ज्योतिष के नजरिए से कैसा होगा भारत का 75वां स्वतंत्रता दिवस?

15 अगस्त 2021 को भारतवर्ष का 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि स्वतंत्रता दिवस किसी भी देशवासी और एक सच्चे नागरिक के लिए महत्वपूर्ण पर्व है। स्वतंत्रता हमें जीने का एक नया अनुभव प्रदान करती है। हम स्वतंत्र हैं अर्थात अपनी इच्छा से अपने कानूनों को बना सकते हैं। अपने अनुसार जीवन व्यतीत कर सकते हैं। यह एक सुनहरा एहसास है, जो हर एक नागरिक का अधिकार है।

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स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में लाल किले की प्राचीर पर जब तिरंगा लहराता है तो प्रत्येक भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है क्योंकि यह स्वतंत्रता हमें बहुत मुश्किलों से प्राप्त हुई है और उसके लिए हमारे रणबांकुरे ने अपने जीवन का बलिदान तक कर दिया है। हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने इसके लिए बहुत कुछ कुर्बान किया है। वर्तमान समय में भी देश की सेना अपने देश की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए सदैव प्रयासरत हैं। 

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75वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2021 (75th Independence Day of India)

वैसे तो स्वतंत्रता दिवस सदैव ही विशेष होता है क्योंकि यह हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है लेकिन इस बार का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2021 दिन रविवार को पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाएगा। यही नहीं, देश से बाहर रहने वाले भारतीय भी इस दिन को गर्व से मनाएंगे क्योंकि यह हमारा 75वां स्वतंत्रता दिवस है जो कि एक महत्वपूर्ण क्षण है, हमारे देश और देशवासियों के लिए। इस दिन को और भी विशेष बनाने के लिए पहले से ही तैयारियां चल रही हैं जिनमें हमारे देश के रणबांकुरों की भारतीय सेना ने 10 अगस्त को अब तक का सबसे ऊंचा तिरंगा लहराया दिया है जिसकी ऊंचाई लगभग 100 मीटर है। यह हमें हमारी देश की आजादी की सदैव याद दिलाता रहेगा। 

75 वें स्वतंत्रता दिवस की एक विशेष थीम बनाई गई है जो “राष्ट्र पहले हमेशा पहले” के रूप में जानी जाएगी। इस थीम के द्वारा देश के नागरिकों को उनके देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन और मज़बूती से करने के लिए प्रेरित किया जाएगा क्योंकि इसके अंतर्गत देश के नागरिकों द्वारा अन्य सभी बातों से ज्यादा महत्वपूर्ण देश को मानने और अपनी सभी बातों से पहले देश को प्राथमिकता देने की बात स्वीकार की गई है और इस बार का स्वतंत्रता दिवस इसी थीम के आधार पर आयोजित किया जाएगा। इससे देश के नागरिकों में अपने देश के प्रति उत्साह और प्रेम की वृद्धि होगी और वास्तव में ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि ये देश ही है, जिसने हमें सब कुछ प्रदान किया है और हमने अपनी पहचान बनाई है। गर्व से कहिये हम भारतीय हैं। 

क्या आपकी कुंडली में बन रहे हैं राजयोग?

इस बार के स्वतंत्रता दिवस में टोक्यो ओलंपिक 2021 के खिलाड़ी मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होंगे जो कि प्रत्येक नागरिक को गर्व से भर देगा और इन खिलाड़ियों को भी देश के प्रति अपने कर्तव्य आगे भी निभाने का हौसला मिलेगा। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के लिए जनता से सुझाव भी मांगे हैं ताकि जनता की बात को लाल किले के मंच से सभी के समक्ष रखा जा सके। इस बार लाल किले पर एंटी ड्रोन सुरक्षा सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। 

इस प्रकार 15 अगस्त 2021 हर मायने में एक विशेष स्वतंत्रता दिवस होगा। हमारी आजादी के इस 75 वें स्वतंत्रता दिवस को मनाते हुए प्रत्येक भारतीय को गर्व का अहसास होना चाहिए क्योंकि देश सर्वोपरि है। देश से ही हम नागरिक बने हैं और देश ने हमें सब कुछ प्रदान किया है इसलिए हमें अपने इस 75वें स्वतंत्रता दिवस को एक त्यौहार की तरह पूरे दिल से हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। 

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ज्योतिष की दृष्टि से भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2021  और आने वाला वर्ष (Independence Day of India)

जिस प्रकार किसी व्यक्ति का जन्म होता है और प्रत्येक वर्ष उसके लिए भविष्यफल का आकलन किया जाता है जिससे पता चलता है कि आने वाला वर्ष उस व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार के अच्छे और बुरे बदलाव लेकर आ सकता है, ठीक उसी प्रकार, स्वतंत्र भारत की कुंडली में भी वर्षफल के आधार पर हमने यह जानने का प्रयास किया है कि आने वाले वर्ष में किस तरह के बदलाव देश के समक्ष आ सकते हैं। वैसे तो हमारा देश अखंड भारत वर्ष है और उसकी कोई जन्म तारीख नहीं है क्योंकि वह तो प्राचीन काल से चला आ रहा है लेकिन जब हम स्वतंत्र भारत की बात करते हैं तो वह 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ और उसी के आधार पर हमने इस वर्षफल कुंडली का अध्ययन करने का प्रयास किया है: 

स्वतंत्रता दिवस कुंडली के विशेष बिंदु

यदि ऊपर दी गई कुंडली का विवेचन करें तो कुछ मुख्य बिंदु पता चलते हैं जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है मुंथा की स्थिति। वर्ष 2021 से 2022 की वर्षफल पत्रिका में मुंथा चौथे भाव में है। मुंथा का भाव 4 में होना ज्यादा अनुकूल नहीं माना जाता है क्योंकि यह स्थिति परेशानियों को जन्म दे सकती है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि इस वर्ष घरेलू मोर्चे पर देश को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आंतरिक संघर्ष बढ़ने की संभावना बन सकती है और विपक्ष सरकार को हर मुद्दे पर घेरता हुआ नजर आने वाला है। सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और अपने ही कुछ लोग विवाद को जन्म दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ मंत्रियों के मंत्रिमंडल में शामिल होने और कुछ के बाहर जाने की संभावनाएं भी बनेगी। कुछ का पदभार कम भी किया जा सकता है। 

मुंथा स्वामी

इस वर्ष के मुंथा स्वामी चंद्रमा हैं जोकि वर्ष लग्न कुंडली में सप्तम भाव में विराजमान हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इस वर्ष महिलाओं का बोलबाला अधिक रहने वाला है और महिलाओं से संबंधित कुछ नए कानून सामने आ सकते हैं जिससे उनके अधिकारों में बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि राजनीतिक तौर पर बात की जाए तो सरकार से लोहा लेने के लिए विपक्ष महिलाओं को आगे बढ़ा कर उनके नेतृत्व में कोई बड़ा गठबंधन बनाने का पूर्ण प्रयास करता नजर आएगा। इसके अतिरिक्त देश को व्यापारिक समझौते के कारण विदेशी मुद्रा प्राप्ति के अच्छे योग बनेंगे और देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ सकता है। 

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जन्म लग्न स्वामी

जन्म लग्न के स्वामी शुक्र महाराज हैं क्योंकि स्वतंत्र भारत की कुंडली में वृषभ लग्न उदित होता है जिसके स्वामी शुक्र देव हैं। यही शुक्र देव वर्षफल कुंडली में छठे भाव में विराजमान हैं और नीच राशिगत हैं। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह वर्ष चुनौतियों से भरा रहने वाला है और देश को घरेलू और बाहरी मुद्दों पर कई चुनौतियों का सामना करना होगा। कुछ विदेशी ताकतें देश को कमजोर करने का प्रयास करेंगी और इसमें कुछ अपने ही लोगों का हाथ होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है इसलिए देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्कता बरतनी होगी और कठोर से कठोर कदम उठाकर इन संभावनाओं को समाप्त करना होगा। इस वर्ष देश का धन कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं में भी लगेगा जो देशवासियों के हित में होगा। महिलाओं के विरुद्ध समस्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है जिसके लिए कठोर कदम उठाने का समय रहेगा। 

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वर्ष लग्न स्वामी 

उपरोक्त दी गई वर्ष पत्रिका के लग्न स्वामी मंगल महाराज हैं जो कि इस कुंडली में पंचम भाव में बुध देव के साथ विराजमान हैं। मंगल का बुध के साथ होना वाणी को कड़वा बनाने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में जो वर्तमान समय में हम परिस्थितियां देख रहे हैं, जहां शब्दों की मर्यादा लाँघी जा रही है, उसमें वृद्धि होने के संकेत मिलते हैं। हालांकि दूसरी तरफ खुशी की बात यह है कि देश की आर्थिक प्रगति होने की भी संभावना रहेगी और देश की सकल घरेलू आय में बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना महसूस की जा सकती है। वर्ष लग्न के स्वामी मंगल का त्रिकोण भाव में जाना देश की संपन्नता के लिए अनुकूल रहेगा और देश आर्थिक उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेगा और कोरोना संक्रमण के चलते आ रही समस्याओं से बाहर निकलने के लिए पूरा जोर दिखाएगा।   

आने वाले वर्ष का लेखा जोखा 

आइए अब यह जानने का प्रयास करते हैं कि विभिन्न ग्रहों के प्रभाव के आधार पर 15 अगस्त 2021 से लेकर 15 अगस्त 2022 के मध्य का समय किस प्रकार के परिणाम प्रदान करने वाला साबित होगा। 

अगस्त 14, 2021 – सितम्बर 05, 2021

इस अवधि के दौरान केतु ग्रह का प्रभाव देखने को मिलेगा जोकि वर्ष लग्न कुंडली के अष्टम भाव में वृश्चिक राशि में स्थित हैं। इस अवधि में देश की कुछ परियोजनाओं को अच्छा फल देखने को मिलेगा और उसकी वजह से आर्थिक लाभ होने की संभावना बनेगी। देश को अपनी कुछ अमूल्य धरोहरों को प्राप्त करने का मौका मिल सकता है। देश में धार्मिक क्रियाकलापों की बढ़ोतरी होगी और नागरिकों के मन में धार्मिक रूप से आगे बढ़ने का भाव होगा और अधिक धार्मिक क्रियाकलाप होंगे। इस दौरान घरेलू मोर्चे पर देश का माहौल सौहार्दपूर्ण रह सकता है। देश के कुछ बड़े नेताओं द्वारा अचानक से कुछ यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। हालांकि वे यात्राएं सफलता दायक साबित हो सकती हैं। इस समय खंड में देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और देश के विश्व स्तर पर सम्मान में इजाफा होगा। वर्तमान समय में चल रहे विदेशी मुद्दों और जासूसी प्रकरणों के प्रति सतर्क रहने का समय है। देश में तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा। 

सितम्बर 05, 2021 – नवम्बर 05, 2021

यह अवधि शुक्र ग्रह के प्रभाव में रहेगी जो कि वर्ष लग्न कुंडली के छठे भाव में कन्या राशि में विराजमान हैं। इस अवधि में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लिए सरकार और प्रशासन को कठोर कार्यवाही करने पर ध्यान देना होगा क्योंकि इससे देश की मर्यादा भी सवालों के घेरे में आ सकती है। इस दौरान नागरिकों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं और इसको वर्तमान समय में चल रहे कोरोना संक्रमण से जोड़कर भी देखा जा सकता है क्योंकि इसका प्रभाव देश में दोबारा लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों को जन्म दे सकता है। हालांकि नागरिकों को भी इस दिशा में अपनी जागरूकता दिखानी होगी और उन्हें सरकार द्वारा सुझाए गए नियमों का पालन करना होगा ताकि इस महामारी के अगले प्रकोप से बचने में सफल हुआ जा सके। देश के नौकरीपेशा लोगों के लिए यह समय अच्छा रहेगा और अनेक बड़ी कंपनियों द्वारा इस समय अवधि में कुछ विशेष भत्तों की घोषणा की जा सकती है तथा तनख्वाह वृद्धि के संकेत भी मिलेंगे। यह केवल प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सरकारी क्षेत्र पर भी लागू हो सकता है। इस दौरान देश विरोधी ताकतें सिर उठा सकती हैं इसलिए हमारी सेना को और देश के उच्च पदाधिकारियों को प्रशासन के साथ मिलकर प्रतिरोधक शक्ति को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान कई योजनाओं पर देश का धन व्यय भी होगा जो कि जनहित की योजनाएं हो सकती हैं। इस अवधि में किसी लोकप्रिय जन नेता या सेलिब्रिटी का नाम किसी स्कैंडल में आ सकता है। 

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नवम्बर 05, 2021 – नवम्बर 23, 2021

इस अवधि में सूर्य ग्रह का मुख्य प्रभाव देखने को मिलेगा जो कि वर्ष लग्न कुंडली के चौथे भाव में कर्क राशि में विराजमान हैं। यह समय देश हित में मेहनत करने का समय होगा जिसे करने से जी नहीं चुराना चाहिए बल्कि आपको देश की प्रगति में योगदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए और उसके लिए यह भी आवश्यक है कि आप अपने जीवन में भी मेहनत करें। इस दौरान कठिन प्रयास करने से कुछ कठिन चुनौतियों से जीता जा सकता है। इस समय अवधि में सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण समय रहेगा क्योंकि उन्हें अपनी कुछ बातों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा और चुनौतियों से पार पाने की कोशिश करनी होगी। इस दौरान विपक्ष भी मजबूत होता नजर आएगा जिसका जवाब देने के लिए सरकार को भी तत्पर रहना होगा। यह अवधि थोड़ी सी चिंताजनक इस कारण हो सकती है कि इस समय में कोई वाहन दुर्घटना होने की संभावना बन सकती है। सरकार द्वारा कुछ कठोर निर्णय लेकर कुछ नए नियम बनाने का प्रावधान भी हो सकता है, जो सीधा आम जनता से सरोकार रखने वाले होंगे।  

नवम्बर 23, 2021 – दिसम्बर 23, 2021 

इस दशा अवधि में चंद्र देव का प्रभाव दिखाई देगा जो कि वर्ष लग्न कुंडली के सप्तम भाव में तुला राशि में विराजमान हैं। इस दौरान देश को आर्थिक सफलता मिलेगी। कुछ व्यावसायिक समझौते होंगे, जो देश की उन्नति में सहायक साबित होंगे और देश की आय में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान आंतरिक मामले भी काफी हद तक अनुकूल हो जाएंगे और माहौल संतोषप्रद रहेगा। राजनीतिक क्षेत्र में सत्तासीन दल को अपने सहयोगियों और भागीदारों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा जिसकी बदौलत वे कुछ विशेष विधेयक पास कराने में सफल भी हो सकते हैं। संभव है कि इस समय में सरकार द्वारा नागरिकों से कुछ विशेष कार्यों के लिए सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, जिन्हें आने वाले समय में लागू किया जा सकेगा। इस दौरान भारत के विदेशी संपर्क बढ़ेंगे और अनेक देशों से भारत को अच्छे समाचार सुनने को मिलेंगे। हालांकि स्वास्थ्य के मोर्चे पर यह समय ध्यान देने वाला होगा। देश की छवि विदेशों में चमकेगी और विश्व पटल पर भारत अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा। इस दौरान जहाजरानी और जल मंत्रालय से संबंधित कुछ विशेष कार्य देखने को मिल सकते हैं। वहीं इसी दौरान समुद्री सीमा को लेकर भी कुछ बातें हो सकती हैं। 

दिसम्बर 23, 2021 – जनवरी 14, 2022

इस दशा अवधि में मंगल का प्रभाव दृष्टिगोचर होगा जो कि वर्ष लग्न कुंडली के लग्न स्वामी भी हैं और कुंडली के पंचम भाव में बुध के साथ विराजमान हैं। इस दौरान सरकार के लिए कुछ कठिन स्थितियों का निर्माण होगा क्योंकि सत्ताधारी दल के सहयोगी सदस्य कुछ परेशानी खड़ी कर सकते हैं और सरकार भी भ्रम की स्थिति में आ सकती है। इससे बचने के लिए सही स्थिति का आकलन करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सके। इस दौरान शेयर बाजार में विशेष रुप से उतार-चढ़ाव वाला समय साबित होगा। कुछ विशेष खर्च भी उत्पन्न होंगे और इस दौरान सरकार घिरती हुई नजर आएगी। इस दौरान विशेष कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के कारण और कुछ विशेष प्रयोजनों से देश के उच्च पदासीन व्यक्तियों को विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है। हालांकि इस दौरान आर्थिक उन्नति के समाचार भी सुनने को मिलेंगे। रियल एस्टेट क्षेत्र में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 

जनवरी 14, 2022 – मार्च 09, 2022 

इस दौरान राहु ग्रह का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा जो कि कुंडली के दूसरे भाव में वृषभ राशि में विराजमान हैं। इस अवधि के दौरान बैंकों के एनपीए से संबंधित कुछ विशेष समाचार सुनने को मिल सकते हैं। इस अवधि में भारतीय बैंकों को अपना धन किसी भी परियोजना के लिए पूर्ण रूप से जांचने और परखने के बाद ही प्रदान करना चाहिए और यदि किसी प्रयोजन के बारे में जानकारी पूर्ण रूप से प्राप्त ना हो तो उसमें निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान एनपीए बढ़ने की संभावना हो सकती है। इस समय अवधि में कोई बड़ी कंपनी दिवालिया होने की घोषणा भी कर सकती है। बढ़ते हुए करों को कम करने के लिए भी आवाज सुनने को मिल सकती है। इस दौरान सरकार द्वारा कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, जो फौरी तौर पर राहत दिलाने वाले होंगे। गठबंधन के दलों में थोड़ा बहुत मतभेद उभर सकता है। इस अवधि में सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों के प्रति सतर्कता बरतनी आवश्यक होगी। नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल सकता है। इस दौरान देश विरोधी ताकतें सिर उठा सकती हैं जिसके लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा।   

मार्च 09, 2022 – अप्रैल 27, 2022

इस अवधि में बृहस्पति का प्रभाव विशेष रूप से दिखाई देगा जोकि वर्ष लग्न कुंडली के एकादश भाव में विराजमान हैं। एक लंबे समय अंतराल के बाद यह एक सुख प्रदान करने वाला समय साबित होगा। देश वासियों में उत्साह और जोश का माहौल रहेगा। इस दौरान देश की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होने की संभावना बनेगी और देश की सकल घरेलू आय भी बढ़ेगी। इस दौरान सरकार द्वारा व्यापारियों को कुछ विशेष लाभ प्रदान किया जा सकता है जिसकी वजह से उत्पादन क्षमता की बढ़ोतरी होगी और देश की आर्थिक क्षमता का विकास होगा। यह समय देश की आर्थिक उन्नति को बढ़ाने वाला साबित होगा। धार्मिक तौर पर भी यह समय हर्षोल्लास से भरा रहेगा। देश के संबंध विदेशों से अच्छे होंगे और मित्र देशों का पूर्ण रुप से सहयोग प्राप्त होगा। कुछ विशेष परियोजनाओं में विदेशी निवेश आकर्षित होगा जिससे देश को विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी। इस अवधि में भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बनाए जाने की बात एक बार फिर से प्रखर हो सकती है। देश में योग और ध्यान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा। लोगों में धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी और सरकार द्वारा तीर्थ स्थलों और धार्मिक महत्व के स्थानों के लिए विशेष पैकेज या फिर किसी नई परियोजना की घोषणा की जा सकती है। 

अप्रैल 27, 2022 – जून 24, 2022

इस दौरान शनि ग्रह का प्रभाव दृष्टिगोचर होगा जो कि वर्ष लग्न कुंडली के दशम भाव में विराजमान हैं। यह समय सरकार के लिए अनुकूल समय होगा। हालांकि इस दौरान सरकार को काफी कठिन प्रयास करने होंगे लेकिन यह समय जनता की नजरों में सरकार को मजबूती प्रदान करेगा और जनता का सहयोग सरकार के साथ नजर आएगा। हालांकि कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में विलंब होने से सरकार की जवाबदेही बनेगी लेकिन धैर्य रखकर उस कार्य को पूर्ण करने में सफलता मिल सकती है। इस दौरान किसी बड़े परिवर्तन से बचना चाहिए। सहयोगी दल कुछ चिंताएं खड़ी कर सकते हैं, जिनसे जूझने के लिए भी सरकार को प्रसन्न करने होंगे लेकिन देश में विदेशी निवेश के लिए यह समय अच्छे प्रयास करने का होगा। उसका फल आने वाले समय में दिखाई देगा। इस दौरान किसी बड़ी परियोजना में धन निवेश करने से बचना चाहिए। कामगारों, मजदूरों और दैनिक वेतन भोगी लोगों के लिए इस दौरान कुछ अच्छी उम्मीद की जा सकती है।    

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जून 24, 2022 – अगस्त 15, 2022 

इस समय अवधि के दौरान बुध ग्रह का प्रभाव दिखाई देगा जो कि कुंडली के पंचम भाव में मंगल के साथ स्थित हैं। इस दौरान देश के मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी और विश्व पटल पर भारत को अपनी छाप छोड़ने का मौका मिलेगा जिससे भारत के विरोधी भी दबे स्वर में भारत की प्रशंसा करते हुए नजर आएँगे। देश का नेतृत्व अपनी कल्पना शक्ति की सक्रियता से कुछ नए उद्यमों को देखने का साक्षी बन सकता है। इस दौरान देश के व्यापारी वर्ग को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे जिससे वह उत्साहित होंगे और देश की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। कॉर्पोरेट घरानों और बड़ी कंपनियों को भी इस दौरान अच्छा फायदा देखने को मिलेगा जिससे देश को कर प्राप्ति में इजाफा होगा और उससे देश का धन बढ़ेगा। इस दौरान सरकार को भी तारीफ मिल सकती है। गठबंधन के दलों में एकजुटता रहेगी और सहयोगी दल सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नज़र आएंगे। इस दौरान कुछ लोकप्रिय नेता सत्तासीन पार्टी में शामिल होते हुए नजर आएँगे। इस समय अवधि में शिक्षा नीति को लेकर भी काफी अच्छे समाचार सुनने को मिल सकते हैं और विद्यार्थियों के लिए कुछ विशेष देखने को मिल सकता है। 

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देशहित में किये जाने वाले कुछ विशेष उपाय

देश एक शरीर के समान है जिसमें सभी नागरिक उसके विभिन्न अंगों के रूप में उसके साथ हैं। यदि आपके शरीर का कोई अंग आपके हित में काम नहीं करेगा तो धीरे-धीरे आपका शरीर जर्जर होने लगेगा और रोग उस पर आक्रमण कर देंगे। इसी प्रकार देश के नागरिक यदि देश की उन्नति के लिए प्रयासरत नहीं होंगे तो देश का विकास नहीं हो सकता इसलिए नीचे कुछ ऐसे उपाय बताए जा रहे हैं, जिन्हें करने से देश की बुनियाद मजबूत होगी और दुनिया के समक्ष हमारे देश की स्थिति प्रभावी होगी: 

  • प्रतिदिन अपनी पूजा में देश हित की कामना अवश्य करें। 
  • कभी भी अपने देश की बुराई न करें। 
  • नागरिकों को पेड़ लगाकर उनका पोषण करना चाहिए।
  • चींटियों को आटा और पक्षियों को दाना डालना चाहिए। 
  • मछलियों को चारा डालना भी लाभप्रद रहेगा। 
  • प्रकृति का संरक्षण करने का संकल्प लें। 
  • प्रदूषण को दूर करने में सहयोग करें। 
  • देशहित के लिए मंत्र जाप, यज्ञ और हवन आदि कराएं।
  • भ्रष्टाचार न खुद करें और न ही इसको प्रोत्साहित करें।    

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