बगलामुखी जयंती 2021: जानें इस दिन की पूजा विधि, मुहूर्त और मंत्र आदि की संपूर्ण जानकारी

मई महीने में 20 तारीख यानी कि बृहस्पतिवार के दिन बगलामुखी जयंती पड़ रही है। बगलामुखी जयंती हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है यह वही दिन है जिस दिन देवी बगलामुखी अवतरित हुई थी। सच्ची आस्था और सही विधि से पूजा की जाए तो बगलामुखी देवी अपने भक्तों को शत्रुओं से जुड़ी तमाम समस्याओं से दूर रखती हैं। इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस वर्ष बगलामुखी जयंती का शुभ मुहूर्त क्या क्या है और इस दिन पूजा में किन मंत्रों को शामिल करने से आपको मां बगलामुखी की विशेष कृपा हासिल हो सकती है।

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10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या माँ बगलामुखी को माना जाता है। कहा जाता है यदि सारे ब्रह्मांड की शक्तियां मिल भी जाए तो वह मां बगलामुखी का मुकाबला नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा मां बगलामुखी के बारे में अन्य प्रचलित मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है क्योंकि उन्हें पीला रंग बेहद ही प्रिय होता है जिसके चलते उन्हें पितांबरी भी कहा जाता है।

बगलामुखी जयंती 2021 शुभ मुहूर्त 

11 बजकर 50 मिनट 24 सेकंड से 12 बजकर 45 मिनट 02 सेकंड तक

बगलामुखी जयंती पूजन विधि

  • बगलामुखी जयंती के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मुमकिन हो तो पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पूजा प्रारंभ करें। 
  • इस दिन की पूजा में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका मुख हमेशा पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। 
  • इसके बाद पूजा में जितना हो सके पीले रंग को शामिल करें। जैसे मां का आसन पीले रंग का रखें, मां को वस्त्र पीले रंग के पहनाएं, पूजा में पीले रंग का फूल शामिल करें, फल पीले रंग के शामिल करें इत्यादि। 
  • विधिवत रूप से पूजा आदि करने के बाद अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान दें। 
  • बहुत से लोग इस दिन व्रत भी करते हैं। ऐसे में जिन लोगों को बगलामुखी जयंती के दिन व्रत रखना होता है वो इस दिन रात के समय फलाहार भोजन कर सकते हैं। इसके बाद अगले दिन स्नान आदि करने के बाद पूजा की जाती है और इसके बाद ही आप भोजन ग्रहण कर सकते हैं।

इस दिन की पूजा में निम्नलिखित मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप करें

ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः॥

Om Hleem Bagalamukhi Devyai Hleem Om Namah॥

मां बगलामुखी मंत्र

श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।

त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।

ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।

ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:

मां बगलामुखी बीज मंत्र

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां

वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय

बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।

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