अष्टधातु से निर्मित लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति की पूजा से ऐसे पाएँ चमत्कारिक लाभ

दिवाली पर्व इस माह की 27 तारीख़ को है। इसलिए रौशनी के इस पर्व की रौनक चारों तरफ़ दिखने लगी है। घरों की दीवारें रंग-बिरंगी लाइटों से सजने लगी हैं। वास्तव में यह त्यौहार हिन्दुओं का बड़ा त्यौहार है। धार्मिक दृष्टि से देखें तो इस त्यौहार में धन की देवी माँ लक्ष्मी और गणपति महाराज की पूजा का विधान है। कहते हैं यदि आज के दिन लक्ष्मी गणेश जी अष्टधातु से निर्मित से मूर्ति की पूजा की जाए तो उसके कई चमत्कारिक लाभ प्राप्त होते हैं। 

हिन्दू धर्म में अष्टधातु को माना जाता है बेहद पवित्र

हिन्दू धर्म अनुसार अष्टधातु से निर्मित लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति बहुत पवित्र होती है। लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा की आराधना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख, धन-वैभव और समृद्धि आती है। जहाँ गणपति महाराज अपने भक्तों के दुखों को दूर करते हैं तो वहीं माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से जीवन में धन और समृद्धि प्राप्त होती है। 

अष्टधातु से निर्मित लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति होती है सुख-वैभव और समृद्धि की प्रतीक 

माँ लक्ष्मी एवं गणेश जी की अष्टधातु से निर्मित मूर्ति सुख-वैभव, समृद्धि, प्रगति और शांति का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए इसकी पूजा से घर में शांति का वातावरण स्थापित होता है। अष्ट धातु में आठ धातुएँ होती हैं जिसमें सोना, चाँदी, ताँबा, जस्ता, शीशा, टिन, लोहा तथा पारा सम्मिलित हैं। मूर्तियों में इन सभी धातुओं का मिश्रण समानुपात है। अष्टधातु की ये प्रतिमा मानसिक तनाव से भी छुटकारा दिलाती है।

प्रतिमा को स्थापित करने की विधि:                       

  • प्रतिमा पर सबसे पहले गंगाजल या कच्चे दूध का छिड़काव कर शुद्ध करें। 
  • फिर प्रतिमा को घर की धन-संपत्ति दिशा यानी उत्तर दिशा में स्थापित करें। 
  • आप इसे धन अथवा बैंक से संबंधित काग़ज़ातों के पास भी रख सकते है। 
  • स्थापना से पूर्व मूर्ति के नीचे साफ़ लाल वस्त्र बिछाएं। 
  • मूर्ति को शुक्रवार के दिन या फिर शुक्रवार की होरा में स्थापित करें। 
  • हर शुक्रवार पूरे विधि-विधान से प्रतिमा की आराधना करें।
  • पूजा के दैरान इस मत्र का जाप करें – 

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

अष्टधातु से निर्मित लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति पूजा के चमत्कारिक लाभ

अष्टधातु से निर्मित लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करने से घर में सुख-शांति आती हैं।अष्टधातु के बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की पूजा करने से जीवन में धन और वैभव का आगमन होता है। जीवन से दरिद्रता का नाश होता है और शरीर रोग-दोष से मुक्त होता है। इसकी पूजा से घर में चारों तरफ़ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जीवन में आने वाले सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.