आश्विन माह विशेष : इस दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां !

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2019 में आश्विन माह की शुरुआत आने वाले 23 सितंबर से होने जा रही है जो 22 अक्टूबर तक रहेगी। जैसा की आप सभी जानते हैं कि हमारे हिन्दू धर्म में विशेष रूप से हर माह और दिन को ख़ासा अहम माना जाता है। जहां एक तरफ हार माह का ख़ास महत्व और विशेषता होती है वहीं दूसरी तरफ उस माह में लोगों को कुछ विशेष सावधानियां भी बरतनी होती हैं। आज हम आपको विशेष रूप से आश्विन माह के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो देर किस बात की आइये जानते हैं इस माह में आपके लिए किन किन सावधानियों को बरतना आवश्यक है।

आश्विन माह का महत्व

हिन्दू धर्म में आश्विन माह को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान सभी प्रमुख व्रत और त्यौहार आते हैं। सबसे पहले आपको बता दें की आश्विन माह की अमावस्या तिथि को ही पितृपक्ष समाप्त होता है। इसके साथ ही साथ इस माह में ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। मुख्य रूप से श्राद्धपक्ष और शारदीय नवरात्रि की वजह से इस माह का महत्व अपने आप में काफी बढ़ जाता है। जहाँ एक तरफ लोग पिंडदान और तर्पण की क्रिया द्वारा अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं वहीं दूसरी तरफ शारदीय नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से देवी के नौ रूपों की श्रद्धाभाव के साथ पूजा अर्चना की जाती है।

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आश्विन माह के दौरान इन बातों का रखें ख़ास ख्याल

चूँकि इस माह को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए इस दौरान मुख्य रूप से कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक माना जाता है। इस माह में आपको विशेष रूप से निम्नलिखित बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

  • बता दें कि इस माह में मुख्य रूप से दूध का प्रयोग वर्जित माना जाता है। चूँकि इस दौरान मुख्य रूप से श्राद्धपक्ष भी मनाया जाता है इसलिए दूध का प्रयोग वर्जित माना जाता है।
  • आश्विन माह में मुख्य रूप से शरीर को ढँक कर रखना भी ख़ासा महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • अश्विन माह में विशेष रूप से श्राद्धपक्ष के दौरान शुभ कामों को करना और नए वस्त्र धारण करना वर्जित माना जाता है।
  • इस माह में खासतौर से हरी सब्जियों में करेला खाना वर्जित माना जाता है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आश्विन माह के दौरान मुख्य रूप से जहाँ तक संभव हो गुनगुने पानी से ही स्नान करें।
  • यदि आप पितरों का पिंडदान करते हैं तो विधि पूर्वक इस विधि को करें और साथ ही तर्पण की क्रिया करना ना भूलें।
  • चूँकि इस माह में शारदीय नवरात्रि भी मनायी जाती है इसलिए इस दौरान लहसुन, प्याज और अन्य तामसी पदार्थों का सेवन वर्जित माना है।

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जहाँ आपको उपरोक्त चीजों को करने से बचना चाहिए वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें करके आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि इस माह में प्रतिदिन सूर्यदेव को अर्घ अर्पित करने और श्राद्धपक्ष में पितरों का पिंडदान कर आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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