Bhai Dooj Special: भाई दूज पर बन रहा है शुभ योग-जानें इस दिन का महत्व और मुहूर्त

दिवाली के पांच दिवसीय इस पर्व में पांचवें और आखिरी दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। बहुत सी जगहों पर इसे यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं। इस वर्ष भाई दूज का त्योहार 6 नवंबर शनिवार के दिन मनाया जा रहा है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं, उन्हें अपने हाथों का बना खाना खिलाती हैं, और उनके मंगलकारी जीवन और लंबी उम्र की कामना करती हैं।

यम द्वितीया या भाई दूज के पर्व के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर उनसे मिलने गए थे और इसी दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को तिलक करके अपने हाथों से बना भोजन कराया था। आगे बढ़ते हैं और इस विशेष आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं इस वर्ष किस शुभ मुहूर्त में आप भाई दूज का तिलक कर सकते हैं, भाई दूज की सही विधि क्या है? इस दिन से जुड़ी मान्यता क्या है? और इस दिन का महत्व क्या होता है। 

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भाई दूज 2021 शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2021 Shubh Muhurat)

6 नवंबर, 2021 (शनिवार)

भाई दूज तिलक का समय :13:10:12 से 15:21:29 तक

अवधि :2 घंटे 11 मिनट

अधिक जानकारी: ऊपर दिया गया मुहूर्त दिल्ली के लिए मान्य है। अपने शहर के अनुसार भाई दूज के दिन तिलक करने का सही मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।

भाई दूज पर विशेष ज्योतिषीय योग-संयोग!

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। भाई दूज के दिन शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी बेहद महत्व बताया गया है।

शोभन योग का महत्व: ज्योतिष के अनुसार शोभन योग को एक बेहद ही शुभ योग माना गया है। इस योग में शुभ कार्य और यात्रा करना उत्तम फलदाई रहता है। माना जाता है कि शोभन योग में यदि यात्रा की जाए तो ऐसी यात्राएं मंगलमय और व्यक्ति के लिए सुखद साबित होती हैं। इसके अलावा इस योग में की गई यात्रा के दौरान व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी और दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।

इस वर्ष भाई दूज पर एक विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन शनिवार का दिन है और रात्रि तक अनुराधा नक्षत्र उपस्थित रहेगा। शनिवार का दिन शनिदेव का दिन माना जाता है और अनुराधा नक्षत्र के स्वामी भी शनि देव ही हैं तथा यमुना और यमराज दोनों ही शनिदेव के भाई और बहन भी है। यदि किसी की कुंडली में शनि देव अशुभ स्थिति में विराजमान हैं अथवा किसी की साढ़ेसाती या ढैया या कंटक शनि का प्रभाव चल रहा है अथवा शनि की महादशा का प्रभाव है तो इस भैया दूज पर शनि से संबंधित उपाय करके आपको उन समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। 

इस दिन चंद्रमा अपनी नीच राशि वृश्चिक में केतु के साथ विराजमान होकर चंद्र ग्रहण योग बना रहे हैं इसलिए इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करना कुंडली में चंद्रमा की अशुभता  को दूर करने और चंद्रमा से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उत्तम संयोग कहा जा सकता है। 

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भाई दूज की सही पूजन विधि

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री: पूजा की थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी, पान, बताशे, आटे का दीपक, देसी घी, नारियल

  • भाई दूज के दिन सबसे पहले भाई का तिलक करने के लिए एक थाली तैयार कर लें। 
  • इस थाली में रोली, अक्षत, नारियल का गोला, और मिठाई रखें। 
  • इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। 
  • इसके बाद घर के उत्तर पूर्वी दिशा में चौक बनाए और फिर लकड़ी के एक साफ़ पटरे पर अपने भाई को बिठाकर उनका तिलक करें और फिर उन्हें फूल, पान, सुपारी देकर उनकी आरती उतारें और फिर उन्हें मिठाई खिलाएं।
  • इसके अलावा इस दिन बहनें अपने हाथों से बना भोजन अपने भाई को करवाती हैं जिसे बेहद ही शुभ माना जाता है।

राशि अनुसार भाई दूज पर अपनी बहनों को दें ये उपहार 

अक्सर हम यह सोचते हैं कि भाई दूज पर अपनी बहन को क्या उपहार दिया जाए जिससे हमारी बहन को खुशी हो और हम उनसे अपना प्यार भी प्रदर्शित कर सकें।  वैसे तो अपनी बहन को प्रेम पूर्वक कुछ भी दिया जा सकता है लेकिन यदि कुछ विशेष राशि के अनुसार दिया जाए तो उसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है और इससे भाई बहन के रिश्ते में और भी ज्यादा मजबूती आती है। तो आइए अब हम आपको बताते हैं कि आप अपनी राशि के अनुसार अपनी बहन को क्या उपहार दे सकते हैं। 

  • मेष राशि के भाई बहन आज के दिन हनुमान जी की उपासना जरूर करें और आप लाल रंग के वस्त्र या फिर घड़ी गिफ्ट  कर सकते हैं। 
  • वृषभ राशि के भाई-बहन आज के दिन शिवजी की पूजा अवश्य करें और चमचमाते हुए सफेद रंग के वस्त्र या फिर चांदी से बनी कोई वस्तु भेंट कर सकते हैं। आप चाहें तो डायमंड भी गिफ्ट कर सकते हैं। 
  • मिथुन राशि के भाई-बहन आज के दिन सरस्वती माता की पूजा करें और हरे या फिर आसमानी रंग के वस्त्र या फिर हरियाली की पेंटिंग गिफ्ट कर सकते हैं। 
  • कर्क राशि के भाई-बहन आज के दिन शिवजी के मंदिर अवश्य जाएं और वहां पर शंकर भगवान जी, पार्वती माता जी और श्री गणेश जी की पूजा करें तथा उनकी मनपसंद का कोई गिफ्ट दे सकते हैं। 
  • सिंह राशि के भाई बहनों को आज के दिन माता महालक्ष्मी जी की उपासना करनी चाहिए और आप नारंगी रंग के वस्त्र अथवा कोई  ज्वेलरी गिफ्ट कर सकते हैं। 
  • कन्या राशि के भाई बहनों को आज गौ माता की पूजा और सेवा करनी चाहिए तथा हरे रंग के पौधे गिफ्ट करने चाहिए। 
  • तुला राशि के भाई बहनों को आज विष्णु भगवान की उपासना करनी चाहिए और  मोबाइल, गैजेट या चमकदार वस्त्र भेंट किए जा सकते हैं।
  • वृश्चिक राशि के भाई बहनों को आज किसी गरीब व्यक्ति को कुछ भोजन या दान देना चाहिए  तथा मेहरून या पीले रंग के वस्त्र भेंट कर सकते हैं। 
  • धनु राशि के भाई बहनों को आज मिलकर शनि देव की पूजा करनी चाहिए या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और स्वर्ण से बनी कोई चीज गिफ्ट करनी चाहिए। 
  • मकर राशि के भाई बहनों को आज के दिन शिव जी की पूजा करनी चाहिए और गरम या ऊनी वस्त्र भेंट करना शुभ रहेगा। 
  • कुंभ राशि के भाई बहनों को आज महालक्ष्मी माता जी की भगवान विष्णु के साथ पूजा करनी चाहिए और सफेद स्वर्ण के आभूषण भेंट किए जा सकते हैं। 
  • मीन राशि के भाई बहनों को आज भगवान सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए, पीले रंग की मिठाई खिलानी चाहिए और धातु से बनी कोई भी वस्तु भेंट की जा सकती है। 

भाई दूज का महत्व

भाई दूज का पर्व भी रक्षाबंधन के त्यौहार की ही तरह भाई बहनों के बीच के अमर प्रेम को बढ़ाने वाला त्योहार है।  यह एक दूसरे के प्रति समर्पण की भावना और सुखमय जीवन के लिए किया जाता है। यह खूबसूरत त्यौहार भी भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और स्नेह का प्रतीक माना गया है। कहते हैं कि इस दिन जो कोई भी बहन विधि पूर्वक और शुभ मुहूर्त में अपने भाई का तिलक करती है और फिर पूजा आदि करती है उसके भाई के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और उनकी उम्र लंबी होती है।

भाई दूज पर इन नियमों का करें पालन 

  • भाई दूज के त्यौहार पर भाई बहनों के घर आते हैं। मुख्य तौर पर यह रिवाज उन भाई बहनों के लिए होता है जिन बहनों की शादी हो चुकी होती है। जिनकी शादी नहीं हुई होती हो वो अपने भाइयों का तिलक अपने घर पर ही कर सकती हैं। इससे जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन यम देवता अपनी बहन यमुना के घर गए थे और तभी से इस नियम का पालन किया जाता है। 
  • इस दिन बहनें अपने भाई को अपने घर पर आमंत्रित करती हैं, उनका मनपसंद खाना तैयार करती हैं, और फिर उनका तिलक करके उन्हें भोजन और पान खिलाती हैं और तोहफा देती हैं।
  • तिलक के बाद भाइयों को बहनों का पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए और उन्हें उपहार देना चाहिए। 
  • इसके अलावा भाई दूज के दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में यदि आपके लिए मुमकिन हो तो इसे दिन यमुना स्नान अवश्य करें। कहा जाता है इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। 
  • इसके अलावा क्योंकि यह त्यौहार भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाता है इसलिए इस दिन बहनें अपने भाई से झगड़ा न करें, ना ही उन पर क्रोध करें, और ना ही उनसे कोई भी अपशब्द कहें। 
  • भाई दूज के दिन दोपहर के बाद ही भाई को तिलक करें और उसके बाद उन्हें भोजन करवाएं।

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भाई दूध से संबंधित पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में जितने भी व्रत और त्योहार किए जाते हैं उनसे संबंधित कोई ना कोई पौराणिक कथा अवश्य होती है। ऐसे में भाई दूज से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि इसी दिन यमराज अपनी विवाहित बहन यमुना से मिलने उनके घर गए थे। यमुना और यम भाई बहन हुआ करते थे। यमुना बार-बार यमराज को अपने घर बुलाती थी। ऐसे में 1 दिन यमराज यमुना के घर पहुंच गए। 

इस दिन यमुना ने अपने भाई को उनका मनपसंद भोजन कराया, उनका तिलक किया और उनके खुशहाल जीवन के लिए कामना मांगी। इसके बाद जब यमराज वापस अपने घर को लौटने लगे तो उन्होंने अपनी बहन से कहा कि, “मैं तुम्हारे आदर सत्कार से बेहद प्रसन्न हूं। बहन मांगों तुम क्या वरदान मांगती हो? तब यमुना ने अपने भाई यमराज से कहा कि, भाई अगर आप सच में मुझे कुछ देना चाहते हैं तो आप हर वर्ष इसी दिन मेरे घर आया कीजिए और साथ ही इस दिन जो कोई भी बहन अपने भाई का तिलक करें और इस दिन का विधि पूर्वक पालन करें उसे कभी भी आप का भय न हो। 

अपनी बहन यमुना की यह बात सुनकर यमराज प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद देकर चले गए। कहा जाता है इसे दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई और इसी वजह से इस दिन यमुना स्नान का भी महत्व बताया जाता है। इस दिन जो कोई भी भाई या बहन यमुना स्नान करते हैं उन्हें अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिलता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

भाई दूज से जुड़ी श्री कृष्ण और सुभद्रा की अनोखी कहानी

भाई दूज के इस त्यौहार से संबंधित एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान श्री कृष्ण नरकासुर का वध करके भाई दूज के दिन ही वापस द्वारका लौटे थे। ऐसे में उनकी बहन सुभद्रा ने अपने भाई का स्वागत फल, फूल, मिठाई, और दीयों को जलाकर किया था। उसके अलावा सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण का तिलक करके उनके दीर्घायु की कामना भी की थी।

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विभिन्न क्षेत्रों में भाई दूज का पर्व

भाई दूज का या शुभ और पावन पर्व देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि पश्चिम बंगाल में इस पर्व को भाई फोटा के नाम से जानते हैं। महाराष्ट्र में इसे भाऊ बीज कहते हैं। उत्तर प्रदेश में इसे भाई दूज कहते हैं। बिहार में भी इसे भाई दूज कहते हैं। इस दिन बिहार में बहनें अपने भाइयों को डांटती भी हैं, उन्हें भला बुरा कहती हैं और फिर उनसे माफी माँगती हैं। नेपाल में यह त्यौहार भाई तिहार के नाम से बनाया जाता है। 

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