नवंबर 2023: साल के ग्यारहवें महीने की शुरुआत के साथ-साथ सर्दी के मौसम का भी आगमन हो चुका है। अब हम साल के अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में, अक्टूबर का महीना हमसे विदा लेने और साल 2023 के ग्यारहवां महीना नवंबर में प्रवेश करने के लिए हम तैयार हैं। यह माह कई मायनों में बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि यह महीना कई बड़े व्रत त्योहारों से भरा रहेगा। इस महीने एक के बाद एक कई बड़े त्योहार पड़ेंगे, जिससे जश्न और खुशियों का माहौल रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने देवत्थान एकादशी, तुलसी विवाह, गुरु नानक जयंती, 5 दिवसीय दीप पर्व दिवाली आदि त्योहार मनाए जाएंगे। कुल मिलाकर यह पूरा महीना धूमधाम से उत्सव मनाने में बीतेगा।
इस आने वाले नए महीने के बारे में जानने के लिए हम सभी उत्सुक हैं। हर कोई यह जानना चाहता है कि क्या इस महीने उन्हें अपने पसंद की नौकरी मिलेगी? इस महीने उनकी सेहत कैसी रहेगी? पारिवारिक जीवन में ख़ुशहाली रहेगी या झेलना पड़ेगा उतार-चढ़ाव? ऐसे सवाल हमारे मन में लगातार उठते रहते हैं और इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा आपको नवंबर 2023 के इस विशेष ब्लॉग में।
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एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपके मन और मस्तिष्क में उठने वाले सवालों के जवाब तो प्रदान करेगा ही, साथ में नवंबर की झलक भी दिखाएगा। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको नवंबर 2023 में पड़ने वाले व्रत-त्यौहार, ग्रहण, गोचर और इस महीने जन्मे लोगों के व्यक्तित्व के बारे में बताएंगे। अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं नवंबर 2023 के बारे में।
जानें नवंबर 2023 का यह ब्लॉग क्यों है इतना ख़ास?
- नवंबर 2023 का यह ब्लॉग कई मायनों में बहुत ख़ास है क्योंकि इसके माध्यम से हम आपको नवंबर में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की तिथियों व त्योहारों के महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे।
- इसके अलावा, नवंबर में जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी कुछ रोचक बातों से भी आपको अवगत कराएंगे।
- इस महीने में कब-कब है बैंक हॉलिडे?
- नवंबर के महीने में कब और कौन सा ग्रह करने जा रहा है गोचर आदि के बारे में जानकारी भी हम प्रदान करेंगे।
- साथ ही, नवंबर 2023 राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के परिवर्तन लेकर आएगा? यह भी हम इस ब्लॉग में बताएंगे।
तो आइये हम बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और नज़र डालते हैं नवंबर 2023 के महीने पर।
नवंबर 2023 का महत्व
नवंबर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द ‘नोवम’ यानी नौवां से हुई है। जानकारी के मुताबिक, रोमन कैलेंडर में नवंबर नौवां महीना हुआ करता था जो महीनों के क्रम में पहले नौवें स्थान पर आता था और बाद में इसे ग्यारहवें स्थान पर कर दिया गया था। प्राचीन रोमन कैलेंडर में मात्र 10 महीने होते थे और वर्ष की शुरुआत 01 मार्च से हुआ करती थी। इसके बाद 153 ईसा पूर्व में 01 जनवरी से वर्ष का शुभारंभ माना गया। नवंबर 2023 के महीने में 30 दिन होते हैं और इस साल नवंबर का महीना बुधवार से शुरू हो रहा है। उत्तरी गोलार्ध में, नवंबर को शरद ऋतु के अंत का प्रतीक माना गया है। वहीं, दक्षिणी गोलार्ध में वसंत का अंतिम महीना होता है।
नवंबर 2023 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
साल 2023 के ग्यारहवें महीने नवंबर का आरंभ रोहिणी नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 01 नवंबर 2023 को होगा और इसका समापन 30 नवंबर 2023 को पुनर्वसु नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होगा। इस महीने के पंचांग को जानने के बाद अब जानते हैं इस महीने के व्रत-त्योहारों की तिथियों के बारे में।
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नवंबर 2023 में पड़ने वाले व्रत और त्यौहार
तिथि | दिन | पर्व या अवकाश |
01 नवंबर 2023 | बुधवार | संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ |
09 नवंबर 2023 | गुरुवार | रमा एकादशी |
10 नवंबर 2023 | शुक्रवार | धनतेरस, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
11 नवंबर 2023 | शनिवार | मासिक शिवरात्रि |
12 नवंबर 2023 | रविवार | दिवाली, नरक चतुर्दशी |
13 नवंबर 2023 | सोमवार | कार्तिक अमावस्या |
14 नवंबर 2023 | मंगलवार | गोवर्धन पूजा |
15 नवंबर 2023 | बुधवार | भाई दूज |
17 नवंबर 2023 | शुक्रवार | वृश्चिक संक्रांति |
19 नवंबर 2023 | रविवार | छठ पूजा |
23 नवंबर 2023 | गुरुवार | देवुत्थान एकादशी |
24 नवंबर 2023 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
27 नवंबर 2023 | सोमवार | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
30 नवंबर 2023 | गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
नवंबर 2023 में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे उन लोगों के व्यक्तित्व के बारे में जिनका जन्म नवंबर में हुआ है।
कैसा होता है नवंबर में जन्म लेने वालों का व्यक्तित्व?
01 नवंबर 2022 से 22 नवंबर के बीच जन्म लेने वाले जातक वृश्चिक राशि के होते हैं। इनके व्यक्तित्व की बात करें तो ये सबसे अलग सोच रखने वाले होते हैं। इनका दिमाग काफी तेज़ चलता है और स्वभाव से सहनशील होते हैं। साल के बाकी महीनों में पैदा हुए लोगों की तुलना में नवंबर में जन्मे लोग सबसे ज्यादा ज्ञानी और रहस्यमयी होते हैं यानी वे अपने कोई भी राज दूसरों के सामने शेयर नहीं करते हैं। इन लोगों का व्यक्तित्व काफी आकर्षक होता है और इस वजह से लोग इनसे जल्द ही प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, ये लोग महत्वाकांक्षी और दृढ़ निश्चयी वाले होते हैं यानी जिस चीज़ को एक बार करने की ठान ली तो उसे पूरा करके ही सांस लेते हैं। इनका चरित्र बहुत मजबूत होता है और ये किसी से डरते नहीं हैं। साहसी होने के साथ ही ये लोग अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं।
नवंबर में जन्म लेने वाले लोग जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। इन लोगों के अंदर हर चीज़ को जल्द से जल्द सीखने की क्षमता होती है। ये अपने दिमाग के बल पर हर मुश्लिक से मुश्किल घड़ी में खुद को बाहर निकालने में सफल होते हैं। कार्यक्षेत्र में हो या किसी अन्य क्षेत्र में हो ये जातक कठिन से कठिन फैसलों को भी आसानी से और सोच-विचार कर लेते हैं
इन जातकों के प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो नवंबर में पैदा हुए लोग अपने रिश्ते के प्रति वफादार होते हैं और किसी भी रिश्ते को निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। चाहे बात प्रेम की हो या वैवाहिक संबंधों की ये लोग किसी भी रिश्ते के प्रति वफादार होते हैं। जब दोस्ती और रिश्तों की बात आती है, तो नवंबर में जन्में लोग उन्हें संभालने में सबसे आगे होते हैं। ये लोग कभी भी प्यार में किसी को धोखा नहीं देते हैं और जल्दी धोखा भी नहीं खाते क्योंकि ये अपना पार्टनर बड़े ही सोच-समझकर चुनते हैं।
इसके अलावा, नवंबर के महीने में जन्में लोग हमेशा कुछ हटकर सोचते हैं और जो भी करते हैं, उसमें अपना बेस्ट देते हैं। ये स्वभाव में बहुत दयालु होते हैं इसलिए जब इन्हें गुस्सा आता है, तो अक्सर इन्हें गलत समझ लिया जाता है। उस दौरान लोगों को लगता है कि ये सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और इन्हें शांति पसंद नहीं है जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। ये लोग अपनी निजी जिंदगी में प्राइवेसी पसंद करते हैं और जल्द ही किसी पर भरोसा नहीं करते हैं, जो लोग इनसे चालाकी दिखाते हैं उनसे ये जातक कोसों दूर रहते हैं। जो लोग नवंबर महीने में जन्म लेने वाले लोगों को नापसंद करते हैं उनके पीछे सबसे बड़ी वजह यह होती है कि वे उनके शब्दों व व्यवहार के आधार पर उन्हें गलत ठहराते हैं। नवंबर में जन्म लेने वाले लोग केवल उन्हीं बातों पर विश्वास करते हैं जिसे खुद उन्होंने देखा हो दूसरों की कहीं बातों पर ये जल्दी भरोसा नहीं करते हैं।
नवंबर में जन्म लेने वालों के लिए भाग्यशाली अंक: 3, 5 और 7
नवंबर में जन्म लेने वालों के लिए भाग्यशाली रंग: गुलाबी, सफेद और चॉकलेट शेड
नवंबर में जन्म लेने वालों के लिए शुभ दिन: गुरुवार और मंगलवार
नवंबर में जन्म लेने वालों के लिए भाग्यशाली रत्न: मोती और चंद्र रत्न
नवंबर 2023 में आने वाले बैंक अवकाश
तारीख | दिन | बैंक अवकाश | कहाँ-कहाँ मान्य होगा |
01 नवंबर, 2023 | बुधवार | कुटो | मणिपुर |
01 नवंबर, 2023 | बुधवार | पुडुचेरी मुक्ति दिवस | पुडुचेरी |
01 नवंबर, 2023 | बुधवार | हरियाणा दिवस | हरिणाया |
01 नवंबर, 2023 | बुधवार | कन्नड़ राज्योत्सव | कर्नाटक |
04 नवंबर, 2023 | शनिवार | लहबाब दुचेन | सिक्किम |
12 नवंबर, 2023 | रविवार | दिवाली | आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, पांडिचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना तो छोड़कर राष्ट्रीय अवकाश |
13 नवंबर, 2023 | सोमवार | दिवाली की छुट्टी | दमन और दीव, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश |
13 नवंबर, 2023 | सोमवार | विक्रम संवत नया साल | गुजरात |
15 नवंबर, 2023 | बुधवार | भाई दूज | गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश |
19 नवंबर, 2023 | रविवार | छठ पूजा | असम, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड |
20 नवंबर, 2023 | सोमवार | छठ पूजा की छुट्टी | बिहार |
23 नवंबर, 2023 | गुरुवार | सेंग कुट स्नेमो | मेघालय |
27 नवंबर, 2023 | सोमवार | गुरु नानक जयंती | आंध्र प्रदेश, बिहार, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, उड़ीसा, पांडिचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु और त्रिपुरा को छोड़कर राष्ट्रीय अवकाश |
27 नवंबर, 2023 | सोमवार | कार्तिक पूर्णिमा | उड़ीसा और तेलंगाना |
30 नवंबर, 2023 | गुरुवार | कनकदास जयंती | कनार्टक |
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नवंबर 2023 का धार्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से नवंबर महीने का अपना महत्व है क्योंकि इस महीने में कई हिंदू त्योहारों एवं व्रतों को मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नवंबर 2023 का आरंभ कार्तिक माह के तहत होगा जबकि इसका अंत मार्गशीर्ष माह के अंतर्गत होगा। कार्तिक का पवित्र महीना 29 अक्टूबर 2023 से लेकर 27 नवंबर 2023 तक रहेगा। यह माह बहुत ही खास रहने वाला है क्योंकि इसी माह में भगवान विष्णु चार महीने बाद अपनी निद्रा से उठेंगे और इसी के साथ सभी तरह के शुभ कार्य व मांगलिक कार्य दोबारा से आरंभ हो जाएंगे। हिंदू धर्म में कार्तिक माह को बहुत ही शुभ माना गया है इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। नवंबर में चातुर्मास समाप्त हो जाएंगे और विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी पर ही तुलसी विवाह संपन्न होता है। कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष माह प्रारंभ हो जाएगा।
स्कंद पुराण में कार्तिक माह को सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। इसमें जिक्र किया गया है कि जिस प्रकार से सतयुग के समान कोई श्रेष्ठ युग नहीं है, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं और वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं, ठीक उसी तरह से कार्तिक माह जैसा पवित्र महीना कोई और नहीं है। इस महीने में व्रत, पूजा, मंत्र और दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं जो व्यक्ति इस माह पवित्र नदी में स्नान करता है और पूरे माह दीप प्रज्वलित करता है, उसके समस्त पापों का नाश होता है। इस दौरान भगवत गीता का पाठ करना चाहिए और दीपदान करना चाहिए। साथ ही प्रतिदिन शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।
मार्गशीर्ष को भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय माह माना गया है। मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 28 नवंबर 2023 से होगी और इसकी समाप्ति 26 दिसंबर 2023 तक हो जाएगी। इस महीने में भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से व्यक्ति को जीवन में हर समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है और भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस माह को अहगन भी कहा जाता है और इसी महीने से सतयुग का आरम्भ माना जाता है। इस महीने में कोई भी कार्य का विशेष परिणाम प्राप्त होता है। इस महीने में श्रीकृष्ण की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान विशेष शुभ होता है। साथ ही संतान से संबंधित वरदान भी आसानी से प्राप्त होता है।
नवंबर 2023 में मनाये जाने वाले त्योहारों का महत्व
01 नवंबर, 2023 (बुधवार) संकष्टी चतुर्थी : सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी के व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ता है। संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने व व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आ रहे सभी संकट दूर हो जाते हैं।
09 नवंबर, 2023 (गुरुवार) रमा एकादशी: कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इनकी उपासना से पापों का नाश होता है। साथ ही, माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है। माता लक्ष्मी की पूजा से धन का आगमन होता है। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति मृत्यु के उपरान्त मुक्ति प्राप्त करता है।
10 नवंबर, 2023 (शुक्रवार) धनतेरस: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। सनातन धर्म में धनतेरस के त्योहार का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। इस शुभ दिन में घर, गाड़ी, सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं को खरीदने के लिए धनतेरस का दिन सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
10 नवंबर, 2023 (शुक्रवार) प्रदोष व्रत (कृष्ण) : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को विशेष स्थान दिया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। आपको बता दें कि हर महीने में प्रदोष व्रत दो बार आते हैं। इसी क्रम में, सोमवार के दिन पड़ने वाले व्रत को सोम प्रदोष व्रत, मंगलवार के दिन आने वाले व्रत को भौम प्रदोष और जो व्रत शनिवार को पड़ता है, उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। हर माह में पड़ने वाला यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
11 नवंबर, 2023 (शनिवार) मासिक शिवरात्रि : हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजन और व्रत रखने से भक्तों के सभी संकट दूर होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं। यह व्रत एक वर्ष में 12 बार रखा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है और शिव जी की आराधना की जाती है।
12 नवंबर, 2023 (रविवार) दिवाली: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें हर एक दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन धन तेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली और फिर नरक चतुर्दशी के बाद तीसरे दिन घर-घर में लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाते हैं। दिवाली का त्योहार सनातन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होता है। कहते हैं कि कार्तिक अमावस्या को भगवान श्रीराम अपना चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे इसी खुशी में हर साल इस दिन दिवाली मनाई जाती है।
12 नवंबर, 2023 (रविवार) नरक चतुर्दशी: दीपावली पर्व के ठीक एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली,रूप चौदस और काली चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन यम पूजा के लिए दीपक जलाए जाते हैं। पुराने दीपक में सरसों का तेल और पांच अन्न के दाने डालकर इसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख करके नाली या कूड़े के ढेर या किसी कोने में रख दें। इसे यम दीपक भी कहते हैं। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
13 नवंबर, 2023 (सोमवार) कार्तिक अमावस्या: कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या का बहुत महत्व है। इसे बड़ी अमावस्या और दिवाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को भोग में तुलसी अर्पण करनी चाहिए और इसके साथ ही, गीता का पाठ करना चाहिए। कार्तिक अमावस्या पर तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध करने के लिए अमावस्या तिथि शुभ मानी गई है।
14 नवंबर, 2023 (मंगलवार) गोवर्धन पूजा: दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति, भगवान श्री कृष्ण और ग्वाल बाल बनाकर उसकी पूजा करती हैं। गोवर्धन पूजा में गौ धन यानी गायों की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी माना गया है। गोवर्धन की पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का विधान है।
15 नवंबर, 2023 (बुधवार) भाई दूज: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भाई दूज पर्व का विशेष महत्व है। भाई दूज पर्व को रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाती हैं, उनकी आरती उतारती है और लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। माना जाता है कि भाई दूज के दिन बहनों के घर भोजन करने से भाइयों के सभी काम सफल होते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
17 नवंबर, 2023 (शुक्रवार) वृश्चिक संक्रांति : सूर्य देव जब तुला राशि से निकलकर वृश्चिक में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहते हैं। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग इसे बेहद शुभ मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा आदि करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस वक्त में दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों का निवारण हो जाता है। वृश्चिक संक्रांति के दिन अन्न, वस्त्र आदि का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन दान और स्नान करना काफी फलदायी माना जाता है।
19 नवंबर, 2023 (रविवार) छठ पूजा : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। बिहार में महापर्व छठ पूजा मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है। इस दिन व्रती दिनभर उपवास कर शाम में पूजा करने के पश्चात प्रसाद ग्रहण करती हैं। इसके बाद लगातार 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। इस पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल में द्रौपदी भी छठ पूजा करती थीं। धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
23 नवंबर, 2023 (गुरुवार) देवुत्थान एकादशी : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे प्रबोधिनी एकादशी या देवुत्थान एकादशी भी कहते हैं। इस दिन चातुर्मास का समापन होता है और इस तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु चार महीने के बाद अपनी निद्रा से बाहर आते हैं और फिर से सृष्टि को संभालने की जिम्मेदारी उठा लेते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
27 नवंबर, 2023 (सोमवार) कार्तिक पूर्णिमा व्रत : हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना पवित्र माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। कई जगह इसे गंगा स्नान और त्रिपुरा पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था इसलिए इसे त्रिपुरा पूर्णिमा के नाम भी पुकारा जाता है।
नवंबर 2023 में होने वाले ग्रहण और गोचर
अगर हम बात करें नवंबर 2023 में होने वाले ग्रहण और गोचर की तो, इस महीने कोई ग्रहण नहीं लग रहा है जबकि छह प्रमुख ग्रहों का गोचर होने जा रहा है। हालांकि, इस दौरान एक ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। तो आइये बिना देर किये जानते हैं इन गोचरों की तिथियों एवं समय के बारे में।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर (03 नवंबर 2023) : शुक्र स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि सुंदरता के कारक ग्रह माने जाते हैं। अब शुक्र देव 03 नवंबर 2023 की सुबह 04 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे।
शनि कुंभ राशि में मार्गी (4 नवंबर 2023) : ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता ग्रह का दर्जा दिया गया है और अब यह महत्वपूर्ण ग्रह 4 नवंबर, 2023 को 8 बजकर 26 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहा है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर (06 नवंबर): बुद्धि के कारक ग्रह बुध 06 नवंबर 2023 की दोपहर 04 बजकर 11 मिनट पर मंगल द्वारा शासित राशि यानी वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जो बुध के शत्रु ग्रह हैं।
मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर (16 नवंबर 2023): वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल एक उग्र ग्रह है इसलिए इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है। अब मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर 16 नवंबर, 2023 को 10 बजकर 03 मिनट पर होने वाला है।
सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर (17 नवंबर 2023): वैदिक ज्योतिष में “ग्रहों के राजा” कहे जाने सूर्य 17 नवंबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में प्रवेश करने जा रहे हैं।
बुध का धनु राशि में गोचर (27 नवंबर 2023) : बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध 27 नवंबर 2023 की सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेंगे और इस राशि में 28 दिसंबर 2023 तक रहेंगे। इसके बाद, यह वृश्चिक राशि में वापस प्रवेश कर जाएंगे।
शुक्र का तुला राशि में गोचर (30 नवंबर 2023) : प्रेम के कारक ग्रह शुक्र अपनी ही राशि तुला में प्रवेश करेंगे। शुक्र का यह गोचर 30 नवंबर 2023 की रात 12 बजकर 05 मिनट पर होने जा रहा है।
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सभी 12 राशियों के लिए नवंबर 2023 का राशिफल
मेष राशि
- मेष राशि के जातकों को करियर के सिलसिले में विदेश जाने का मौका मिल सकता है और ये यात्रा आपके लिए फलदायी हो सकती है।
- नवंबर का महीना उत्साहजनक और प्रेरणा से भरा रहेगा। जातक पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे।
- शुक्र के छठे और सातवें भाव में बैठे होने के कारण इस महीने आपको धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं की वजह से कर्ज़ होने की आशंका है।
- छठे भाव के स्वामी के रूप में बुध आपके छठे भाव में विराजमान होंगे और ऐसे में आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा।
- मेष राशि के स्वामी मंगल आपके सातवें भाव में स्थित है और इस वजह से छात्रों को शिक्षा में सफलता मिल सकती है।
उपाय: शनिवार के दिन हनुमान जी के लिए यज्ञ/हवन करें।
वृषभ राशि
- इस राशि के जातकों को करियर के क्षेत्र में कुछ चुनौतियों से भी दो-चार होना पड़ सकता है। हालांकि, इन लोगों को कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने के लिए योजना बनाकर चलना होगा।
- वृषभ राशि के छात्रों को ये महीना औसत प्रतीत हो सकता है क्योंकि बुध आपके पांचवें भाव के स्वामी के रूप में सातवें और आठवें भाव में बैठे होंगे। ऐसे में, इन छात्रों को पढ़ाई में एकाग्रचित्त होकर योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा।
- वृषभ राशि के जो जातक विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं उनके लिए ये महीना अनुकूल नहीं रहने की आशंका है।
- बृहस्पति आपके बारहवें भाव और राहु ग्यारहवें भाव में स्थित होंगे जिस वजह से धन लाभ के साथ-साथ आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
- इन जातकों को छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में, अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें।
उपाय:
मिथुन राशि
- बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में स्थित होंगे और इस वजह से आपको नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं, साथ ही मौजूदा नौकरी में प्रमोशन मिलने की भी संभावना है।
- मिथुन राशि के छात्रों के लिए इस महीने पढ़ाई के सिलसिले में विदेश जाने के भी योग बन रहे हैं क्योंकि बृहस्पति अनुकूल स्थिति में है।
- जो लोग शादी करना चाहते हैं वे इस महीने के दौरान विवाह के बंधन में बंध सकते हैं क्योंकि बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में स्थित होंगे।
- इस दौरान आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमाने के साथ-साथ बचत करने में भी सक्षम होंगे। राहु की दसवें भाव में स्थिति होने से आपको पैतृक संपत्ति से धन लाभ हो सकता है।
- नवंबर महीने के दौरान अपना अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में सक्षम होंगे क्योंकि राहु दसवें भाव में मौजूद होंगे।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ॐ दुर्गाय नमः” का जाप करें।
कर्क राशि
- कार्यक्षेत्र में दबाव और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बृहस्पति आपकी चंद्र राशि के दसवें भाव में स्थित होगा।
- कर्क राशि के छात्रों को पढाई में मध्यम परिणामों की प्राप्ति हो सकती है, साथ ही एकाग्रता क्षमता में भी कमी देखने को मिल सकती है।
- प्रेम और वैवाहिक जीवन में इस दौरान आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शानि सातवें भाव के स्वामी के रूप में आपके आठवें भाव में प्रतिकूल स्थिति में मौजूद होंगे।
- बृहस्पति की दसवें भाव में उपस्थिति होने से जातकों के अनचाहे खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है।
- इस दौरान कर्क राशि के जातकों को दांत में दर्द और आँखों में जलन की शिकायत हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
सिंह राशि
- करियर और नौकरी के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं क्योंकि बृहस्पति आपके नौवें भाव में स्थित होंगे और इनकी दृष्टि आपकी चंद्र राशि पर होगी।
- शिक्षा के लिहाज़ सिंह राशि के छात्रों को पढ़ाई में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
- सिंह राशि के जातकों को प्रेम और वैवाहिक जीवन में इस महीने सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
- सिंह राशि के तहत जन्मे जातकों को पैसा कमाने के अच्छे मौके मिल सकते हैं।
- इस राशि के जातक का स्वास्थ्य नवंबर में अच्छा रहने वाला है।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव के लिए यज्ञ-हवन करें।
कन्या राशि
- नवंबर का महीना कन्या राशि के जातकों के करियर में समृद्धि लेकर आ सकती हैं।
- इस महीने ध्यान भटकने के कारण शिक्षा में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ आनंददायक लम्हे बिताने में सक्षम होंगे।
- नवंबर के महीने के दौरान खर्चों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है।
- पाचन और सिर दर्द से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ॐ राहवे नमः” का जाप करें।
तुला राशि
- इस महीने तुला राशि के जातकों को नौकरी में नए अवसर प्राप्त होंगे, जो आपके लिए बेहतर साबित होगा।
- इस दौरान तुला राशि के छात्र अधिक ज्ञान अर्जित करने में सक्षम होंगे और ज्ञान में वृद्धि होगी। हालांकि आपको कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
- यह महीना प्रेम और वैवाहिक जीवन में सकारात्मकता ला सकता है। शादीशुदा लोगों में संतुष्टि का अनुभव होगा।
- तुला राशि के जातकों को इस दौरान धन लाभ होगा साथ ही धन की बचत भी कर सकेंगे, लेकिन संभावना है कि बचत बहुत मात्रा में नहीं हो सकेगा।
- आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी क्योंकि पाचन संबंधी समस्याएं और त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन 41 बार “ॐ केतवे नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
- कार्यक्षेत्र में आपको एकाग्रता की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे में आप अपनी नौकरी से असंतुष्ट हो जाएंगे।
- इस माह के दौरान छठे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आपका ध्यान भटक सकता है।
- इस राशि के जो जातक पहले से ही किसी रिलेशनशिप में हैं, हो सकता है कि आपके रिश्ते में कुछ समस्याएं जन्म ले लें।
- इस दौरान आपको भारी खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि भी हो सकती है और कभी-कभी स्थितियां आपके नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं।
- वृश्चिक राशि के जातकों को अपनी माता जी के स्वास्थ्य के लिए धन ख़र्च करना पड़ सकता है क्योंकि उनकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ॐ केतवे नमः” का जाप करें।
धनु राशि
- आपके ज्ञान में वृद्धि होगी जिसके फलस्वरूप नौकरी में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।
- जो छात्र हायर स्टडीज के लिए योजना बना रहे हैं, उन्हें भी तीव्रता से लाभ प्राप्त हो सकता है
- जो जातक प्रेम संबंध में हैं और शादी करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सफलता हासिल हो सकती है।
- नौकरीपेशा जातकों के लिए विदेश जाकर धन कमाने के योग बनेंगे।
- तीसरे भाव में शनि की उपस्थिति के परिणामस्वरूप आप खुद को स्वस्थ और फिट बनाए रखने में सक्षम होंगे।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ॐ गुरुवे नमः” का जाप करें।
मकर राशि
- महीने के आखिरी में काम के सिलसिले से विदेश यात्रा संभव हो सकती हैं। इन यात्राओं से आपको खासा लाभ होगा।
- विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सफलता मिल सकती है।
- प्रेम संबंध में हैं उन्हें भी यह महीना बोझिल लगेगा क्योंकि हो सकता है कि आपसी समझ न के बराबर रहे और नोक-झोंक हो जाए।
- संभावना है कि घरेलू खर्च ज्यादा हो सकते हैं। ऐसे में, हो सकता है कि आप इन खर्चों का सामना करने में सक्षम न हो सके।
- इस दौरान आपको आंखों में दर्द-संक्रमण, दांतों में दर्द आदि परेशान कर सकती हैं।
उपाय: प्रतिदिन 11 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
कुंभ राशि
- हो सकता है कि इस दौरान कार्यस्थल पर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़े और अनचाही यात्राएं करनी पड़े।
- जो छात्र उच्च या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रेम संबंध में हैं, उनके रिश्ते में अशांति हो सकती है।
- इस महीने आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी वरना आर्थिक स्थिति में गिरावट आ सकती है।
- इस दौरान आपको मानसिक तनाव, पीठ दर्द, बेचैनी, उलझन, चिंता और अनिद्रा जैसी समास्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
मीन राशि
- काम में कई बाधाएं पैदा हो सकती हैं, जिसके कारण आप नौकरी बदलने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
- जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें भी अच्छे परिणाम मिलने की प्रबल संभावना है।
- प्रेम और वैवाहिक जीवन में औसत परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। रिश्ते में सामंजस्य की कमी के कारण साथी से नोकझोंक की संभावना है।
- ग्रहों की इस स्थिति के कारण आपके खर्चों में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
- आपको खांसी, पैरों और जोड़ों में दर्द, चिंता और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ॐ हं हनुमते नमः” का जाप करें।
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