अनोखे शिव मंदिर: कहीं है ‘अधूरा’ शिवलिंग तो कहीं माँ गंगा करती हैं शिव का जलाभेषक

भगवान शिव के भक्तों को महादेव पर अटूट विश्वास होता है। भारत में भगवान शिव के अनगिनत मंदिर हैं जिनके बारे में हम आपको पहले भी कई बार बता चुके हैं।  आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी पहचान है इन मंदिरों में होने वाली हैरान कर देने वाली घटनाएँ। भगवान शिव के इन मंदिरों के बारे में ये भी कहा जाता है कि इन मंदिरों में जो कोई भी भक्त सच्चे मन से कुछ भी मुराद मांगता है वो अवश्य ही पूरी होती है।  तो आइये आपको बताते हैं भगवान शिव के कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में।

ये हैं भगवान शिव के वो मंदिर जहाँ हर मुराद होती है पूरी

टूटी झरना मंदिर:

यूँ तो हर मंदिर अपने आप में बेहद ख़ास होता है लेकिन यहाँ हम जिस टूटी झरना मंदिर की बात कर रहे हैं उस  मंदिर की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि इस मंदिर में भगवान शिव का जल-अभिषेक कोई और नहीं खुद माँ गंगा करती हैं। भगवान शिव का ये आलौकिक मंदिर झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीसों घंटे खुद मां गंगा करती हैं। इस मंदिर के शिवलिंग की मां गंगा द्वारा यह अनोखी पूजा सदियों से निरंतर चलती आ रही है।

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इस मंदिर में आने वाले भक्त बताते हैं कि इस मंदिर में सच्चे दिल से कोई मुराद मांगता है तो वो ज़रूर ही पूरी होती है। बताया जाता है कि साल 1925 में अँग्रेज़ सरकार ने इस जगह पर रेलवे लाइन बिछाने के लिए खुदाई का काम शुरू ही किया था कि उन्हें ज़मीन के अंदर कोई गुंबद के आकार की चीज नजर आई।  जब थोड़ी और खुदाई की गयी तब उन्हें पूरा शिवलिंग मिला और शिवलिंग के ठीक ऊपर थी गंगा की प्रतिमा जिसकी हथेली पर से गुजरते हुए आज भी जल शिवलिंग पर गिरता है।

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भोजेश्वर मंदिर जिसे कहते हैं उत्तर भारत का ‘सोमनाथ’ मंदिर

इस कड़ी में दूसरा मंदिर है भोजेश्वर मंदिर। ये मंदिर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। भगवान शिव के इस मंदिर में आज भी अधूरा शिवलिंग स्थापित है। भोजेश्वर मंदिर जिसे कई लोग भोजपुर के नाम से भी जानते हैं इस मंदिर की स्थापना परमार वंश के राजा भोज ने करवाई थी। बताया जाता है कि बहुत समय पहले की बात है जब भोजेश्वर मंदिर के पश्चिम में एक बहुत बड़ी झील हुआ करती थी। इस झील पर एक बांध भी बना हुआ था लेकिन अब उस बांध के सिर्फ अवशेष ही बाकी रह गए हैं। इस मंदिर को उत्तर भारत का ‘सोमनाथ’ भी कहा जाता है।

लक्ष्मणेश्वर मंदिर

लक्ष्मणेश्वर मंदिर छत्तीसगढ़ में स्थित भगवान शिव का एक और बेहद ख़ूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि रावण के संहार के पश्चात लक्ष्मण ने अपने भाई भगवान राम से इस मंदिर की स्थापना करवाई थी। इस मंदिर के गर्भ गृह में श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण द्वारा स्थापित लक्ष्य-लिंग मौजूद है। इस मंदिर को लखेश्वर महादेव भी कहते है क्योंकि इसमें एक लाख लिंग मौजूद हैं।

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