सत्यनारायण व्रत कल, जानें महत्व और पूजा-विधि

हिन्दू धर्म में ‘भगवान सत्यनारायण’ को भगवान विष्णु जी का ही एक अवतार माना गया है। ऐसे में हर माह सत्यनारायण की पूजा अर्चना किये जानें का विधान है। जिसके लिए हर महीने पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की आराधना करते हुए उनका व्रत किया जाता है। इस विशेष दिन भक्त भगवान सत्यनारायण के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए दिन भर उपवास रखते है तथा संध्या काल में ‘भगवान सत्यनारायण’ व “भगवान विष्णु जी” की विधिवत पूजा तथा ध्यान पूर्वक कथा सुनते व दूसरों को भी सुनाते हैं।

ये देखा गया है कि हिंदू धर्मावलंबियो के बीच प्रसिद्ध व्रत कथा के रूप में भगवान सत्य स्वरूप की सत्यनारायण व्रत कथा ही सबसे प्रतिष्ठित है। ऐसे में हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम से पूर्व या कोई भी मनोकामना पूर्ण होने पर सत्यनारायण व्रत की कथा सुनना बेहद शुभ माना गया है। हिंदू शास्त्रों अनुसार इस पवित्र कथा को सुनने का फल हजारों साल तक किये जाने वाले महा यज्ञों, गऊ दान, कन्यादान आदि के बराबर माना जाता है। इसलिए ही मान्यता है कि इस कथा को सुनने वाला व्यक्ति अगर इस दिन सच्ची श्रद्धा-भाव से व्रत रखता है तो उसके जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है। साथ ही कथा को सुनने के परिणामस्वरूप श्रोता को मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है।

कब रखा जाएगा सत्यनारायण व्रत ?

यूँ तो सत्यनारायण व्रत प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह व्रत चतुर्दशी तिथि में भी रखा जाता है। क्योंकि चन्द्रोदय कालिक एवं प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा ही व्रत के लिए ग्रहण करनी चाहिए। इसके साथ ही हर माह पड़ने वाले इस व्रत का उदयकालिक तिथि से एक दिन का अंतर पड़ जाता है जैसे कि सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि नहीं है लेकिन रात में चन्द्रमा उदय के समय पूर्णिमा तिथि है तब इसका व्रत उसी दिन होना अनिवार्य होता है। ऐसे में इस श्रावण माह ये व्रत 14 अगस्त 2019, बुधवार के दिन रखा जाएगा।इसलिए इस दिन विशेष तौर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा व कथा करना शुभ रहेगा।

सत्यनारायण भगवान के पूजन की सामग्री

जिस प्रकार किसी भी व्रत को करने के लिए उसकी सही सामग्री का होना अनिवार्य होता है, उसी प्रकार सत्यनारायण व्रत की पूजा-अर्चना के लिए भी इसकी कुछ विशेष सामग्री बताई गई है, जैसे:-

  • धूपबत्ती
  • कपूर
  • केसर
  • चंदन
  • रोली
  • चावल
  • हल्दी
  • कलावा
  • रूई
  • सुपारी
  • 5 नग पान के पत्ते
  • फूल
  • फूलमाला
  • पंचमेवा
  • गंगाजल
  • शहद
  • शुद्ध घी
  • दही
  • दूध
  • ऋतुफल
  • मिठाई
  • आसन
  • केले के पत्ते
  • पंचामृत
  • तुलसी दल
  • कलश मिट्टी का या तांबे का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • आधा मीटर सफेद कपड़ा
  • 3 दीपक
  • लौंग लगा पान का बीड़ा
  • नारियल
  • दुर्वा, आदि

नोट: उपरोक्त सभी सामग्री पहले ही लेकर एक जगह एकत्रित कर लें।

सत्यनारायण भगवान की सही पूजन विधि

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहने।
  • उसके बाद सत्यनारायण व्रत का सच्चे मन से संकल्प ले।
  • इसके बाद पूजा स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहां अल्पना बनाएँ और उस पर पूजा की चौकी रख दें। अगर गोबर
  • संभव न हो तो गंगाजल से स्थान को पवित्र करके भी उसपर चौकी रखी जा सकती है।
  • इस चौकी के चारों ओर केले का पौधा रखते हुए चौकी पर सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • अब पूरे विधि विधान के साथ भगवान सत्यनारायण का पाठ करते हुए उनकी पूजा करें।
  • पूजा के पश्चात उनकी आरती करें और चरणामृत लेकर प्रसाद बांटे।
  • इसके बाद पुरोहित जी को भोजन कराकर उन्हें श्रद्धा अनुसार दक्षिणा एवं वस्त्र दे।
  • इसके साथ ही ग़रीबों और ज़रूरतमंद को दान-पुण्य करें।

श्री सत्यनारायण व्रत पूजा से मिलने वाले लाभ

  • माना गया है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के असामयिक कष्टों का निवारण हो जाता है।
  • यदि आपके किसी भी कार्य में कोई अवरोध आ रहा था तो इस व्रत को करने से वो या तो शून्य हो जाएगा या कम हो जाता है।
  • इस व्रत को करने से घर-परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  • सत्यनारायण का पाठ और व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोवांछित इच्छाओं की अवश्य ही पूर्ति होती है।
  • यदि किसी दंपत्ति के जीवन में संतान सुख का अभाव है और वो नियमित रूप से हर माह ये व्रत करे तो निश्चित ही उसे संतान सुख की प्राप्ति होगी।
  • इस व्रत से आपके शत्रुओं एवं विरोधियों का नाश होता है।
  • आप सत्यनारायण व्रत करके अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही मृत्यु के बाद आपको इस व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • सत्यनारायण भगवान व्रत का महत्व
  • भगवान विष्णु स्वरूप सत्य की नारायण के रूप में पूजा करना ही असल मायनों में सत्यनारायण की पूजा करना है। इसका एक अन्य अर्थ यह भी है कि संसार में एकमात्र भगवान नारायण ही सत्य हैं, बाकी सभी को मोह-माया माना गया है। अगर शास्त्रों की माने तो भगवान सत्यनारायण का व्रत करने और उनकी कथा सुनने से कोई भी मनुष्य अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर कर सकता है।
  • खुद पुराणों में भी इस बात का उल्लेख आपको पढ़ने को मिल जाएगा कि सत्यनारायण को भगवान विष्णु का ही दूसरा रूप माना गया है। ऐसे में ये भी मना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में पैसों से जुड़ी कोई भी समस्या है या किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी है तो सत्यनारायण भगवान की कथा करने से उनकी सभी समस्या का समाधान हो सकता है।

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