बुध वृषभ राशि में अस्त (19 जून, 2023): जानें सभी बारह राशियों पर इसका प्रभाव और उपाय!

वैदिक ज्योतिष में तर्क, बुद्धि, ज्ञान और व्यापार आदि का कारक माने जाने वाले बुध ग्रह को बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस ग्रह से जुड़े सभी परिवर्तन और बदलाव भी उतने ही महत्वपूर्ण होंगे। बुध ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है। बुध जब भी कोई परिवर्तन करता है, फिर वो चाहे नक्षत्र परिवर्तन हो या राशि परिवर्तन, उदय हो या अस्त हो, वक्री गति में चल रहा हो या मार्गी चाल हो इसका सभी जनमानस पर असर अवश्य पड़ता है। 

Varta Astrologers

आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम बात करेंगे 19 जून को होने वाले बुध वृषभ राशि में अस्त के बारे में। साथ ही जानेंगे बुध अस्त का अर्थ, महत्व, राशि अनुसार प्रभाव, और उपाय की भी जानकारी। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

बुध अस्त कब? 

सबसे पहले बात करें समय की तो बुध ग्रह वृषभ राशि में 19 जून 2023 को 7 बजकर 16 मिनट पर अस्त होने जा रहे हैं। 

बुध अस्त- अर्थ और महत्व 

बुध वृषभ राशि के जातकों के लिए उनके तीसरे और छठे भाव पर शासन करता है और अब यह आपके पहले भाव में अस्त होने जा रहा है। जिसके सामान्य रूप से अगर हम परिणाम की बात करें तो इससे स्वास्थ्य समस्या होने की आशंका है, तरक्की में रुकावटें आने के भी संकेत मिल रहे हैं, साथ ही आर्थिक जीवन में भी कुछ उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

यहाँ यह भी जानना जरूरी है कि बुध अस्त होकर किस राशि को कैसे प्रभावित करेगा यह बात कुंडली में बुध की स्थिति पर निर्भर करती है। ऐसे में आपकी कुंडली में बुध किस स्थिति में कहां विराजमान हैं यह जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से अभी परामर्श करें। 

बुध अस्त कब होते हैं? सूर्य से 13 अंश या इससे अधिक नजदीक आने पर बुध ग्रह अस्त हो जाते हैं। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब भी बुध अस्त होता है तो इससे व्यक्ति के विश्वास में कमी देखने को मिलती है, शरीर में दर्द, चर्म रोग, गले आदि के रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा जब बुध अस्त होता है तब युवाओं का दिमाग थोड़ा भ्रमित हो सकता है, उनका किसी काम में मन नहीं लगता और मन भटकता रहता है। 

ऐसे में अस्त बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है। क्या कुछ हैं वह उपाय आइए आगे जान लेते हैं। 

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

बुध अस्त के प्रकोप से बचाएंगे ये ज्योतिषी उपाय 

  • बुध अस्त के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए बुधवार के दिन पूजा कराने से विशेष लाभ मिलता है। 
  • इसके अलावा अस्त बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह दी जाती है। 
  • आप बुध गायत्री मंत्र ‘ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नो सौम्य प्रचोदयात्’ या बुध बीज मंत्र का जाप करें।  
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। 
  • बुधवार के दिन हरे या लाल रंग के वस्त्र धारण करें और इस दिन बिना नमक वाली मूंग दाल का सेवन करें। 
  • इसके अलावा आप चाहें तो पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं। हालांकि कभी भी कोई रत्न बिना ज्योतिषीय परामर्श के धारण ना करें ऐसी सलाह हम आपको देते हैं। 

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि बुध वृषभ राशि में अस्त होकर सभी 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेंगे। 

बुध वृषभ राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। बुध की शुभ स्थिति से व्यक्ति समझदार होता है, आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है, ज्ञानी होता है और चतुर होता है। जब कोई भी ग्रह अस्त होता है तो उसके शुभ प्रभावों में कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में यहाँ यह जानना दिलचस्प होगा कि बुध अस्त होकर सभी राशियों को कैसे प्रभावित करेंगे और साथ ही जानते हैं राशि अनुसार उपाय आदि की भी जानकारी।

मेष राशि 

आपकी कुंडली के तीसरे और छठे भाव पर बुध का शासन है और अब यह दूसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त हो रहे हैं और यह आपके लिए…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

आपकी कुंडली के दूसरे और पांचवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह पहले भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त हो रहे हैं और इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

बुध आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर शासन करते हैं और अब यह बारहवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त होने से आपको…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

आपकी कुंडली के तीसरे और बारहवें भाव पर बुध का शासन है और अब यह ग्यारहवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त हो रहे हैं और आपकी कुंडली…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के दसवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त की अवधि सिंह राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों की कुंडली में बुध पहले और दसवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह नौवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त की अवधि कन्या राशि के जातकों के लिए…(विस्तार से पढ़ें)

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आठवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। इस अवधि में आपको…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त की अवधि में आपके…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह छठे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आपके करियर के बारे में बात करें तो, यह अवधि…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह पांचवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। करियर के लिहाज़ से देखें तो ,बुध…(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह चौथे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध वृषभ राशि में अस्त हो रहे हैं और यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब यह तीसरे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। करियर के लिहाज़ से, बुध…(विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.