभाव

मेष राशि के जातकों के लिए, बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध मेष राशि में अस्त हो रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप आप अपने भविष्य और अपने जीवन के विकास को लेकर चिंतित हो सकते हैं। इस दौरान आपको आर्थिक जीवन कई प्रकार की समस्याओं से रूबरू होना पड़ेगा। रिश्तों की बात करें तो आपको अपने बड़े भाई-बहनों से कुछ समस्या हो सकती है। साथ ही, आपके अंदर टैलेंट की कमी हो सकती है। इस वजह से कार्यक्षेत्र में भी वरिष्ठों से विवाद होने की आशंका है। संभावना है कि आपको इस दौरान अपने जीवन में भाग्य की कमी महसूस हो जिसके चलते आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों में कुछ कमियां आ सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। यदि आप अपने वेतन वृद्धि या पदोन्नति, जैसे दीर्घकालिक लाभों की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो उसके लिए आपको इंतज़ार करना होगा।

करियर के मोर्चे पर, इस अवधि आपको अपने काम पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि आशंका है कि आप जो भी काम कर रहे हैं उसमें गलतियां हो। संभावना है कि आपको कुछ समय के लिए लाभ मिले, लेकिन ऐसे लाभ आपको अच्छी संतुष्टि प्रदान न करें। इस अवधि में यदि आप नौकरी बदलने का विचार बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस योजना को आप आगे के लिए टाल दें। स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको गर्दन, कंधों आदि में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आप पाचन संबंधी समस्याओं से भी ग्रस्ति हो सकते हैं। 

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बुध ग्रह के कमज़ोर होने के संकेत

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध अशांत हैं तो जातक को वाणी से संबंधित कई समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है, जिसके चलते उसे कार्यक्षेत्र और समाज में भी अपमानित होना पड़ सकता है। 
  • कमज़ोर बुध के चलते जातक का मन पूजा-पाठ में नहीं लगता है।
  • बुध की अशुभ स्थिति के चलते जातक को बोलने में दिक्कत आ सकती है। वह अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने में असमर्थ होता है।
  • जातक त्वचा, पाचन आदि से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहता है।
  • कमज़ोर बुध के कारण जातक को आर्थिक जीवन में भी कई समस्याओं से गुज़रा पड़ सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति को व्यापार में भी हानि होने की संभावना होती है।

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बुध के शुभ संकेत

  • कुंडली में बुध ग्रह मजबूत हो तो जातक की वाणी में मधुरता आती है। साथ ही, जातक का सेंस ऑफ ह्यूमर अच्छा होता है। 
  • मजबूत बुध के प्रभाव से व्यक्ति व्यापार के क्षेत्र में खूब धन कमाता है और उसका आर्थिक जीवन मजबूत होता है।
  • इसके अलावा, शेयर मार्केट व सट्टे बाजार से भी व्यक्ति को लाभ होता है।
  • ये जातक अपनी तर्क क्षमता का प्रयोग कर जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की प्राप्त करते हैं।
  • ऐसी स्थिति में आपके भीतर ज्ञान की वृद्धि होगी और आप तेजी से चीज़ों को समझने में सक्षम होंगे।

बुध मजबूत करने के ज्योतिष उपाय

  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए मां दुर्गा, भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा आराधना करें। इसके अलावा इस वैदिक मंत्र का भी जाप करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः या बुं बुधाय नमः
  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। यदि संभव न हो तो हरे रंग का रुमाल भी अपने साथ रख सकते हैं।
  • बुध ग्रह की शांति के लिए बुधवार का व्रत ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार से शुरू करना चाहिए और 21 या 45 बुधवार तक व्रत करना चाहिए।
  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए व्रत करने के साथ-साथ जातक को हरा वस्त्र, मूंगा, कांस्य, घृत, पुष्प, कपूर, मिस्री, हाथी दांत, सुवर्ण, पन्ना, दक्षिणा आदि का दान करना चाहिए।

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बुध मेष राशि में वक्री: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

इस दौरान आपके अंदर प्रतिभा की कमी देखने को मिल सकती है और संभव है कि इस वजह से आप असंतुष्ट महसूस करें क्योंकि(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

निजी जीवन और लोगों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने में समस्या हो सकती है। जहां तक वित्त का सवाल है, आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि

आपको अपने सुख-सुविधाओं में कमी महसूस हो सकती है और इसके कारण, आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है(विस्तार से पढ़ें) 

कर्क राशि

आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और आपके प्रयासों पर पानी फिर सकता है, इसके चलते हो सकता है कि(विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

अपने रिश्तों में कुछ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। इसके अलावा, संभावना है कि आपको भाग्य का साथ न मिले। (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

आपको सुख-सुविधाओं की कमी और परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपने(विस्तार से पढ़ें) 

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तुला राशि

आपको भौतिक सुख-सुविधाएं मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। सातवें भाव में बुध के अस्त होने से आपके घर का माहौल खराब हो सकता है(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि

आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और आप लाभ कमाने में सक्षम होंगे। बुध अस्त के दौरान आप आरामदायक स्थिति में होंगे और आपके जीवन में खुशियां बनी रहेगी(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि

आपको इस अवधि अपने दोस्तों व सहयोगियों से सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है। यह अवधि आपके करियर(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

इसके परिणामस्वरूप, आपको अपने प्रयासों में अधिक बाधा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको अधिक प्रयास (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी और साथ ही, आपकी हर इच्छाओं की पूर्ति होगी। इस दौरान आपको कई अच्छे और शानदार अवसर प्राप्त होंगे(विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

आप अपने रिश्ते में उच्च मूल्य बनाए रखने में सक्षम होंगे और रिश्ते के प्रति जागरूक रहेंगे। इस दौरान आप अपने(विस्तार से पढ़ें)  

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