बृहस्पति का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में अगर बृहस्पति कमजोर या फिर पीड़ित है तो उसे जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बृहस्पति के कमजोर अवस्था में होने पर व्यक्ति की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है। कमजोर बृहस्पति के कारण व्यक्ति के प्रबंधन की ताकत भी कमजोर हो जाती है, जीवन में बुरे और गलत लोगों की संगति मिलती है। अच्छा गुरु नहीं मिलता है।
इसके अलावा बृहस्पति का कमजोर होना संतान सुख में भी बाधा डालता है, यदि स्त्रियों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर अवस्था में है, तो उनके विवाह में भी अड़चन आती है।स्वास्थ्य के लिहाज से भी बृहस्पति का कमजोर होना विशेष प्रभाव डालता है।लेकिन अगर बृहस्पति मजबूत स्थिति में है तो रंक को भी राजा बना देता है। सभी नौ ग्रहों में बृहस्पति को गुरु का दर्जा प्राप्त है। बृहस्पति धनु और मीन राशि का स्वामी है, और कर्क बृहस्पति की सबसे प्रिय राशि में से एक है। बृहस्पति ग्रह के बारे में कहा गया है कि यदि यह ग्रह कुंडली में अच्छे स्थान पर है, तो व्यक्ति को राजयोग दिलाता है, लेकिन अगर बृहस्पति कमजोर अवस्था में है तो यह व्यक्ति को अनेक तरह के अशुभ परिणाम भी देता है। इसलिए आपकी कुंडली में बृहस्पति का मजबूत होना बेहद जरूरी है।
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बृहस्पति के शुभ लक्षण क्या है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान पर है, तो वह व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। संसार में उसका मान सम्मान बढ़ता है। व्यक्ति पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रहती है, और उसके सभी काम आराम से पूरे हो जाते हैं। ऐसे लोग आमतौर पर कानून, धर्म और बैंक से जुड़े हुए काम में माहिर होते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार अगर कुंडली में बृहस्पति केंद्र में है, तो जीवन में आने वाली सभी समस्याएं खुद ब खुद खत्म हो जाती है|
बृहस्पति के अशुभ लक्षण
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, तो व्यक्ति के संस्कारों में कमी आ जाती है। उसे अच्छे गुरु की प्राप्ति नहीं होती, बड़ों का सहयोग नहीं मिलता है। साथ ही विद्या और धन से जुड़ी हुई बाधाएं उसके जीवन में उत्पन्न हो जाती है। व्यक्ति को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां भी परेशान करती है, पाचन तंत्र कमजोर होने के साथ-साथ अनेकों गंभीर बीमारियां शरीर में जन्म लेती है। संतान सुख प्राप्त नहीं होता है। अविवाहित स्त्रियों की शादी में भी अड़चन आती है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार अगर कुंडली में बृहस्पति मजबूत अवस्था में ना हो तो जीवन में हर तरह की परेशानियों का मुंह देखना पड़ता है।
बृहस्पति मजबूत करने के महाउपाय
सभी नौ ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।बृहस्पति को नौ ग्रह में गुरू और मंत्री का दर्जा प्राप्त है।और इसका आपकी कुंडली में मजबूत होना बेहद जरूरी है।वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत बनाने के कुछ नियम व उपाय बताए गए हैं।
- बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए रोजाना प्रातः काल उठकर स्नान करें, साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें, और जल में हल्दी मिलाकर सूर्य को अर्पित करें।
- शिव जी की उपासना करें। संभव हो तो महीने में एक बार भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें।
- बरगद के पेड़ में रोजाना जल अर्पित करें।
- बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें, और हर बृहस्पतिवार के दिन किसी धार्मिक स्थान के दर्शन करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में विराजमान रहेगा ।
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