अप्रैल महीने की इस तारीख को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट!

हिंदुओं के चार महत्वपूर्ण धामों में से एक है “बद्रीनाथ धाम”। इस साल मंदिर के कपाट अप्रैल महीने में 30 तारीख को भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। पिछले साल यानि 2019 में 10 मई को मंत्रोच्चारण और अनुष्ठानों के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। उत्तराखण्ड के चमोली में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित भगवान विष्णु के इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। यहाँ हर साल देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए जुटते हैं। पहाड़ी क्षेत्र की मौसमी दशाओं के कारण यह मन्दिर साल के छह महीनों (अप्रैल के अंत से लेकर नवंबर की शुरुआत तक) की सीमित अवधि के लिए ही खुला रहता है। सर्दियों के मौसम में भगवान बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। चलिए आज इस लेख में आपको बद्रीनाथ मंदिर के गेट खुलने का समय और इससे जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

इस दिन खुलेंगे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 

लगभग 6 महीने बाद एक बार फिर से 30 अप्रैल, 2020 को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जायेंगे। भगवान बद्रीनाथ के मंदिर का गेट खुलने के लिए शुभ मुहूर्त चुना जाता है, जिस दिन पूरे वैदिक मंत्रोचारण के साथ पारंपरिक तरीके से पूजा की जाती है, और फिर मंदिर का गेट भक्तों के लिए खोल दिया जाता है। इस साल भगवान ब्रदीनाथ के मंदिर का गेट सुबह 4.30 बजे ही खोला जाएगा। मंदिर समिति द्वारा बसंत पंचमी के मौके पर मंदिर के खुलने के समय की घोषणा की गयी। पिछले साल भी लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किए थे।

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बद्रीनाथ धाम की खास बातें

भगवान बद्रीनाथ को “बद्रीनारायण” के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है, गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप। बद्रीनाथ मंदिर परिसर में कुल 15 मूर्तियां है, इनमें सबसे प्रमुख है गर्भग्रह में विराजमान भगवान बद्रीनाथ की 1 मीटर की शालिग्राम से बनी मूर्ति। ऐसा माना जाता है कि इस मूर्ति को आदि शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में पास के नारद कुण्ड से निकालकर यहाँ स्थापित किया था। इस मूर्ति के समीप ही कुबेर, लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां भी हैं। इसके अलावा शंकराचार्य द्वारा यहां एक मठ की भी स्थापना की गई थी। बद्रीनाथ धाम में एक खौलता तप्त कुंड और सूर्य कुंड है, जहां पूजा से पहले स्नान करना आवश्यक समझा जाता है।

कैसे पहुंचे बद्रीनाथ मंदिर तक

आप बद्रीनाथ मंदिर रेल परिवहन, वायु मार्ग, या फिर सड़क परिवहन से जा सकते हैं।   बद्रीनाथ के सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन ऋषीकेश है, जो देश के सभी प्रमुख शहरों से सीधे तौर पर जुड़ा है। बद्रीनाथ के लिए सबसे नज़दीक एयरपोर्ट देहरादून में है। वहीँ अगर सड़क परिवहन की बात करें, तो उत्तरांचल स्टेट ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन दिल्ली-ऋषीकेश के लिए नियमित तौर पर बस सेवा उपलब्ध कराता है। इसके अलावा प्राइवेट टैक्सी और अन्य साधनों को किराए पर लेकर भी आप आसानी से यहाँ पंहुच सकते हैं। सबसे खास बात यदि आप भी बद्रीनाथ धाम जाएं तो अपना पहचान पत्र ज़रूर साथ रखें, क्योंकि मन्दिर में प्रवेश करने के लिए पहचान का प्रमाण साथ होना अनिवार्य है।

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