अखिलेश यादव जन्मदिन विशेष (01 जुलाई) : क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी आएगी हाथ?

01 जुलाई को अखिलेश यादव का जन्मदिन है। अखिलेश यादव इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में विपक्ष की भूमिका में हैं। ऐसे में आइये उनके जन्मदिन पर ज्योतिषीय आकलनों की मदद से यह जानने की कोशिश करते हैं कि उनका आने वाला समय कैसा रहने की संभावना है लेकिन आइये उससे पहले एक नजर अखिलेश यादव के अब तक के सफर पर डाल लेते हैं।

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अखिलेश यादव के जीवन की एक झलक

किसी भी नामी-गिरामी इंसान की संतान के सामने सबसे पहली दिक्कत तब आती है जब उसकी तुलना उसके पिता से की जाने लगती है। बहुत विरले ही कोई होते हैं जो अपने पिता के रुतबे और छत्रछाया से बाहर निकल उसी क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाते हैं और देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की विपक्ष में बैठे अखिलेश यादव उन्हीं लोगों में से एक हैं।

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अखिलेश यादव का जन्म साल 1973 में 01 जुलाई को उत्तर प्रदेश की राजनीति में नेता जी कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव के घर हुआ। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई इटावा में हुई। फिर राजस्थान के मिलिट्री स्कूल में दाखिला करवा दिया गया। बड़े हुए तो मैसूर के जयाचामा राजेन्द्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भेज दिये गए। जहां अखिलेश ने सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण अभियांत्रिकी में परास्नातक किया।

इतनी पढ़ाई-लिखाई करने के बावजूद पूरा उत्तर प्रदेश और खुद अखिलेश यादव इस बात को जानते थे कि वे कभी भी राजनीति से दूर नहीं रह सकते हैं। यही वजह है कि विदेश में पढ़ाई खत्म करने के तुरंत बाद ही जब अखिलेश वापस भारत आए तो वे अपने पिता की पार्टी और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के आदर्शों को मानने वाली पार्टी सपा का हाथ थाम लिया। 

अखिलेश ने अपना पहला उपचुनाव साल 2000 में कन्नौज से लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद साल 2004 और 2009 में वे लोकसभा चुनावों में भी विजयी रहे। साल 2009 में तो उन्होंने दो क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था, कन्नौज और फ़िरोज़पुर। मजे की बात ये है कि अखिलेश दोनों ही सीटों पर विजयी रहे। हालांकि बाद में उन्होंने फ़िरोज़पुर की सीट को छोड़ दिया और कन्नौज तक ही खुद को सीमित रखा। इसके बाद साल 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की और महज 38 वर्ष की आयु में अखिलेश यादव देश के सबसे बड़े राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। 

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15 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अखिलेश न सिर्फ अपने राज्य के बल्कि देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। मगर पांच साल बाद ही उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने नाम करने में सफल रही और फिलहाल अखिलेश यादव विपक्ष में हैं। अब चूंकि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में दोबारा चुनाव होने हैं और अखिलेश यादव का जन्मदिन भी है तो ऐसे में यह देखना बड़ा रोचक रहेगा कि आने वाला समय अखिलेश यादव के लिए कैसा रहने वाला है।

अखिलेश यादव का भविष्य केपी परिप्रेक्ष्य

हाल के छोटे चुनावों में समाजवादी पार्टी ने चमत्कार किया है, वह भी बिना किसी बड़े रोड शो और धूम-धड़ाके के जो आम तौर पर देखा जाता है। किसी ने मुझसे पूछा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव का भविष्य क्या है। मैंने 224 नंबर लिया और नीचे कुंडली है:

अखिलेश यादव की कुंडली में चंद्रमा बृहस्पति के नक्षत्र में मौजूद है। यह अपने उप में भी है। अखिलेश की कुंडली में चंद्रमा छठे भाव का स्वामी है। चार्ट सही है। बृहस्पति बारहवें भाव में है जिसे व्यय भाव भी कहते हैं। हालांकि बृहस्पति उनके लाभ भाव यानी कि ग्यारहवें घर का स्वामी है।

चंद्रमा स्वयं के उप नक्षत्र  में है और प्रथम भाव में स्थित है। यह घरों को 1,6,12,11 दर्शाता है। चंद्रमा शनि की राशि में है जो 11वें भाव में गोचर कर रहा है। बुध दशम भाव को देख रहा है जो राहु की युति है। बुध पंचम भाव का स्वामी है। 

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निश्चित रूप से अखिलेश की कुंडली की यह स्थिति बताती है कि आने वाले समय में उनके प्रबल भाग्य की वजह से उनकी पार्टी को बहुत फायदा होगा लेकिन इस बात की आशंका बहुत ज्यादा है कि उनका यह फायदा व्यर्थ साबित हो जाएगा क्योंकि अखिलेश आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के हालिया राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में सफल हों, इस बात की संभावना कम है।

उनकी कुंडली में ग्यारहवें घर के साथ दृढ़ता से स्टार स्वामी और राशि स्वामी के माध्यम से संबंध है जो कि आने वाले समय में उन्हें बहुत नाम और प्रसिद्धि तो दिलाएगा लेकिन यहां शनि 12वें भाव का स्वामी है इसलिए 12वां भाव समान रूप से मजबूत है इसलिए प्रगति होगी लेकिन यह प्रगति उनके ज्यादा काम आए, इसकी संभावना कम है।

अंत में अखिलेश यादव को उनके जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनायें। वे स्वस्थ रहें और समाज की सेवा करते रहें, यही हम सब की कामना है। धन्यवाद!

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