उल्टी चाल में अस्त शुक्र इन जातकों के जीवन में पैसे और प्रेम के संदर्भ में देंगे परेशानी!

अगस्त के महीने में कर्क राशि में शुक्र वक्री होने के साथ-साथ अस्त भी होने जा रहा है। एक ही राशि में एक ही ग्रह का दो परिवर्तन स्वभाविक सी बात है महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक अहम ग्रह का दर्जा दिया गया है। 

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ऐसे में आज अपने इस खास ब्लॉग में हम बात करेंगे कर्क राशि में शुक्र के वक्री एवं अस्त होने के प्रभाव के बारे में। साथ ही जानेंगे कर्क राशि में शुक्र का क्या असर होता है। इसके अलावा इन परिवर्तनों से संबंधित राशि अनुसार उपाय की जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान करेंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त का समय। 

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कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त समय 

शुक्र के गोचर की बात करें तो इसकी अवधि तकरीबन 23 दिनों की होती है। अर्थात 23 दिनों की अवधि के भीतर शुक्र ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाता है। अब शुक्र वक्री अवस्था में 7 अगस्त 2023 से 2 अक्टूबर 2023 तक की अवधि (यानी कुल 57 दिनों) के लिए कर्क राशि में मौजूद रहने वाला है और फिर इसी बीच यानी 8 अगस्त को कर्क राशि में शुक्र अस्त भी हो जाएंगे। 

अस्त ग्रह क्या है? अस्त का अर्थ होता है कि जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है तब वह अपनी शक्ति को देता है और इसे ही अस्त होना कहते हैं। शुक्र ग्रह सूर्य के दोनों ओर 10 डिग्री या इससे अधिक नजदीक आने पर अस्त माना जाता है। वहीं जब शुक्र ग्रह वक्री गति से चल रहा होता है तो सूर्य से 8 डिग्री पास आने पर यह अस्त हो जाता है। 

वक्री ग्रह क्या है? बात करें ग्रहों की वक्री चाल की तो ग्रहों की वक्री चाल अर्थात उनकी उल्टी गति को माना गया है। जब भी कोई भी ग्रह सीधी अवस्था की जगह उल्टी गति में चलने लगता है तो इसे ग्रह की वक्री चाल कहते हैं। 

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ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह 

शुक्र ग्रह को ज्योतिष में आकर्षण, प्रेम, सौभाग्य, सुख, सुविधा, और विलासिता, ऐश्वर्य, और वैभव का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में शुक्र उच्च अवस्था में मौजूद होते हैं या मजबूत अवस्था में स्थित होते हैं उन्हें इन सभी क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होता है। वहीं इसके विपरीत यदि शुक्र किसी जातक की कुंडली में नीच अवस्था में है या पीड़ित अवस्था में है तो ऐसे जातक अपने जीवन में शुक्र से संबंधित में क्षेत्रों में हानि या नुकसान का अनुभव करते हैं। अर्थात उनके जीवन में सुख सुविधा, प्रेम, विलासिता, की वस्तुएं आदि की कमी देखने को मिलती है।

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कर्क राशि में शुक्र का प्रभाव 

राशि चक्र की चौथी राशि अर्थात कर्क में शुक्र का होना व्यक्ति को आकर्षक बनाता है। ऐसे व्यक्तियों की शालीनता एवं सभ्यता उनके स्वभाव में नजर आती है। ऐसे जातक दूसरों से भी प्यार और सम्मान से रहते हैं। ऐसे जातकों के अंदर कोमलता एवं उदारता होती है। मौका पड़े तो यह दूसरों के लिए हर मुमकिन तरीके से मदद करने के लिए भी तैयार रहते हैं। इसके अलावा ऐसे जातकों में किसी का भी मन मोह लेने का गुण होता है। हालांकि ऐसे व्यक्ति अक्सर शर्मीले स्वभाव के होते हैं और अपनी भावनाओं को जल्दी से दूसरों के सामने व्यक्त नहीं कर पाते हैं लेकिन यह दिल के बेहद ही साफ होते हैं। 

कर्क राशि में शुक्र का होना व्यक्ति को सकारात्मक बनाता है। ये जातकों को आशावादी बनाता है। ऐसे व्यक्ति वफादार होते हैं और निष्ठा के साथ कोई भी काम करते हैं। 

तो चलिए शुक्र ग्रह की महत्वता जान लेने के बाद आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि कुंडली में यदि शुक्र ग्रह कमजोर अवस्था में हो अथवा पीड़ित अवस्था में हो तो वह व्यक्ति को क्या कुछ संकेत प्रदान करता है और आप इस परेशानी से किन उपायों की मदद से उभर सकते हैं।

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कमजोर शुक्र के लक्षण और उपाय 

जब भी कुंडली में कोई भी ग्रह पीड़ित या कमजोर अवस्था में होता है तो यह व्यक्ति के जीवन में तमाम परेशानियों, रुकावटों, परेशानियों की वजह बनता है। साथ ही यह व्यक्ति को तरह-तरह के संकेत भी देता है, जैसे:  

  • विवाहित जातकों के दांपत्य जीवन में यदि सुख नहीं है या आपका अपने विवाह के बाहर भी लोगों से संबंध बनता रहता है तो यह कमजोर शुक्र की सबसे बड़ी निशानी है। 
  • शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को संतान का सुख नहीं मिल पाता है। 
  • कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो ऐसे व्यक्तियों का प्रेम जीवन सफल नहीं होता है। 
  • यदि किसी जातक को त्वचा (स्किन) से संबंधित परेशानियां हैं और जीवन में निरंतर बनी हुई हैं तो मुमकिन है कि उनका शुक्र कमजोर है। 
  • इसके अलावा शुक्र कमजोर हो तो आंख, आंत, हाथ, पैर, किडनी, से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। 
  • शुक्र कमजोर होता है ऐसे व्यक्ति जीवन में चाह कर भी धन अर्जित या अर्जित किया हुआ धन संचित कर पाने में नाकामयाब रहते हैं। 
  • साथ ही इनका आत्मविश्वास और शौर्य कमजोर रहता है और यह अपने जीवन में यश और कीर्ति प्राप्त नहीं कर पाते हैं। 

ऐसी अवस्था में शुक्र से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है जिन्हें करके आप अपनी कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं और उसका शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। 

हालांकि हम आपको यही सलाह देंगे कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आप अपनी कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी को दिखा लें और उसके बाद ही कोई फैसला लें। 

शुक्र से संबंधित अचूक उपाय 

  • शुक्रवार के दिन व्रत करें। 
  • पूजा के समय ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स:’ शुक्राय नम: मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें। 
  • अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा दूध, दही, चावल, शक्कर, आदि इस्तेमाल करें। 
  • शुक्रवार के दिन पूजा करें और इसके बाद अपनी यथाशक्ति के अनुसार सफेद वस्त्र, सुगंधित वस्तुएँ, सौंदर्य सामग्री इत्यादि का दान करें। 
  • इसके अलावा आप चाहें तो ओपल या फिर हीरा रत्न भी धारण कर सकते हैं। इससे भी शुक्र के शुभ प्रभाव मिलते हैं। हालांकि कोई भी रत्न विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श करने के बाद ही धारण करें। 

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कर्क राशि में वक्री एवं अस्त शुक्र का राशि अनुसार क्या प्रभाव पड़ने वाला है और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं।

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कर्क राशि में वक्री एवं अस्त शुक्र 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव परिवार, धन और संवाद को दर्शाता है और सातवां भाव जीवनसाथी का भाव होता है। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके तीसरे भाव यानी कि…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके दूसरे भाव यानी कि परिवार,…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लिए एक शुभ ग्रह है। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके बारहवें यानी कि विदेशी भूमि के…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के शुक्र धन के दूसरे और भाग्य के नौवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके ग्यारहवें भाव यानी कि…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए शुक्र लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके दसवें भाव यानी कि पेशे के भाव में…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा,…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके दीर्घायु, अचानक से होने वाली…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके विवाह, जीवनसाथी, व्यवसाय…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य,…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

शुक्र मीन राशि वालों के लिए तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और कर्क राशि में शुक्र वक्री एवं अस्त आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा,…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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