हर किचन में मौजूद होती हैं ये आयुर्वेदिक औषधि !

आजकल की लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी में बेवक्त खाना लोगों के लिए मानों एक सामान्य बात हो चली है। जिसके चलते उनकी सेहत वक्त से पहले खराब होती जा रही है। आज शहरी हो या ग्रामीण हर व्यक्ति की कार्यशैली इस कदर बदल चुकी है कि उसके शरीर में पीठ दर्द, मोटापा, तनाव, अवसाद आदि बीमारियाँ तेजी से घर करती जा रही हैं और वो चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। देश में लगातार ऐसे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है जो आज अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। 

इन बीमारियों से ग्रस्त शरीर एक बीमार आत्मा की तरह होता है जो हमेशा आध्यात्मिक और मानसिक शांति को प्राप्त कर पाने में असफल रहता है। इसीलिए शरीर को बीमारियों से मुक्त कराने के लिए वेदों में ऐसे आयुर्वेद का जिक्र किया गया है जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहने के साथ ही साथ आध्यात्मिक और मानसिक शांति को भी प्राप्त कर सके। करीब-करीब आज हर घर में आपको कम से कम एक व्यक्ति तो बीमार ज़रूर मिल जाएगा और बीमार व्यक्ति का जीवन नर्क की तरह बनकर रह जाता है, जिससे मुक्ति पाने के लिए आज हम तरह-तरह की दवाइयाँ खाते है। परन्तु आज हम आपको आपकी ही घर की रसोई या किचन में मौजूद उन कुछ अचूक आयुर्वेदि औषधियों के बारे में बताएँगे जो हर मर्ज का इलाज करने में बेहद कारगर हैं लेकिन अपने अल्प ज्ञान की वजह से हम उनका प्रयोग कर पाने में समर्थ होते हैं। तो आइये जानते हैं हर किचन में मौजूद उन्हीं आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में, जिनके नित्य प्रयोग से कई बिमारियों से बचा जा सकता है:-

हल्दी

माना गया है कि हर रसोई में आसानी से पाई जाने वाली हल्दी हर प्रकार की चोट के दर्द और सूजन को कम करने में बेहद सहायक होती है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक तत्व होते हैं। इसी लिए आज भी चोट लगने पर कई लोग दूध में हल्दी डालकर पीते हैं ताकि उन्हें दर्द से राहत मिल सके। यदि हल्दी अच्छी क्वालिटी की होतो दूध के साथ उसका सेवन करने से हर प्रकार की शारीरिक कमज़ोरी से भी निजात मिलती है। 

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नींबू 

नींबू को प्रकृति की बेहद सुंदर औषधि के रूप में जाना जाता है, क्योंकि माना गया है कि यदि कोई सिरदर्द से पीड़ित हो और उसे बिना दूध की चाय में नींबू की कुछ बूँदें मिलाकर पिलाया जाए तो इससे तुरंत आराम मिलता है। नींबू के रस के साथ-साथ उसका छिल्का भी बेहद कारगर होता है। माना जाता है कि थकन के कारण यदि किसी को सिर दर्द हो तो नींबू  के छिल्कों का पेस्ट बनाकर पीड़ित के माथे पर मलने से बह तुरंत सिर दर्द से आराम मिलता है। वजन कम करने के लिए भी नींबू एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम करता है। 

अदरक

अदरक का प्रयोग हमेशा से ही एक दर्द निवारक दवा के रूप में है। सिरदर्द होने पर थोड़ी सी सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बनाकर यदि माथे पर लगाया जाए तो तुरंत दर्द ग़ायब हो जाता है। हालांकि इसे लगाने पर आपको हल्की जलन ज़रूर होगी। अदरक का इस्तेमाल अपने खाने में भी करना बेहद कारगर होता है। ये आपका कई तरह की मौसमी बिमारियों से बचव करती है। 

हींग

हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है। छाती और पेट दर्द में हींग का सेवन लाभकारी होता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पकाने और उसे बच्चो की नाभि के चारो ओर उसका लेप करने से दर्द में राहत मिलती है।

तुलसी के पत्ते

हमेशा से ही माना जाता है कि तुलसी में बहुत सारे औषधीय तत्व मौजूद होते हैं, जो इंसानी शरीर के लिए एक औषधि के रूप में काम करते हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को पीसकर चंदन पाउडर में मिलाकर और उसका पेस्ट बनाकर यदि दर्द से प्रभावित अंगों पर लगाया जाए तो तुरंत दर्द में राहत मिलेगी। इसके साथ ही एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शुद्ध शहद के साथ हल्के गुनगुने पानी के साथ लिया जाए तो गले की खराश और दर्द दूर हो जाता है।

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मेथी

खाने में प्रयोग होने वाला एक चम्मच मेथी के दाने में एक चुटकी भर पिसी हुई शुद्ध हींग मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में आराम मिलता है। डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए भी मेथी बेहद लाभदायक साबित होती है। वहीं मेथी के लड्डू खाने से जोडो के दर्द से छुटकारा मिलता है।

अजवायन 

अजवायन हर प्रकार की पेट संबंधित समस्या को दूर करने में बेहद कारगर मानी जाती है। इसका प्रयोग पेट दर्द को दूर करने में मुख्य रूप से किया जाता है। इसके लिए पेट दर्द होने पर केवल आधा चम्मच अजवायन को गुनगुने पानी के साथ लेने पर राहत मिलती है। साथ ही इसका नियमित रुप से इस तरह सेवन करने से आपका पेट साफ भी रहता है। 

करेला

करेला खाने में भले ही कड़वा हो लेकिन इसके लाभ बेहद चमत्कारी होते हैं। करेले का रस पीने से पित्त में लाभ होता है। साथ ही जोडों के दर्द में करेले का रस लगाने से काफी राहत मिलती है।

Dharma

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