नवरात्रि में भूलकर भी न करें नवें दिन माँ दुर्गा का विसर्जन !

हिंदुओं की प्रमुख देवी मां दुर्गा के नौ रूप हैं, और इन्हीं नौ रूपों की पूजा और आराधना करने के लिए नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु नौ दिनों का व्रत रखते हैं और माँ दुर्गा से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर, 2019 से हो चुकी है जो कि 7 अक्टूबर, 2019 तक चलेगा। 9 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार की रौनक पूरे देश में देखने को मिलती है। नवरात्रि के 9 दिनों में लोग अलग-अलग तरीके से माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। 

नवरात्रि के त्यौहार में सबसे पहले दिन लोग अपने घरों में कलश स्थापना की जाती है। फिर अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं और कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने के बाद व्रत रखने वाले लोग अपना उपवास खोलते हैं। लोग इस दौरान पूजा-पाठ में छोटी-छोटी बातों का बहुत ध्यान रखते हैं, और बहुत ही सावधानी से नवरात्रि के नियमानुसार माँ की पूजा करते हैं, लेकिन कुछ लोग भूलवश इस समय एक गलती कर देते हैं और वो है नवमी के दिन माँ दुर्गा की प्रंतिमा का विसर्जन। बहुत कम लोग ही इस बात को जानते होंगे कि कभी भी माँ दुर्गा का विर्सजन नवमी के दिन नहीं किया जाता। यदि आप भी इस बात से अनजान है तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं कि आखिर क्यों नवमी के दिन माँ दुर्गा का विसर्जन नहीं किया जाता।

क्यों नहीं करना चाहिए 9वे दिन दुर्गा विसर्जन

आप सभी जानते है कि नवरात्रि 9 दिनों का त्यौहार होता है, जिसमें हर दिन माँ के एक रूप को समर्पित होता है। सबसे पहले आपको बताते हैं कि कौन से दिन माँ के किस रूप की पूजा करते हैं। ताकि आपको समझने में और भी आसानी हो।  

नवरात्रि का पहला दिन  – माँ शैलपुत्री पूजा 

नवरात्रि का दूसरा दिन  – माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 

नवरात्रि का तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा पूजा 

नवरात्रि का चौथा दिन – माँ कुष्मांडा पूजा 

नवरात्रि का पांचवा दिन – माँ स्कंदमाता पूजा

नवरात्रि का छठा दिन – माँ कात्यायनी पूजा

नवरात्रि का सातवाँ दिन – माँ कालरात्रि पूजा

नवरात्रि का आठवां दिन – माँ महागौरी पूजा 

नवरात्रि का नौवां दिन – माँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि का दसवाँ दिन – दुर्गा विसर्जन 

नवरात्रि का नौवां दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होता हैनवे दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है ये नवरात्रि पूजन का आखिरी दिन होता है, लेकिन कुछ लोग इस दिन ही माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं। ऐसे में नवरात्रि कि पूजा अधूरी रह जाती है। क्यूंकि माता सिद्धिदात्री जब उनको आशीर्वाद देती है, तब तक वो उनका विसर्जन कर चुके होते हैं शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के दसवें दिन यानि दशहरा वाले दिन माँ दुर्गा का विसर्जन किया जाना चाहिए। तो यदि आपने भी माँ की प्रतिमा रखी है तो इस नवरात्रि एक छोटी सी भूल से अपने पूजा को व्यर्थ न जानें दें। 

उम्मीद है इस लेख में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोसेज से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 

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