अक्षय तृतीया : इस दिन किया इन वस्तुओं का दान तो मिलेगा जन्म-जन्मांतर का लाभ

सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान, स्नान, योग, जप, तप आदि कर्मों के फल का कभी नाश नहीं होता यानी कि इस अवधि में किए गए कर्मों का फल अक्षय हो जाता है। यही वजह है कि इस पर्व को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही श्री हरि विष्णु नर नारायण के रूप में अवतरित हुए थे। उनके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही हयग्रीव और भगवान परशुराम का भी जन्म इसी दिन हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को बहुत से लोग परशुराम जयंती के तौर पर भी मनाते हैं।

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मान्यता तो यह भी है कि भगवान कुबेर को अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान शंकर ने धन दिया था और माता लक्ष्मी को यह आशीर्वाद दिया था कि उन्हें धन की देवी के रूप में जाना जाएगा। अक्षय तृतीया के दिन विशेष तौर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इन सारी बातों से आपको यह समझ में आ गया होगा कि यह दिन सनातन धर्म में कितना विशेष और पवित्र है। आपको बताते चलें कि अक्षय तृतीया के मुहूर्त में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य पर कोई भी पाबंदी नहीं होती है। 

ऐसे में आज हम आपको इस लेख में उन तीन चीजों के बारे में बताएँगे जिसका दान कर के उनके फलों को जन्म-जन्मांतर तक भोगा जा सकता है। लेकिन उससे पहले अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको दे देते हैं। 

अक्षय तृतीया तिथि और शुभ मुहूर्त 

अक्षय तृतीया तिथि : 14 मई 2021 

दिन :  शुक्रवार 

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त : 05:40:13 से 12:17:35 तक 

अवधि : 06 घंटे 37 मिनट 

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अक्षय तृतीया के दिन दान करें ये वस्तुएं 

  • अक्षय तृतीया के दिन दूध से बनी चीजें जैसे दही, मिठाई, मक्खन आदि बच्चों को दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से विद्या की देवी माँ सरस्वती बहुत प्रसन्न होती है और इस कर्म का आपको जन्म-जन्मांतर तक फल मिलता रहता है।
  • अक्षय तृतीया के दिन जौ, तिल और चावल का दान करना चाहिए। इन वस्तुओं के दान से माँ अन्नपूर्णा आप पर बहुत प्रसन्न होंगी और आपको जीवन में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी।
  • अक्षय तृतीया के पावन दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद सत्तू खाने और जौ व सत्तू का दान करने से सारे पूर्व पाप नष्ट हो जाते हैं।

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