12 मुखी रुद्राक्ष धारण करके आप जीवन की कई नकारात्मकताओं को दूर कर सकते हैं। आज के भौतिकतावादी समाज में अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना अति शुभ माना गया है। आज हम अपने इस लेख में आपको 12 मुखी रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
12 मुखी रुद्राक्ष
ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष में सूर्य भगवान के 12 रुपों का ओज होता है और इसलिए इसको धारण करने से व्यक्ति के सामर्थ्य और शक्ति में वृद्धि होती है। हालांकि इस रुद्राक्ष का मिलना बहुत आसान नहीं होता। इस रुद्राक्ष में 12 प्राकृतिक रेखाएं होती हैं। सूर्य देव को इस रुद्राक्ष का स्वामी माना जाता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है इसलिए इसे धारण करने से भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से और क्या-क्या लाभ मिलते हैं आइए जानते हैं।
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12 मुखी रुद्राक्ष के लाभ
अत्यंत शुभ माने जाने वाले इस रुद्राक्ष से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं।
- ज्योतिष के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से राहु और सूर्य ग्रह के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- जिन लोगों को हड्डियों से जुड़ी परेशानियां है, यह रुद्राक्ष पहनकर उनको भी लाभ मिलता है।
- त्वचा संबंधि रोगों को दूर करने के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने से अवसाद से भी मुक्ति मिलती है।
- यह रुद्राक्ष प्रशासनिक अधिकारियों और राजनताओं के जीवन में भी सकारात्मकता लाता है।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति की अंतरआत्मा भी मजबूत होती है।
- कमजोर दिल वालों के लिए भी यह रुद्राक्ष औषधि की तरह काम करता है।
- यह सांस और मूत्र से संबंधित बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है।
- संन्यासीजन इस रुद्राक्ष को इसलिए धारण करते थे कि अलग-अलग जगहों पर भ्रमण के दौरान मिलने वाली नकारात्मक ऊर्जाओं से वह बच सकें। आज के दौर में भी लोग भ्रमणशील हो गए हैं इसलिए रुद्राक्ष धारण करना आज भी पासंगिक है। इससे मिलने वाली ऊर्जा और इसके चिकित्सीय फायदे इसे हर किसी के लिए बहुत शुभ बना देते हैं।
- ध्यान को केंद्रित करने के लिए भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जाना चाहिए।
- ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष को धारण करने से पिछले जन्म के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।
12 मुखी रुद्राक्ष के गुणों का वर्णन
द्वादशास्यस्य रुद्राक्षास्यैव कर्णेतु धारणात्
आदि त्यास्तोषिता नित्यं द्वादशास्ये व्यवस्थिता:
गोमेधे चाश्वमेधे च यत्फलं तद्वाप्नुयात्
श्रंगिणां शास्त्रिणां चव व्याध्रादिनां भयं नहि।
अर्थ- 12 मुखी रुद्राक्ष को यदि कान में धारण किया जाए तो इससे बारह आदित्य खुश होते हैं। इसे धारण करने वाले व्य्क्ति को अश्वमेध और गोमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है और उसे व्याघ्र, सिंग वाले जानवरों का भी भय नहीं होता।
बारह मुखी रुद्राक्ष में कहा जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति को अनेक प्रकार के शुभ फल मिलते हैं। ऐसे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है और वह जीवन में अनेक सुख प्राप्त करता है। इस रुद्राक्ष को सांसारिक लोगों के साथ संन्यासी भी धारण करते हैं ताकि उनके ध्यान गलत वस्तुओं पर न जाए।
12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि
इस रुद्राक्ष को सूर्य देव के बारह रुपों से जोड़ा जाता है इसलिए इसको रविवार के दिन धारण करना अति शुभ माना जाता है। इसके साथ ही रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में इसे धारण किया जाए तो शुभता और भी बढ़ जाती है।
- रुद्राक्ष को धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिष से इसे अभिमंत्रित करवा लें।
- रविवार के दिन इसे धारण करने से पहले स्नान करें और हो सके तो नए या साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- इसके उपरांत गंगाजल में रुद्राक्ष को शुद्ध कर लें।
- तत्पश्चात पूजा स्थल पर विराजमान होकर निम्न लिखित मंत्रों के जाप के साथ रुद्राक्ष को धारण करें।
मंत्र- ओम सूर्याय नम:,
मंत्र- ओम ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: (इस मंत्र का 108 बार जप करें)
- इसके बाद रुद्राक्ष की माला को रेशम के धागे में पिरोकर धारण करें।
12 मुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं तो रखें इन बातों का ख्याल
रुद्राक्ष को धारण करने के बाद व्यक्ति को कुछ बातों को लेकर सावधान रहना चाहिए। इन बातों के बारे में नीचे बताया गया है।
- 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद लहसुन प्याज का सेवन करने से बचें।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद मादक पदार्थों जैसे-मदिरा, सिगरेट आदि से दूर रहें।
- रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- रुद्राक्ष को कभी भी अंगूठी पर धारण नहीं करना चाहिए।
- 12 मुखी रुद्राक्ष को पहनकर कभी भी श्मशान में या प्रसुति गृह में न जाएं।
- सोने से पहले रुद्राक्ष की माला को उतार देना चाहिए।
इन दो राशि के जातकों के लिए शुभ है 12 मुखी रुद्राक्ष
कुंडली के अनुसार यूं तो कोई भी रुद्राक्ष धारण कर सकता है लेकिन राशिचक्र की दो राशियों मकर और कुंभ के लिए यह मनका सबसे उपयोगी माना गया है। इसे धारण करने से इन दोनों राशि के लोगों के जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है। इन राशियों के अलावा जो भी जातक 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहता है उसे किसी विशेषज्ञ ज्योतिष से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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