गणतंत्र दिवस 2024 विशेष: धूमधाम से मनेगा भारत का 75 वां गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और इस तरह से भारत गणराज्य बन गया है। इस साल भारतवासी 75 वां गणतंत्र दिवस 2024 मनाएंगे। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत का गणतंत्र दिवस पूरे जोश खरोश से मनाया जाएगा। इसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभिन्न राज्यों की विशेष झांकियां सभी का मनमोह लेने को तैयार दिखेंगी। सेना की विभिन्न टुकड़ियों को अलग-अलग रूपों में देखना और उनके रोमांच से रोंगटे खड़े हो जाने की स्थिति प्रत्येक भारतवासी को अपने आप पर गर्व करने का मौका प्रदान करती है। 

यह एक जोश और रोमांच की पराकाष्ठा का समय होता है और यही वजह है कि देश के नौजवान, देश के किसान, देश के जवान और आम जनता के साथ-साथ विदेशी देशों में बसे भारतीयों और अनेक विदेशी देशों की दृष्टि भी भारत के इस गणतंत्र दिवस पर बनी रहती है क्योंकि वे सभी जानना चाहते हैं कि इस बार की गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में खास आकर्षण क्या-क्या हो सकते हैं। वैसे भी यह भारत का 75 वां गणतंत्र दिवस होगा तो कुछ न कुछ विशेष की तो आप उम्मीद कर ही सकते हैं। आने वाला प्रत्येक वर्ष हमारे लिए उत्तम भविष्य की एक अच्छी और नई उम्मीद लेकर आता है। ऐसे में जब चारों तरफ युद्ध की विभीषिका की स्थिति उत्पन्न हो रही है तो लिए इस लेख के माध्यम से हम जानने की कोशिश करते हैं कि कैसा रहने वाला है यह गणतंत्र दिवस 2024 और यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि वैदिक ज्योतिष वर्ष 2024 में भारत के भविष्य के विषय में क्या कुछ विशेष बताने का प्रयास कर रहा है।

जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

गणतंत्र दिवस 2024: इस साल क्या है खास

भारत एक ऐसा देश है जिसने लंबे समय से विदेशी आक्रांताओं के अत्याचार को सहा और उसके बावजूद वह अपनी क्षमता और प्रदर्शन के कारण सभी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए फिर से उठ खड़ा हुआ और अपना एक अलग मुकाम प्राप्त किया है। यह कोई आसान बात नहीं कि हमने जिस प्रकार से अनेक कठिन चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए अपने गणतंत्र को बचाए रखा और सारी दुनिया के लिए एक मिसाल पेश की है। यह हमारे लिए एक गौरव को प्रदान करने वाला वह विशेष पल है, जब हमें अपने देश के सम्मान, देश की नीतियों और अपनी सेना पर गर्व का अनुभव होता है। हमने क्या विकास किया है, यह हमारे लिए फक्र से सीना चौड़ा करने वाला पल होता है। आज हमारी सेना का ही यह दम है कि हम आज भी अपने घरों में अत्यंत सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस बार गणतंत्र दिवस 2024 में भी कुछ विशेष बातें सभी के आकर्षण का केंद्र होने वाली हैं। चलिए एक नजर डालते हैं कि ऐसा क्या विशेष होने वाला है इस बार के 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह में:

  • इस बार के गणतंत्र दिवस की मुख्य थीम नारी शक्ति होगी। 7 फरवरी 2023 को एक डी ब्रीफिंग बैठक आयोजित की गई थी। इसमें विचार विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया कि आने वाले गणतंत्र दिवस के मौके पर यानी की 26 जनवरी 2024 को कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में शामिल मार्चिंग और बैंड टुकड़ियों, झांकियां और अन्य प्रदर्शनों में केवल महिला प्रतिभागी ही दिखाई देंगी। हालांकि यह कुछ और समय बाद ही पता चल पाएगा कि क्या ऐसा वास्तव में हो पाएगा या अभी इसमें कुछ संशय है। 
  • एक अन्य संभावना यह भी है कि भारत द्वारा क्वॉड देशों यानी कि ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के प्रमुखों को भारत के इस महान पर्व का साक्षी बनने के लिए मुख्य अतिथि बनाए जाने की कोशिशें जारी हैं।
  • देश की सेनो में महिलाओं को विशेष महत्व दिया जा रहा है। आज भारतीय सेना में महिलाओं के लिए आर्टिलरी रेजिमेंट भी खोली गई है। इसके अतिरिक्त लड़ाकू भूमिकाओं में भी महिलाओं की तैनाती हुई है। अनेक महिला अधिकारी सर्वाधिक संवेदनशील पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर भी नियुक्त की गई हैं। इससे पता चलता है कि भारत में नारी शक्ति को एक विशेष महत्व दिया जा रहा है।

250+ पृष्ठों की बृहत कुंडली से पाएं प्रचुर मात्रा में सफलता और समृद्धि पाने का मंत्र!

  • इस बार के गणतंत्र दिवस के दौरान होने वाली परेड को भरपूर चाक चौबंद और सुरक्षा व्यवस्था से लैस किया जाएगा और अनेक सीसीटीवी कैमरों की मदद से चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की सामाजिक गतिविधि और संवेदनशील गतिविधि से बचा जा सके और परेड निर्विघ्न संपन्न हो।
  • इस दौरान अपने देश की विभिन्न झांकियां और सेना के विशेष विमानों और आयुधों को देखने का मौका प्राप्त होगा और देश में ही निर्मित अनेक प्रकार के अत्याधुनिक संसाधनों का प्रदर्शन किया जाएगा। 
  • इस बार 26 जनवरी 2024 की परेड के लिए मुख्य अतिथि के रूप में भारत की केंद्र सरकार द्वारा और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन को मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रण भेजा गया है। यदि वे इस निमंत्रण को स्वीकार कर लेते हैं तो भारत की सक्षम और शक्तिशाली सेना और भारत के विकास के प्रदर्शन के साक्षी बनेंगे। इससे पहले साल 2015 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने थे। 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था लेकिन आने की इच्छा के बावजूद अपनी घरेलू प्रतिबद्धताओं के कारण वह शामिल नहीं हो सके थे।

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

  • 26 जनवरी 2024 की परेड की शुरुआत करने से पहले देश के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति और उसके बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया जाएगा और शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। 
  • यह भारतीय गणतंत्र का 75 वां गणतंत्र दिवस होगा इसलिए इसमें विशेष प्रकार की झांकियों को सम्मिलित किया जा सकता है और उत्साह और रोमांच से भरपूर यह गणतंत्र दिवस समारोह सभी के आकर्षण का केंद्र होने की प्रबल संभावना है। अंतरिक्ष और सैन्य क्षेत्र में बढ़ते भारत के महत्वपूर्ण कदमों को इंगित करते हुए प्रदर्शन की भी विशेष उम्मीद है।

वैदिक ज्योतिष की दृष्टि से 2024 का भारत

वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत वर्ष 2024 में गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भारत के लिए जो मुख्य भविष्यवाणी की गई हैं, वे भारतवर्ष के बारे में अनेक प्रकार की स्थितियों से अवगत कराने में सक्षम हैं। वे भारतवर्ष के राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों के बारे में बहुत कुछ संकेत दे रही हैं। आइए जानते हैं कि सितारों की गणना और ग्रहों की चाल देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों को किस प्रकार प्रभावित कर सकती हैं। इस भविष्यवाणी को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने स्वतंत्र भारत की कुंडली नीचे दी है:

(स्वतंत्र भारत की कुंडली) 

वैसे तो भारत प्राचीन काल से ही अस्तित्व में है और भारत की प्रभाव राशि मकर राशि को माना जाता है लेकिन आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो भारत को अंग्रेजों की दास्तां से 15 अगस्त 1947 को मुक्ति मिली और तब से स्वतंत्र भारत अस्तित्व में आया। इस कुंडली से अनेक प्रकार की गतिविधियों का आंकलन किया जाता है इसलिए हमने भी इस कुंडली को आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। 

स्वतंत्र भारत की इस कुंडली में वृषभ लग्न उदित हो रहा है जिसमें राहु महाराज विराजमान हैं और सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में केतु उपस्थित हैं। दूसरे भाव में मिथुन राशि में मंगल हैं तथा तीसरे भाव में कर्क राशि में चंद्रमा के साथ सूर्य, शनि, बुध और शुक्र विराजमान हैं। देवगुरु कहे जाने वाले बृहस्पति ग्रह तुला राशि में इस कुंडली के छठे भाव में स्थित हैं।

इस प्रकार स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि तथा पुष्य नक्षत्र की है। इस कुंडली के लिए शनि एक बहुत महत्वपूर्ण और योगकारक ग्रह हैं क्योंकि वह भाग्य और कर्म भाव यानी कि नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। 

स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार चंद्रमा की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव वर्ष 2024 के दौरान दिखाई पड़ने वाला है क्योंकि जुलाई 2023 से लेकर मार्च 2025 तक चंद्रमा की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव रहने वाला है। यदि मुख्य ग्रहों की बात की जाए तो शनि महाराज पूरे वर्ष दशम भाव में डेरा जमाए रखेंगे। देवगुरु बृहस्पति मई तक द्वादश भाव में और उसके बाद प्रथम भाव में गोचर करेंगे तथा राहु और केतु क्रमश: पूरे वर्ष एकादश और पंचम भाव में बने रहेंगे।

आइये अब यह जानते हैं कि स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली और ग्रहों का गोचर भविष्य के भारत की कैसी तस्वीर गढ़ते हैं:

2024 में भारत का राजनीतिक परिदृश्य

वर्ष 2024 भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष साबित होगा क्योंकि इसी वर्ष लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों के दौरान विभिन्न प्रकार की उथल-पुथल से भरा माहौल रहने वाला है। राजनीतिक दृष्टिकोण से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में बढ़ोतरी होगी। शनि की दशम भाव में स्थिति होने से कुछ नए घोटाले प्रकाश में आ सकते हैं लेकिन सरकार की योजनाओं से मजदूर वर्ग और रेलवे कर्मचारियों में असंतोष की भावना बढ़ सकती है और देश में धरने प्रदर्शन और हड़ताल आदि की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। 

देश में सत्तासीन वर्तमान सरकार को सफलता मिल सकती है लेकिन आंतरिक कलह का सामना करना पड़ सकता है। कुछ अपने ही निकटतम व्यक्ति विश्वासघात कर सकते हैं और कई राजनीतिक निर्णयों पर विवाद खड़े हो सकते हैं। सबसे सफल कहीं जाने वाली विदेश नीति पर भी प्रश्न खड़े होने के संभावना बनेगी। इस वर्ष विपक्ष सशक्त होने के योग बनेंगे और सरकार को अपने कुछ निर्णयों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

यदि कुछ विशिष्ट राजनीतिक दलों की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी को इस वर्ष विपक्षी दलों द्वारा कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। कुछ अपने बागी हो जाएंगे और कुछ दूसरे दल भाजपा में आकर मिल जाएंगे। बागियों को साथ लाने की दिशा में प्रयास होंगे। विदेश व्यापार बढ़ाने और पिछड़े लोगों के हित में काम होंगे। धार्मिक संस्थाओं की उन्नति होगी। कुछ योजनाएं विलंब के कारण अटक सकती हैं। कुछ नए राजनीतिक समीकरणों में भी जाना पड़ेगा। आवासीय योजनाओं को गति मिलेगी और पिछड़े वर्ग के लोगों को समर्थन प्राप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। 

यदि कांग्रेस की बात की जाए तो कई जगह पर गठबंधन असफल होगा लेकिन कई क्षेत्रों में यह दल राजनीतिक सफलता का कुछ नया अध्याय लिखने में कामयाब हो सकता है। समाजवादी पार्टी अन्य पार्टियों से गठबंधन से लाभान्वित हो सकती है। वरिष्ठ नेताओं और युवा कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं और विरोधी प्रबल होंगे। इस दल के लोगों को आरोपों और आक्षेपों का प्रतिवाद करने के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि सरकार के गठन में भागीदारी कर सकते हैं।

इस वर्ष भारत को चीन से विशेष रूप से संबंधों पर विचार विमर्श करने पर ध्यान देना होगा क्योंकि चीन से संबंध बिगड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त पाकिस्तानी गुप्तचर गतिविधियों को बारीक दृष्टि से देखने पर कई नई बातें सामने आ सकती हैं। 

2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था

यदि वर्ष 2024 के दौरान भारत के अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो विश्व के अनेक देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से उन्नति करेगी। हालांकि महंगाई दर में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने के बावजूद वह थम जाएगी और भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। इस बार औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी जिससे देश की जीडीपी में सुधार हो सकता है। सरकार और रिजर्व बैंक आफ इंडिया की कुछ योजनाओं के कारण बैंकों से लेनदेन कुछ कठिन हो सकते हैं लेकिन ब्याज आदि पर कुछ लाभ मिलने के योग बनेंगे, जिससे लोगों का रुझान बैंकों से लोन लेने पर रहेगा और इससे भी लाभ होगा। अर्थव्यवस्था में और अधिक फायदे के लिए अनेक स्वदेश निर्मित वस्तुओं के उत्पादन में बढ़ोतरी होने से देश को लाभ होगा। वर्ष 2024 की पहली तिमाही अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी। दूसरी और तीसरी तिमाही में अपेक्षाकृत कुछ कमी आएगी लेकिन चौथी तिमाही आर्थिक रूप से और अच्छी सफलता प्रदान कर सकती है। 

शेयर मार्केट उतार-चढ़ाव के बाद नए कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब हो सकता है। इस वर्ष विदेशी निवेशकों का बोलबाला अधिक रहने की संभावना रहेगी।  इस बार का बजट विशेष रूप से सैन्य उपकरणों, ऑटोमोबाइल सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित हो सकता है। इसके अतिरिक्त देश के मजदूरों, किसानों और गरीब तबके के लोगों के लिए किसी विशेष आर्थिक योजना की शुरुआत हो सकती है। 

2024 में भारत और धर्म 

चंद्र राशि से बृहस्पति का गोचर दशम भाव में हो रहा है और मई के महीने से यह चंद्रमा से एकादश भाव में होगा जिससे धर्म के मामले में इस वर्ष बढ़-चढ़कर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सर्वप्रथम तो जनवरी के महीने में ही श्री राम मंदिर में रामलला विराजमान होने से ही यह वर्ष राममय हो जाएगा। वर्ष के मध्य में इन गतिविधियों में और तेजी आएगी और कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा विशेष रूप से उठ सकता है। हालांकि देश में अनेक धार्मिक कार्यक्रमों के संपन्न होने के बावजूद दशम भाव में शनि का भी गोचर कुंभ राशि में होने के कारण न ही कोई अप्रिय घटना होने के योग बनेंगे और न ही कोई बहुत अच्छी स्थिति होगी यानी कि यह समय सामान्य समय की भांति व्यतीत होगा, फिर भी आंतरिक संघर्ष के प्रति सावधानी रखनी होगी।  

रोग प्रतिरोधक कैलकुलेटर से जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता

75 वां गणतंत्र दिवस समारोह 2024 

26 जनवरी 1950 के बाद अब साल 2024 में जब भारत अपना 75 वां गणतंत्र दिवस मनाएगा तो अनेक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए भारत अनेक परिस्थितियों पर अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करेगा। कुंडली के व्यय भाव से गुरु का गोचर हो रहा है जो देश में विरोधी तत्वों और आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के सफल प्रयासों की ओर इशारा करता है। देश में अनेक धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे जिसमें राम मंदिर की स्थापना भी शामिल है। यह देशवासियों के दिल में भगवान श्री राम के प्रति आस्था को और भी अधिक बढ़ाएंगे। देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विशेष रूप से तरक्की होने के योग बन सकते हैं। देश की जीडीपी में भी अच्छा सुधार देखने को मिलेगा और औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों को और ज्यादा बजट में स्थान देकर उन पर अधिकांश व्यय किया जाएगा। हालांकि देश के खाद्यान्न भंडारों और आर्थिक मुद्दों पर चिंताजनक स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है। 

भारत के पड़ोसी और मित्र देशों से संबंध उतार-चढ़ाव से भरे रहेंगे। आम जनता के लिए मानसिक संघर्ष का समय हो सकता है और आपस में कोर्ट कचहरी में विवादों की संख्या बढ़ सकती है। कई कंपनियों का विलय हो सकता है और बड़े बैंकों का भी आपस में विलय होने के योग बन सकते हैं। जो बड़े औद्योगिक घराने हैं, वे छोटी कंपनियों का अधिग्रहण करने में सक्षम होंगे और ऐसा करेंगे। कुछ नए घोटाले के भी सामने आने के योग बनेंगे। समुद्री सीमाओं और समुद्री क्षेत्र में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। इस प्रकार भारत को अनेक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करना होगा।

26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू होते ही भारत एक महान गणतंत्र देश बन गया था, तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा चली आ रही है। भारत में इसे एक राजपत्रित अवकाश के रूप में मान्यता दी गई है और राष्ट्रीय पर्व के रूप में इसे मनाया जाता है। वर्ष 2024 में यह 75 वां गणतंत्र दिवस होगा जो कि एक विशेष अवसर और प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व का पल होगा। हमें इस अवसर पर यह याद रखना चाहिए कि यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली बल्कि अनेक रणबांकुरों ने अपने जीवन को न्योछावर कर दिया, तब हमें अंग्रेजों से आजादी मिली और तभी हम सक्षम हो पाए कि हम अपना अलग संविधान बनाने में कामयाब हों इसलिए हमें भारतीय गणतंत्र में आस्था रखनी चाहिए और देश के संविधान को हृदय से स्वीकार करते हुए उसके अनुसार अपने जीवन में बदलाव लाने चाहिए। 

एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को गणतंत्र दिवस 2024 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोसेज के साथ। धन्यवाद !

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.