भाद्रपद माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, जानें इस महीने किस राशि को मिलेगा भाग्य का साथ!

सनातन धर्म में हर महीने का अपना विशेष महत्व होता है। इसी क्रम में हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के बाद भाद्रपद यानी भादो का महीना शुरू होती है। यह महीना हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना होता है। वहीं चातुर्मास का दूसरा माह। सावन समाप्त होते ही यह महीना प्रारंभ होता है। झारखंड और बिहार में इस महीने को कई नामों से लोग पुकारते हैं। जैसे- भाद्रपद, भादवा, भाद्र और भादो। धार्मिक नजरिए से यह महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी महीने लोग गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाते हैं। वहीं, इस ख़ास माह में स्त्रियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण त्योहार व तीज पड़ता है।

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सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह महीना बहुत पवित्र होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने कई व्रत और त्योहार मनाया जाते हैं, जो अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस माह देवी-देवताओं की उपासना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति भी मिलती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। इतना ही नहीं इस माह भगवान विष्णु की भी विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

आज इस ब्लॉग में हम भाद्रपद मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्यौहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

भाद्रपद मास 2024: तिथि

साल 2024 में भाद्रपद का महीना अगस्त 20 को शुरू होगा और सितम्बर 18, 2024 को समाप्त हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन ही नहीं भादो का महीना भी शिवजी को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। यह माह भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश की उपासना के लिए भी समर्पित है। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ता है।

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भाद्रपद मास का महत्व

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि भाद्रपद मास को भादो मास के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस मास में भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भादो मास में देवी-देवताओं की उपासना करने से साधक को सभी कष्ट और दुखों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही, जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके साथ ही भाद्रपद मास में भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति करने का बहुत अधिक महत्व दिया गया है।

भाद्रपद माह को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास माना जाता है इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा, व्रत और उपाय के लिए इस महीने का खास महत्व होता है। इस महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिसे जन्माष्टमी के रूप में हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के साथ ही राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, भगवान गणेश महोत्सव, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा जयंती आदि जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी पड़ते हैं। शास्त्रों में भाद्रपद माह में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करना, शंख की स्थापना करना और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही, संतान प्राप्ति की कामना के लिए भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान को दुखों से छुटकारा मिलता है। 

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भाद्रपद मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

भाद्रपद मास यानी कि 20 अगस्त 2024 से 18 सितंबर 2024 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

तिथिवारत्योहार
22 अगस्त, 2024गुरुवारसंकष्टी चतुर्थी कजरी तीज
26 अगस्त, 2024सोमवारजन्माष्टमी
29 अगस्त, 2024गुरुवारअजा एकादशी
31 अगस्त, 2024शनिवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
01 सितंबर, 2024रविवारमासिक शिवरात्रि
02 सितंबर, 2024सोमवारभाद्रपद अमावस्या
06 सितंबर, 2024शुक्रवारहरतालिका तीज
07 सितंबर, 2024शनिवारगणेश चतुर्थी 
14 सितंबर, 2024शनिवारपरिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर, 2024रविवारप्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम
16 सितंबर, 2024सोमवारकन्या संक्रांति
17 सितंबर, 2024मंगलवारअनंत चतुर्दशी
18 सितंबर, 2024बुधवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत

भाद्रपद माह के 5 नियम

  • भाद्रपद माह में सेहत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए गुड़ और दही या इससे जुड़ी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इनको खाने से पेट से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसके अलावा दही-चावल, मूली, बैगन, शहद, तामसिक वस्तुओं जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज, शराब आदि से भी परहेज करना चाहिए।
  • माना जाता है कि भाद्रपद महीने में नारियल के तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से संतान सुख में कमी हो सकती है। संतानहीन व नवविवाहितों ये काम करने से बचना चाहिए।
  • भाद्रपद महीने में शादीशुदा लोगों को आपस में संबंध नहीं बनाना चाहिए। इन दौरान काम-वासना से दूर रहना चाहिए।
  • भाद्रपद माह में विशेषकर रविवार के दिन नाखून, दाढ़ी-बाल नहीं काटने चाहिए और महिलाओं को इस दिन बाल नहीं धोना चाहिए।
  • भाद्रपद महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें भोग में तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करना चाहिए। इस दिन नियमित रूप से स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल भी देना चाहिए। साथ ही, अपनी क्षमता अनुसार, दान करना चाहिए।
  • भाद्रपद माह में यदि आपको कोई चावल या नारियल का तेल दान में देता है तो उसका इस्तेमाल गलती से भी न करें। उसे पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं। अन्यथा आप आर्थिक संकट में फंस सकते हैं।

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भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण

ज्योतिष शास्त्र में हर माह का अपना ख़ास और विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म का महीना, तारीख और राशियों से किसी के स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ऐसे में, आइए जानते हैं भाद्रपद के महीने में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।

ज्योतिष के अनुसार, भाद्रपद के महीने में जन्म लेने वाले जातकों की लीडरशिप क्वालिटी अच्छी होती है। ये लोग प्रशासनिक नौकरी में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। किसी भी बात को घूमा फिरा कर कहना इनकी सबसे बड़ी खूबी होती है इसलिए इन लोगों को काफी चतुर माना जाता है। इनकी चतुराई इनकी वाणी से साफ देखने को मिलती है। कहा जाता है कि भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले जातक स्वभाव से कंजूस होते हैं और जल्द ही खर्च करने से बचते हैं। हालांकि इसी वजह से इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और इनके पास धन की कभी कमी नहीं होती है। अगस्त महीने में जन्म लेने जातक बहुत अधिक बुद्धिमान होते हैं। ये समाज की भलाई के लिए काम तो करते हैं, लेकिन भलाई के कामों में भी इनका स्वार्थ छिपा होता है।

इस माह में जन्मे लोग हर किसी के सामने अपनी बात बेबाक तरीके से रखते हैं। कई बार स्पष्ट बोलने की आदत इन्हें मुसीबत में भी डाल देती है। साथ ही, इसी वजह से इनके दोस्त और रिश्तेदारों से इनकी बनती नहीं हैं। ये लोग बहुत अधिक प्रतिभा के धनी होते हैं और कला, साहित्य और रचनात्मक विधाओं में ये अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। कई बार इन्हें चीज़ें आसानी से प्राप्त नहीं होती है और इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। 

हालांकि ये व्यक्ति मेहनती होने के साथ-साथ अपना पूरा काम करके ही चैन की सांस लेते हैं। ये लोग न सिर्फ खुशमिजाज होते हैं, बल्कि तेज गुस्से वाले भी होते हैं। कई बार इनका गुस्सा इतना अधिक होता है कि इन्हें खुद पर भी कंट्रोल नहीं होता है और तुरंत किसी दूसरे व्यक्ति पर इनका गुस्सा फूट जाता है। उन्हें हर चीज में परफेक्शन पसंद होता है। वे कोई भी काम करने में माहिर होते हैं और सभी के बीच में काफी लोकप्रिय होते हैं। इनका दिमाग तेज होता है जिसकी वजह से ये हर फैसले सही तरीके से और सोच-समझ कर लेते हैं।

भाद्रपद मास में दान का महत्व व किन चीज़ों का करना चाहिए दान

भाद्रपद के पावन महीने में गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए दान करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है, माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं। तो आइए जानते हैं इन दिन किन चीजों का दान करना चाहिए।

  • भाद्रपद मास में अन्न का दान करना चाहिए। इस महीने गेहूं, चावल, दाल आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
  • इस माह में गरीबों और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता के अनुसार कपड़ों का दान करना चाहिए। माना जाता है कि कपड़ों का दान करने से भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है।
  • इस माह में जो व्यक्ति ब्राह्मण या भूखे को भरपेट भोजन करवाता है तो उसको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • शास्त्र के अनुसार, इस महीने जरूरतमंदों को जूते-चप्पल दान करना चाहिए। ऐसा करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
  • इसके अलावा, इस माह में जरूरतमंदों व गरीबों को वस्त्र, फल और शरबत दान करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवताओं प्रसन्न होते हैं।

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भाद्रपद मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का महत्व

भाद्रपद में श्रीकृष्ण भगवान की आराधना करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो जातक इस माह में श्रीकृष्ण पूजा करते हैं उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। भाद्रपद माह भगवान कृष्ण को बहुत अधिक प्रिय हैं क्योंकि इस माह उनका जन्म हुआ था। मान्यता के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के 108 नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर करने के साथ ही उनके जीवन को निराशा से मुक्ति प्रदान करते हैं। वहीं जन्माष्टमी व इस पूरे भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप भी विशेष फल प्रदान करता है। आइए अब जानते हैं इस महीने भगवान कृष्ण की पूजा कैसे करनी चाहिए।

इस विधि से करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि नित्य कर्म को करके हल्के रंग के विशेषकर पीले रंग के साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद श्री कृष्ण की पूजा के लिए चौकी पर लाल कपड़ा बिछाने के बाद भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित रखें। फिर इसके सामने दीपक जलाने के बाद धूपबत्ती करें।
  • फिर भगवान श्री कृष्ण भगवान पूजा संकल्प लेकर इसके पूरा होने की प्रार्थना करें।
  • तत्पश्चात श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने के बाद गंगाजल से फिर स्नान कराएं।
  • स्नान के बाद श्री कृष्ण की मूर्ति/प्रतिमा को साफ़-सुथरे अथवा नए वस्त्र पहनाएं, और फिर इनका श्रृंगार करें इसके बाद एक बार फिर से इनके सामने दीप जलाकर, धूप दिखाएं।
  • इस समय पूजा के दौरान चंदन या रोली का ही तिलक लगाएं। याद रखें कि इसमें अक्षत जरूर मिले हों।
  • श्री कृष्ण को भोग लगाते समय उनकी सबसे प्रिय माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पित करें। भोग लगाते समय इस बात का ख्याल रखें कि भोग में तुलसी की पत्ती जरूर डालें क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

श्रीकृष्ण के इन मंत्रों का करें जाप, हर समस्या से मिलेगा छुटकारा

कृं कृष्णाय नमः यह श्रीकृष्ण का मूल मंत्र है जिसका जाप करने से साधक को अपने कहीं फंसे हुए या अटके हुए धन की प्राप्ति होती है। 

ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”-  श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे- यह वैष्णव मंत्र है जो भगवान कृष्ण का सबसे प्रसिद्ध मंत्रों में एक है। इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से व्यक्ति श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है।

ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”- यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। इसके जाप करने से जातक को जीवन में हर समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

भाद्रपद माह में किए जाने वाले आसान उपाय

भाद्रपद माह बहुत अधिक खास माना जाता है। इस महीने कुछ सरल व ज्योतिष उपाय करके आप कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हम यहां कुछ उपाय बता रहे हैं जिन्हें करके आपको भगवान गणेश और भगवान कृष्ण की कृपा दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होगी। साथ ही इन्हें करने से आपकी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती है।

सभी कामों में सफलता प्राप्त करने के लिए

यदि आपको अपने काम में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है और बार-बार आपके काम अटक रहे हैं या किसी कारण वश पूरा नहीं हो पा रहा है तो इस महीने के दौरान किसी गौशाला में जाकर हरी घास का दान करें। साथ ही, गायों की सेवा करें और उसे हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से आपके काम बनने लगेंगे और आपको हर एक काम में सफलता प्राप्त होगी।

शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए

इस महीने में शनि ग्रह से संबंधित चीजें जैसे काला कंबल, काले तिल, सरसों के तेल का दान करें। ऐसा करने से शनि की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है और शनि दोष से छुटकारा मिलता है।

करियर में सफल होने के लिए

इस महीने भगवान श्री कृष्ण को खीर का भोग जरूर लगाएं। साथ ही, भोग लगाते समय उसमें तुलसी जरूर डालें। इसके बाद खीर को प्रसाद के रूप में सबको बांटे। ऐसा करने से नौकरी व करियर में तरक्की प्राप्त होगी।

व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए

यदि आपको अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने में समस्या आ रही है या मुनाफा नहीं मिल पा रहा है तो इस महीने भगवान कृष्ण को सफेद धागा अर्पित करें और इसके बाद इस धागे को अपने गले में भी धारण करें। ऐसा करने से आपका बिज़नेस तेज़ी से आगे बढ़ने लगेगा।

भाग्योदय के लिए

भाग्य का साथ प्राप्त करने के लिए भाद्रपद माह में भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर उन्हें सफेद रंग के फूल अर्पित करें। ये उपाय पूरे महीने करते रहें। पूजा के बाद इन फूलों को अपनी जेब में रख लें। ऐसा करने से आपको हर जगह भाग्य का साथ मिलेगा और आप जीवन के हर पहलुओं में सफलता प्राप्त करेंगे।

भाद्रपद माह में इन राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ

मेष राशि

भाद्रपद माह मेष राशि के जातकों के लिए बहुत अधिक शानदार साबित होगा। इस अवधि आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। करियर के लिहाज से आपको सफलता प्राप्त होगी। आप अतिरिक्त मेहनत और समर्पण से अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे और आप अपनी मेहनत से आरामदायक स्थिति में पहुंचेंगे। यही नहीं, इस अवधि आप अपने काम से अपने वरिष्ठों का दिल जीतने में सफल होंगे।

जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि अच्छा मुनाफा अर्जित करेंगे और अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और यदि आपने हाल ही में कोई निवेश किया है तो उससे भी आपको आगे चलकर अच्छा लाभ मिलेगा। आपके आर्थिक पहलू की बात करें तो आप धन संचय करने और साथ ही, बचत करने में सक्षम होंगे। इस अवधि कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि छोटी-मोटी समस्याएं परेशान कर सकती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को इस अवधि बहुत अधिक शानदार परिणाम प्राप्त करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं। आप कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं तो इस दौरान आप अधिक लाभ अर्जित करने में सफल होंगे, जिससे आपको संतुष्टि और सुख मिलेगा। 

इस अवधि में स्वयं के ऐशो-आराम और भौतिक सुखों वाली चीज पर भी खर्च करते नजर आ सकते हैं। यदि आप जमीन में निवेश अथवा गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो इस अवधि आपकी यह योजना सफल होगी। रिश्ते के मोर्चे पर आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। आप और अपने पार्टनर के साथ मिलकर किसी संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। साथ ही, मिलकर कहीं बाहर घूमने का प्लान कर सकते हैं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है। इस अवधि आपका पूरा ध्यान अपने स्वास्थ्य पर होगा।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। आपको भाग्य का साथ मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप आप हर एक क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल करेंगे। आप नए दोस्त बनाने के साथ-साथ नए लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे और अपने दोस्तों व परिवार का पूरा समर्थन प्राप्त करेंगे। इस अवधि कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा की गई मेहनत की बदौलत अपार सफलता प्राप्त करते हुए नज़र आ सकते हैं। बात यदि आपके आर्थिक जीवन की करें तो, इस अवधि आप बचत करने में सक्षम होंगे। पैसों की बचत करने की गुंजाइश भी पहले से अधिक रहेगी। यदि आपने कहीं निवेश किया है तो उसका अच्छा रिटर्न आपको हासिल होगा। अच्छे भाग्य की वजह से आप दोगुना धन कमाने में सक्षम होंगे।

प्रेम जीवन को देखें, आपका रिश्ते पार्टनर के साथ प्रेम से भरा रहेगा जिसका आनंद लेते हुए आप दिखाई देंगे। साथ ही, रिश्ते में उच्च मूल्यों की स्थापना भी कर सकेंगे। सेहत के लिहाज से आपकी फिटनेस अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके भीतर की मज़बूत इच्छा शक्ति और उत्साह का परिणाम होगा। आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल रहने वाली है। आप भाद्रपद माह के दौरान पैतृक संपत्ति से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आपको धन की कमी महसूस नहीं होगी और आपका आर्थिक जीवन स्थिर बना रहेगा। करियर के मोर्चे पर, आप अपने काम को आसानी से पूरा करने में संघर्षों से निपटने में सक्षम होंगे। आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना करेंगे और आपके प्रोजेक्ट में आपकी सहायता करेंगे। आप तेजी से आगे बढ़ेंगे। आशंका है कि आपके पद में वृद्धि हो यानी आपका प्रमोशन होने की संभावना है और साथ ही, वेतन में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है।

यह समय उन जातकों के लिए बहुत ही शुभ है जो कोई व्यवसाय कर रहे हैं या इन्सेंटिव संबंधित नौकरी कर रहे हैं। इस अवधि में आपको अचानक से किसी प्रकार का आर्थिक लाभ हो सकता है। रिश्ते के मोर्चे पर, इस अवधि शानदार सामंजस्य देखने को मिलेगा। जीवन साथी के साथ रिश्ते में आ रही कड़वाहट दूर होगी। साथ ही, आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और आप फिट महसूस करेंगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. भाद्रपद मास की शुरुआत कब से कब तक होगी?

उत्तर. साल 2024 में भाद्रपद का महीना अगस्त 20 को शुरू होगा और सितम्बर 18, 2024 को समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 2. भादो कौन से महीने को बोलते हैं?

उत्तर. हिंदू कैलेंडर का छठा महीना भाद्रपद है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भादो कहते हैं।

प्रश्न 3. भाद्रपद मास में कौन कौन से त्योहार आते हैं?

उत्तर. संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, जन्माष्टमी, अजा एकादशी, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि, भाद्रपद अमावस्या, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, परिवर्तिनी एकादशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरु,वोणम, कन्या संक्रांति, अनंत चतुर्दशी भाद्रपद पूर्णिमा व्रत।

प्रश्न 4. भादो के महीने में क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर. भादो के महीने में लहसुन-प्‍याज, नॉनवेज-शराब जैसे चीजों का सेवन बिल्‍कुल भी नहीं करना चाहिए।

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