बुध का वृश्चिक राशि में गोचर (21 नवंबर 2021): आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा यह गोचर?

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक तठस्थ ग्रह माना जाता है। अर्थात यह एक ऐसा ग्रह है जो कुंडली में जिस ग्रह के साथ मौजूद होता है उसी के अनुरूप व्यक्ति को अच्छे या बुरे परिणाम देने के लिए जाना जाता है। बुध ग्रह व्यक्ति में वाणी, बुद्धि, लेखन, व्यापार, और संचार के साथ-साथ उनके बोलने की क्षमता को नियंत्रित करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को राजकुमार ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह प्रतिकूल स्थिति में होते हैं ऐसे लोग स्वभाव में शर्मीले होते हैं और उन्हें अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

कुंडली में बुध की प्रतिकूल स्थिति व्यक्ति के काम को भी प्रभावित करती है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों का उनके भाषण पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। हालांकि बुध को एक शुभ ग्रह भी माना जाता है यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ मौजूद होता है तो इससे व्यक्ति को शुभ और अनुकूल परिणाम भी प्राप्त होते हैं।

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सभी 12 राशियों में मिथुन और कन्या राशि का शासन बुध ग्रह को प्राप्त है। बुध ग्रह जहां कन्या राशि में उच्च का होता है वहीं मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। बुध के साथ अनुकूल तरह से काम करने वाले नक्षत्रों की बात करें तो इसमें अश्लेषा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, जेष्ठा नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, और श्रवण नक्षत्र आते हैं। इन नक्षत्रों के संबंध में बुध के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं लेकिन, वहीं जब आद्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, और मघा नक्षत्र की बात करें तो इनके साथ प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होते हैं।

गोचर की बात करें तो बुध ग्रह एक राशि में तकरीबन 25 दिनों की अवधि के लिए रहता है और उसके बाद राशि परिवर्तन अर्थात गोचर कर जाता है।

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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर (21 नवंबर 2021)

बुध 21 नवंबर 2021 को सुबह 4:37 बजे से 10 दिसंबर 2021 को सुबह 5:53 बजे वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।

बुध का यह राशि परिवर्तन सभी बारह राशियों को अवश्य ही प्रभावित करेगा। ऐसे में आइये आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि सभी बारह राशियों पर इसका क्या कुछ शुभ-अशुभ परिणाम देखने को मिलेगा।

बुध गोचरफल 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके आठवें भाव में गोचर कर रहा है, जो अनुसंधान, परिवर्तन और अनिश्चितता का प्रतिनिधित्व करता है और तीसरे और छठे घर पर शासन करता है। इस गोचर के दौरान….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृष राशि के जातकों के लिए बुध आपके विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। यह गोचर ….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए बुध पहले और चौथे भाव का स्वामी है और छठे भाव में गोचर कर रहा है जो रोगों, शत्रुओं, बाधाओं और रुकावट का प्रतिनिधित्व करता है। इस गोचर के दौरान….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है, जो संतान, विचार, बुद्धि, प्रेम और रोमांस के पंचम भाव में गोचर कर रहा है। कर्क राशि के….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और एकादश भाव का स्वामी है, जो चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है, यह माता, भूमि, विलासिता और आराम का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का गोचर….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दशम भाव का स्वामी है, जो भाई-बहनों, साहस और यात्राओं के तीसरे भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान ….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि के लिए बुध नवम भाव का स्वामी है और द्वादश भाव संचित धन, बचत, परिवार और वाणी के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। तुला राशि ….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक चंद्र राशि के लिए बुध अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है और इस जल राशि के जातक के व्यक्तित्व और स्वयं के प्रथम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

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धनु राशि 

धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और व्यय और विदेशी लाभ के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। इस दौरान….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर चंद्र राशि के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है, जो एकादश भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के लिए बुध पंचम भाव और अष्टम भाव का स्वामी है और करियर, पेशे, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में गोचर कर रहा है। बुध इस….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम का स्वामी है और भाग्य, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिकता के नवम भाव में गोचर कर रहा है। धर्म के घर में यह गोचर आपकी….(गोचरफल विस्तार से पढ़ें)

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